देहरादूनः उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New Education Policy in Uttarakhand) की शुरुआत हो गई है. केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 16 अक्टूबर को राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि देश में सबसे पहले राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए उत्तराखंड सरकार को बधाई. उन्होंने कहा कि आज उत्तराखंड में उच्च शिक्षा में इसका शुभारंभ किया गया है. बाल वाटिका से प्रारम्भिक शिक्षा में उत्तराखंड ने ही इसकी सबसे पहले शुरुआत की.
इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत को बधाई भी दी. उन्होंने कहा कि देवभूमि विद्वानों की भूमि है. इस देवभूमि से नई शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन के लिए अभी अनेक विचार आएंगे. अब प्रयास करने होंगे कि आने वाले समय में शत प्रतिशत बच्चे बाल वाटिकाओं में प्रवेश करें. उन्होंने कहा कि किसी भी देश एवं समाज का विकास बेहतर शिक्षा से ही हो सकता है.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 मानवीय जीवन के सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है. शिक्षा के साथ ही बच्चों के कौशल विकास, उनके व्यक्तित्व के विकास, भाषाई विकास एवं नैतिक मूल्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है। शिक्षा व्यक्ति की आत्मनिर्भरता से जुड़ी हुई है.
केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों को 3 साल से फॉर्मल एजुकेशन से जोड़ा जा रहा है. इसके तहत बाल वाटिका शुरू की गई है, बाल वाटिका में 3 साल सीखने के बाद बच्चा पहली कक्षा में प्रवेश करेगा. तब उसकी उम्र 6 साल होगी.
NEP से होगा ऐतिहासिक परिवर्तन: इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में नई शिक्षा नीति शिक्षा के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक परिवर्तन सिद्ध होगी. यह नीति गुणात्मक शिक्षा के विस्तार, विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों के विकास एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में भी सहायक होगी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि किसी भी देश को गति देने में युवाओं का अहम योगदान रहता है. आजादी के इस अमृत काल में ये शिक्षा नीति नए भारत का निर्माण करेगी.
उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू एक सकारात्मक कदम है. देश में कई सालों तक ऐसा शिक्षा सिस्टम लागू था, जिसका काम सिर्फ सेवा वर्ग के लिए लोगों को तैयार करना था, लेकिन नई शिक्षा नीति देश की संस्कृति से रूबरू करवाने के साथ ही युवाओं में कौशल विकास भी करेगी.
सीएम धामी ने कहा कि बचपन और शिक्षा बार-बार नहीं मिलती. हमें देश के कर्णधारों को अच्छी शिक्षा देने का काम करना होगा. जब पूरी दुनिया शिक्षा के बारे में नहीं जानती थी, तब हमारे यहां तक्षशिला और नालंदा जैसे विश्वविद्यालय थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया है कि देश को अच्छी शिक्षा मिले, इसके लिए ही नई शिक्षा नीति लागू की गई है. पढ़ाई में भी हिंदी को जगह मिल रही है. युवाओं को प्रतिभावान बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार वचनबद्ध है.
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इसके साथ ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में आयोजित शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग एवं कौशल विकास की समीक्षा बैठक में प्रतिभाग किया. देहरादून पहुंचने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने उनका जोरदार स्वागत किया. इसके बाद मुख्यमंत्री आवास सभागार में केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग, उच्च शिक्षा विभाग और कौशल विकास की समीक्षा बैठक हुई. जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत समेत संबंधिकारी अधिकारी मौजूद रहे.