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बाबा रामदेव ने अपने बयान को लिया वापस, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के पत्र के बाद जताया खेद

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन के पत्र के बाद बाबा रामदेव ने अपने बयान को वापस लेते हुए खेद जताया है. इससे पहले हर्षवर्धन ने रामदेव से अपना बयान वापस लेने को भी कहा था.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लिखा पत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लिखा पत्र
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Published : May 23, 2021, 10:32 PM IST

Updated : May 24, 2021, 6:46 AM IST

दिल्ली/देहरादून: एलोपैथिक चिकित्सा पर दिए गए बयान पर खेद जताते हुए बाबा रामदेव ने अपने बयान को वापस ले लिया है. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि उन्होंने रामदेव को पत्र लिखा है और उनसे विवादित बयान वापस लेने को कहा था.

  • माननीय श्री @drharshvardhan जी आपका पत्र प्राप्त हुआ,
    उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूँ और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं- pic.twitter.com/jEAr59VtEe

    — स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि रामदेव का बयान कोरोना वॉरियर्स का अपमान करता है. इससे देश की भावनाएं भी आहत हुई हैं. उन्हों रामदेव को लिखे अपने दो पेज के पत्र में लिखा है कि रामदेव का बयान डॉक्टरों का मनोबल तोड़ने वाला और कोरोना महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर करने वाला साबित हो सकता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का पत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का पत्र

गौरतलब है कि भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने शनिवार को रामदेव के बयान को 'अज्ञानता भरी' टिप्पणी करार दिया था. आईएमए ने मांग की थी कि कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

बाद में मामला तूल पकड़ता देख हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने रामदेव की टिप्पणी से इनकार किया और इसे 'गलत' बताया. पतंजलि योगपीठ ने एक बयान जारी कर टिप्पणी का खंडन किया था और कहा है कि 'यह स्पष्ट किया गया है कि वीडियो का संपादित किया गया संस्करण स्वामी जी द्वारा दिए जा रहे संदर्भ से अलग है.'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का पत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का पत्र

बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने कहा कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं. आईएमए के अनुसार, रामदेव ने कहा कि 'एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है.'

दिल्ली/देहरादून: एलोपैथिक चिकित्सा पर दिए गए बयान पर खेद जताते हुए बाबा रामदेव ने अपने बयान को वापस ले लिया है. इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि उन्होंने रामदेव को पत्र लिखा है और उनसे विवादित बयान वापस लेने को कहा था.

  • माननीय श्री @drharshvardhan जी आपका पत्र प्राप्त हुआ,
    उसके संदर्भ में चिकित्सा पद्दतियों के संघर्ष के इस पूरे विवाद को खेदपूर्वक विराम देते हुए मैं अपना वक्तव्य वापिस लेता हूँ और यह पत्र आपको संप्रेषित कर रहा हूं- pic.twitter.com/jEAr59VtEe

    — स्वामी रामदेव (@yogrishiramdev) May 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि रामदेव का बयान कोरोना वॉरियर्स का अपमान करता है. इससे देश की भावनाएं भी आहत हुई हैं. उन्हों रामदेव को लिखे अपने दो पेज के पत्र में लिखा है कि रामदेव का बयान डॉक्टरों का मनोबल तोड़ने वाला और कोरोना महामारी के खिलाफ देश की लड़ाई को कमजोर करने वाला साबित हो सकता है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का पत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का पत्र

गौरतलब है कि भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने शनिवार को रामदेव के बयान को 'अज्ञानता भरी' टिप्पणी करार दिया था. आईएमए ने मांग की थी कि कथित रूप से लोगों को भ्रमित करने और एलोपैथी दवाओं को 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' बताने के लिए योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.

बाद में मामला तूल पकड़ता देख हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट ने रामदेव की टिप्पणी से इनकार किया और इसे 'गलत' बताया. पतंजलि योगपीठ ने एक बयान जारी कर टिप्पणी का खंडन किया था और कहा है कि 'यह स्पष्ट किया गया है कि वीडियो का संपादित किया गया संस्करण स्वामी जी द्वारा दिए जा रहे संदर्भ से अलग है.'

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का पत्र
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन का पत्र

बता दें कि सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो का हवाला देते हुए आईएमए ने कहा कि रामदेव ने दावा किया है कि एलोपैथी 'मूर्खतापूर्ण विज्ञान' है और भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फेवीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं बीमारी का इलाज करने में असफल रही हैं. आईएमए के अनुसार, रामदेव ने कहा कि 'एलोपैथी दवाएं लेने के बाद लाखों की संख्या में मरीजों की मौत हुई है.'

Last Updated : May 24, 2021, 6:46 AM IST
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