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शेयर ट्रेडिंग में मुनाफे का लालच देकर ठगे 90 लाख रुपए, पुलिस के हत्थे चढ़े दो आरोपी - TWO CYBER FRAUD ARRESTED

पीड़ित ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर क्लिक किया और एक Whatsapp ग्रुप से जोड़ा गया, जहां मुनाफा दिखाकर 90 लाख रुपए ठगे गए.

TWO CYBER FRAUD ARRESTED FROM RAJASTHAN
देहरादून पुलिस की गिरफ्त में आरोपी (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 13, 2025, 12:47 PM IST

Updated : Feb 13, 2025, 12:54 PM IST

देहरादून: पुलिस ने सोशल मीडिया पर शेयर मार्केट और ट्रेडिंग धोखाधड़ी करने वाले दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ की साइबर टीम ने दोनों आरोपियों को जयपुर, राजस्थान से अरेस्ट किया है. आरोपी सोशल मीडिया पर विज्ञापन से लोगों को अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुपों में जोड़ते थे और अधिक मुनाफे का लालच देकर ठगी करते थे. आरोपियों ने लोगों से करीब 90 लाख की ठगी की है. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी मान रही है.

धोखाधड़ी का कैसा हुआ खुलासा: बता दें कि नैनीताल निवासी पीड़ित ने सितम्बर 2024 में केस दर्ज कराया था. पीड़ित ने बताया कि अगस्त-सितम्बर 2024 में उन्होंने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा, जिसपर क्लिक करते ही एक अज्ञात व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ना बताया गया. ग्रुप में ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के लिए प्रशिक्षित किया जाना बताया गया. ग्रुप में पहले से जुड़े लोगों ने अपने प्रॉफिट की धनराशि संबंधी स्क्रीनशॉट शेयर किए थे. पीड़ित को ऑनलाइन ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट करने के लिए आरोपियों ने व्हाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध कराए गए अलग-अलग बैंक खातों में करीब 90 लाख रुपये की धनराशि धोखाधड़ी से जमा कराई गई.

पुलिस ने खंगाली बैंक अकाउंट और मोबाइल फोन की डिटेल: विवेचना के दौरान साइबर थाना पुलिस टीम द्वारा मुकदमे में सामने में आए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया गया. जिसके बाद टीम ने घटना के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी संतोष कुमार मीणा निवासी जयपुर, राजस्थान और नीरज कुमार मीणा को चिन्हित करते हुए आरोपियों की तलाश जारी की और गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिश दी गयी. साइबर टीम ने दोनों आरोपियों को जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया. तलाशी में आरोपियों से घटना में प्रयोग 05 मोबाइल फोन, 09 सिम कार्ड, 04 चेक बुक, 02 डेबिट कार्ड, 01 पास बुक, 02 आधार कार्ड, एक पैन कार्ड भी बरामद हुआ है.

अपराध का तरीका: आरोपियों ने फेसबुक पर विज्ञापन प्रकाशित किया जाता था. जिस पर क्लिक करने पर पीड़ित खुद ऑनलाइन ट्रेडिंग संबंधी व्हाट्सप ग्रुपों से जुड़ जाते थे. जिसमें ऑनलाइन ट्रेडिंग करने पर शार्ट टर्म में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्टमेंट के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी की जा रही थी. जिनके द्वारा व्हाट्सअप ग्रुपों में लोग अलग-अलग शेयर में इन्वेस्ट करने के नाम पर लाभ प्राप्त होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजते थे. जिससे ग्रुप में जुड़े अन्य पीड़ित इनके झांसे में आकर धनराशि इन्वेस्ट कर देते थे.

फर्जी तरीके से बनाई थी एप, दिखाते थे मुनाफा: इन्वेस्ट की गई धनराशि में मुनाफा दिखाने के लिए एक फर्जी एप का प्रयोग करते थे और उसके डैशबोर्ड पर पीड़ितों द्वारा इन्वेस्ट की गयी धनराशि को भारी लाभ के साथ दिखाया जाता था. जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था. लेकिन खुद के साथ हो रही साइबर धोखाधड़ी का अंदेशा नहीं हो पाता था. अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर धनराशि को अन्य खातों में ट्रांसफर दिया जाता था. साथ ही साइबर पुलिस देश भर में अलग-अलग राज्यों से प्राप्त शिकायतों के संबंध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है.

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपियों ने साइबर अपराध के लिए जिन बैंक खातों का प्रयोग किया है, उसमें मात्र 4-5 माह में ही लाखों रुपयों का लेन-देन होना सामने आया है. जांच में पता चला कि आरोपियों के बैंक खाते के खिलाफ देश के कई राज्यों में कुल 6 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं.

ये भी पढ़ें- साइबर ठग गिरोह का सदस्य गिरफ्तार, स्टॉक मार्केट के नाम पर लगाया था 13 लाख का चूना

ये भी पढ़ें- साइबर ठगों ने नगर आयुक्त को भी नहीं छोड़ा, बैंक खाते से उड़ाए 1.84 लाख, जानिए कैसे लगाया चूना

देहरादून: पुलिस ने सोशल मीडिया पर शेयर मार्केट और ट्रेडिंग धोखाधड़ी करने वाले दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है. एसटीएफ की साइबर टीम ने दोनों आरोपियों को जयपुर, राजस्थान से अरेस्ट किया है. आरोपी सोशल मीडिया पर विज्ञापन से लोगों को अलग-अलग व्हाट्सएप ग्रुपों में जोड़ते थे और अधिक मुनाफे का लालच देकर ठगी करते थे. आरोपियों ने लोगों से करीब 90 लाख की ठगी की है. पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी को बड़ी कामयाबी मान रही है.

धोखाधड़ी का कैसा हुआ खुलासा: बता दें कि नैनीताल निवासी पीड़ित ने सितम्बर 2024 में केस दर्ज कराया था. पीड़ित ने बताया कि अगस्त-सितम्बर 2024 में उन्होंने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा, जिसपर क्लिक करते ही एक अज्ञात व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ना बताया गया. ग्रुप में ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के लिए प्रशिक्षित किया जाना बताया गया. ग्रुप में पहले से जुड़े लोगों ने अपने प्रॉफिट की धनराशि संबंधी स्क्रीनशॉट शेयर किए थे. पीड़ित को ऑनलाइन ट्रेडिंग में इन्वेस्टमेंट करने के लिए आरोपियों ने व्हाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध कराए गए अलग-अलग बैंक खातों में करीब 90 लाख रुपये की धनराशि धोखाधड़ी से जमा कराई गई.

पुलिस ने खंगाली बैंक अकाउंट और मोबाइल फोन की डिटेल: विवेचना के दौरान साइबर थाना पुलिस टीम द्वारा मुकदमे में सामने में आए बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का सत्यापन किया गया. जिसके बाद टीम ने घटना के मास्टरमाइंड और मुख्य आरोपी संतोष कुमार मीणा निवासी जयपुर, राजस्थान और नीरज कुमार मीणा को चिन्हित करते हुए आरोपियों की तलाश जारी की और गिरफ्तारी हेतु कई स्थानों पर दबिश दी गयी. साइबर टीम ने दोनों आरोपियों को जयपुर राजस्थान से गिरफ्तार किया. तलाशी में आरोपियों से घटना में प्रयोग 05 मोबाइल फोन, 09 सिम कार्ड, 04 चेक बुक, 02 डेबिट कार्ड, 01 पास बुक, 02 आधार कार्ड, एक पैन कार्ड भी बरामद हुआ है.

अपराध का तरीका: आरोपियों ने फेसबुक पर विज्ञापन प्रकाशित किया जाता था. जिस पर क्लिक करने पर पीड़ित खुद ऑनलाइन ट्रेडिंग संबंधी व्हाट्सप ग्रुपों से जुड़ जाते थे. जिसमें ऑनलाइन ट्रेडिंग करने पर शार्ट टर्म में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्टमेंट के नाम पर लाखों रुपए की धोखाधड़ी की जा रही थी. जिनके द्वारा व्हाट्सअप ग्रुपों में लोग अलग-अलग शेयर में इन्वेस्ट करने के नाम पर लाभ प्राप्त होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजते थे. जिससे ग्रुप में जुड़े अन्य पीड़ित इनके झांसे में आकर धनराशि इन्वेस्ट कर देते थे.

फर्जी तरीके से बनाई थी एप, दिखाते थे मुनाफा: इन्वेस्ट की गई धनराशि में मुनाफा दिखाने के लिए एक फर्जी एप का प्रयोग करते थे और उसके डैशबोर्ड पर पीड़ितों द्वारा इन्वेस्ट की गयी धनराशि को भारी लाभ के साथ दिखाया जाता था. जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था. लेकिन खुद के साथ हो रही साइबर धोखाधड़ी का अंदेशा नहीं हो पाता था. अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को अलग-अलग बैंक खातों में प्राप्त कर धनराशि को अन्य खातों में ट्रांसफर दिया जाता था. साथ ही साइबर पुलिस देश भर में अलग-अलग राज्यों से प्राप्त शिकायतों के संबंध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है.

एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपियों ने साइबर अपराध के लिए जिन बैंक खातों का प्रयोग किया है, उसमें मात्र 4-5 माह में ही लाखों रुपयों का लेन-देन होना सामने आया है. जांच में पता चला कि आरोपियों के बैंक खाते के खिलाफ देश के कई राज्यों में कुल 6 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं.

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Last Updated : Feb 13, 2025, 12:54 PM IST
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