देहरादून: प्रदेश के राजकीय मेडिकल काॅलेजों (Government Medical College) को स्वीकृत बजट समय पर खर्च करने की जिम्मेदारी संबंधित प्राचार्य एवं वित्त नियंत्रक की होगी. जबकि काॅलेजों में निर्माणाधीन कार्यों को पूर्ण करने में लापरवाही बरतने वाली कार्यदायी संस्थाओं के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी. राजकीय मेडिकल काॅलेजों में एनएमसी मानकों के अनुरूप शैक्षणिक पदों, गैर शैक्षणिक एवं पैरामेडिकल स्टाफ के पदों का ढांचा तैयार कर शीघ्र कैबिनेट में लाया जायेगा.
स्वास्थ्य मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत (Health Minister Dhan Singh Rawat) ने बैठक में सूबे के राजकीय मेडिकल काॅलेजों द्वारा वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिये स्वीकृत बजट खर्च करने की धीमी गति पर नाराजगी जताते हुये संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई. उन्होंने कहा कि मेडिकल काॅलेजों के लिये स्वीकृति बजट को समय पर खर्च करने की जिम्मेदारी संबंधित प्राचार्य व वित्त नियंत्रक की होगी. यदि बजट खर्च में लापरवाही बरती गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. इसी प्रकार विभिन्न मेडिकल काॅलेजों में चल रहे निर्माण कार्यों की प्रगति पर भी असंतोष व्यक्त करते हुए विभागीय मंत्री ने निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये. उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि यदि कोई निर्माण कार्यों में किसी कार्यदायी संस्था की लेटलतीफी सामने आती है तो उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जायेगी.
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राजकीय मेडिकल काॅलेजों में कार्मिकों की कमी को पूरा करने के लिये उन्होंने एनएमसी मानकों के अनुरूप टीचिंग एवं अन्य आवश्यक कार्मिकों का ढांचा तैयार कर कैबिनेट में लाने के निर्देश दिये. इसके साथ ही मेडिकल काॅलेजों हेतु सहायक प्राध्यापक की न्यूनतम आयु सीमा में संशोधन, मेडिकल सुपरिटेंडेंट के पद के वेतनमान वृद्धि संबंधी प्रस्ताव, सीनियर रेजीडेंट का मानदेय बढ़ाने के अलावा मेडिकल काॅलेजों में वर्षों से कार्यरत कार्मिकों का वन टाइम सेटलमेंट संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट में लाने के निर्देश अधिकारियों को दिये. उन्होंने मेडिकल विश्वविद्यालय एवं चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति/सेवा स्थानांतरण के आधार पर शीघ्र भरने के निर्देश भी दिये. मंत्री ने श्रीनगर मेडिकल काॅलेज में वर्षों से तैनात 350 से अधिक अल्प वेतन भोगी कार्मिकों को समान कार्य एवं समान वेतन के तहत न्यूनतम वेतनमान देने संबंधी आदेश शीघ्र जारी करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये.