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उत्तराखंड: आयुष्मान मिशन के तहत बनी 22 लाख डिजिटल हेल्थ आईडी - Digital health ID made for more than 22 lakh people in Uttarakhand

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत हेल्थ आईडी बनाई जा रही है. इसमें अब तक 22 लाख से ज्यादा लोगों की डिजिटल हेल्थ आईडी बन चुकी है.

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उत्तराखंड में आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ने पकड़ी रफ्तार
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Published : Jun 27, 2022, 10:24 PM IST

देहरादून: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत बन रही हेल्थ आईडी को लेकर लोगों में काफी जागरूकता दिखाई दे रही है. इसका नतीजा है कि कम समय में ही यहां 22 लाख 44 हजार 889 लोगों की हेल्थ आईडी बन चुकी है, जबकि अब भी लोग लगातार हेल्थ आईडी बनाने के लिए पहुंच रहे हैं.

डिजिटल वर्ल्ड में स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) का अपना महत्व है. केंद्र की ओर संचालित इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में रहने वाले हर व्यक्ति की हेल्थ आईडी बनाई जानी है. जिसमें उसका स्वास्थ्य संबंधी सारी जानकारियां रहेंगी. इसके अलावा 913 (HPR) चिकित्सा सेवाएं देने वालों डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ में नर्सों ने स्वयं को इस मिशन में पंजीकृत कर दिया है.

पढ़ें- उत्तराखंड में अग्निपथ योजना के खिलाफ कांग्रेस का धरना प्रदर्शन, खटीमा में विधायक ने किया सत्याग्रह

वहीं, HFR के अंतर्गत चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने वाले 130 अस्पतालों ने भी खुद को ABDM में पंजीकृत कर दिया है. डिजिटल हेल्थ आईडी, हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री (HFR) को बनाने का कार्य निरंतर चल रहा है. जाहिर तौर पर इस रफ्तार का अहम कारण यह भी है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से इसके लिए खासे प्रयास किए जा रहे हैं.

पढ़ें- हल्द्वानी के पास है श्रीलंका टापू, मॉनसून में दुनिया से कट जाता है गांव का कनेक्शन

आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत बन रही हेल्थ आईडी में कार्ड धारक की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां एक जगह सुरक्षित स्टोर होंगी. हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्रेशन के जरिए अपने चिकित्सक को लेकर उसका अध्ययन और विषेशज्ञता के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल सकेगी. हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन से हर कोई मरीज अस्पताल में स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले कार्मिक की विशिष्टता, विषेशज्ञता व अनुभव के बारे में जानकारी ले सकेगा.

देहरादून: आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत बन रही हेल्थ आईडी को लेकर लोगों में काफी जागरूकता दिखाई दे रही है. इसका नतीजा है कि कम समय में ही यहां 22 लाख 44 हजार 889 लोगों की हेल्थ आईडी बन चुकी है, जबकि अब भी लोग लगातार हेल्थ आईडी बनाने के लिए पहुंच रहे हैं.

डिजिटल वर्ल्ड में स्वास्थ्य के लिए आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) का अपना महत्व है. केंद्र की ओर संचालित इस योजना के अंतर्गत प्रदेश में रहने वाले हर व्यक्ति की हेल्थ आईडी बनाई जानी है. जिसमें उसका स्वास्थ्य संबंधी सारी जानकारियां रहेंगी. इसके अलावा 913 (HPR) चिकित्सा सेवाएं देने वालों डॉक्टर एवं पैरामेडिकल स्टाफ में नर्सों ने स्वयं को इस मिशन में पंजीकृत कर दिया है.

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वहीं, HFR के अंतर्गत चिकित्सा सेवाएं मुहैया कराने वाले 130 अस्पतालों ने भी खुद को ABDM में पंजीकृत कर दिया है. डिजिटल हेल्थ आईडी, हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्री (HPR) और हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री (HFR) को बनाने का कार्य निरंतर चल रहा है. जाहिर तौर पर इस रफ्तार का अहम कारण यह भी है कि राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से इसके लिए खासे प्रयास किए जा रहे हैं.

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आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत बन रही हेल्थ आईडी में कार्ड धारक की स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारियां एक जगह सुरक्षित स्टोर होंगी. हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स रजिस्ट्रेशन के जरिए अपने चिकित्सक को लेकर उसका अध्ययन और विषेशज्ञता के बारे में संपूर्ण जानकारी मिल सकेगी. हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्रेशन से हर कोई मरीज अस्पताल में स्वास्थ्य की देखभाल करने वाले कार्मिक की विशिष्टता, विषेशज्ञता व अनुभव के बारे में जानकारी ले सकेगा.

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