देहरादून: FRI में चल रहे कार्यक्रम के दौरान अचानक रेशम फेडरेशन के स्टॉल पर रेशम उत्पादों की खरीदारी करने संयुक्त राष्ट्र की प्रतिनिधि एवं निदेशक सेक्टेरिएट यूनाइटेड नेशन फोरम ऑन फारेस्ट (UNFF) डाक्टर जूलियट बियाओ पहुंच गईं. इस दौरान उन्होंने रेशम प्रोडक्शन और इससे जुड़े निम्न वर्ग के बुनकरों और उनको दिए जाने वाले रोजगार को लेकर जानकारी ली.
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रेशम फेडरेशन के सिल्क पार्क में पहुंची संयुक्त राष्ट्र की प्रतिनिधि: शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र की प्रतिनिधि और निदेशक सेक्टेरिएट यूनाइटेड नेशन फोरम ऑन फारेस्ट यानी UNFF डाक्टर जूलियट बियाओ अपने कुछ अन्य साथियों के साथ देहरादून FRI में उपराष्ट्रपति की मौजूदगी में चल रहे वन सम्मेलन में भाग लेने पहुंची थीं. कार्यक्रम के बाद वह अचानक देहरादून प्रेमनगर में मौजूद कोऑपरेटिव रेशम फेडरेशन के सिल्क पार्क भवन में पहुंची. वहां उन्होंने फेडरेशन द्वारा निर्मित उत्पाद देखे. साथ ही इनके बनाने की विधि के बारे में भी जानकारी ली. उन्होंने रेशम फेडरेशन की तमाम गतिविधियों के संबंध में भी जानकारी ली. बताया जा रहा है कि डायरेक्टर UNFF डॉ बियाओ FRI के कार्यक्रम के बाद किसी वन अधिकारी की सलाह पर सिल्क पार्क पहुंची थीं.
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पर्यावरण और कोऑपरेटिव में डॉ जूलियट को है महारत: डॉ बियाओ ने रेशम फेडरेशन की ओर से जनजाति और अन्य दुर्बल वर्ग के लोगों के लिए रेशम से जोड़ते हुए लिये चलाई जा रही योजनाओं की भी तारीफ की. साथ ही उन्होंने सिल्क पार्क में चल रही बुनाई कार्यशाला में निर्मित किये जा रहे प्रोडक्ट का भी मुआयना किया. आपको बता दें कि डाक्टर जूलियट का औद्यानिकी, कृषि और फॉरेस्ट सेक्टर में बड़ा एक्सपोजर है. उन्होंने अपने जीवन के 32 साल इसी सेक्टर के में काम करते हुए अफ्रीका और लैटिन अमेरिका जैसे इलाकों में पर्यावरण, लैंगिक समानता के क्षेत्र में जटिल प्रबंधन कार्य करते हुए अहम योगदान दिए हैं. डाक्टर जूलियट को पश्चिम अफ्रीका में पहली महिला वनपाल की भी उपलब्धि हासिल है. वो रिजर्व एरिया में कोऑपरेटिव मैनेजमेंट के अलावा कई ऐतिहासिक पहल शुरू करने के लिए जानी जाती हैं.
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डॉ जूलियट ने की रेशम उत्पादों की तारीफ: इतना ही नहीं रेशम फेडरेशन के पूरे काम करने के तरीके और इससे जुड़े लोगों के तमाम पहलुओं और जानकारी लेने के बाद डाक्टर जूलियट खाली हाथ वापस नहीं गईं, बल्कि उन्होंने कुछ खरीदारी भी की. उन्होंने दून सिल्क के रिटेल स्टोर से अलग अलग रेशम फैब्रिक खरीदे. इनमें कई तरह के वस्त्र शामिल थे. उन्होंने देहरादून में बन रहे रेशम उत्पादों की क्वालिटी की भी जमकर तारीफ की.
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