देहरादून: आगामी त्योहारी सीजन को देखते हुए उत्तराखंड परिवहन निगम ने कुछ और बसों को सड़कों पर उतराने का फैसला लिया है. फिलहाल उत्तराखंड रोडवेज की 700 बसें चल रही हैं. त्योहारों में यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए निगम ने 200 और बसें चलाने के निर्णय लिया है. ताकि आम लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना न करना पड़ें.
उत्तराखंड परिवहन ने जिन रुटों पर बसों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया है उसमें दिल्ली, चंडीगढ़, हल्द्वानी, मुरादाबाद, जयपुर और गुरुग्राम समेत प्रदेश के पर्वतीय मार्गों के अलावा हरिद्वार, ऋषिकेश और मसूरी के लोकल रुट है. इसके साथ ही दिल्ली के लिए एसी और वॉल्वो बसें भी चलेंगी. दिल्ली सरकार ने उत्तराखंड रोडवेज को अनुमति दे दी है. अब करीब सात महीने बाद उत्तराखंड रोडवेज की एसी और वोल्वो बसें सड़कों पर उतरेंगी.
बता दें कि अनलॉक-5 में उत्तराखंड रोडवेज ने प्रदेश के बाहर अपनी बसों के संचालन को अनुमति दी थी. पहले चरण में दिल्ली और गुरुग्राम के लिए 50 फीसदी बसों का संचालन शुरू किया गया था. परिवहन निगम के पास 36 वोल्वो और 14 एसी बसें हैं. जिसमें से करीब 90 फीसदी बसों का संचालन दिल्ली और गुरुग्राम के रुटों पर होता है. हालांकि अभी सिर्फ 50 प्रतिशत बसों का संचालन ही किया है. यानी की 25 एसी और वोल्वो बसें चलायी जाएंगी.
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भुगतान की पुरानी व्यवस्था की गई बहाल
एक लंबे इंतजार के बाद आखिरकार परिवहन निगम ने रोडवेज कर्मचारियों को राहत देते हुए प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान की व्यवस्था को बहाल कर दिया है. जिसका आदेश रोडवेज के महाप्रबंधक संचालक दीपक जैन ने जारी कर दिया है.
गौरतलब हो कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते पूर्व संविदा या विशिष्ट श्रेणी के चालकों-परिचालकों के प्रति किलोमीटर के हिसाब से भुगतान पर रोक लगा दी थी. इन चालकों-परिचालकों को एकमुश्त 9125 रुपये प्रति महीना भुगतान किये जाने का निर्णय लिया गया था. हालांकि परिवहन निगम के इस फैसले से 3 हजार रोडवेज कर्मचारियों को लाभ मिलेगा.