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गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने को यूकेडी ने बताया जनता के साथ धोखा - gairsain a summer capital

गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का भाजपा सरकार ने निर्णय लिया था, जिस पर उत्तराखंड राज्यपाल ने मुहर लगा दी है. इससे नाराज उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी ) जनता के साथ धोखा बताते हुए मंगलवार को काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने की तैयारी में है.

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Published : Jun 8, 2020, 9:25 PM IST

देहरादून: गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के भाजपा सरकार के फैसले पर राज्यपाल ने मुहर लगा दी है. इससे नाराज उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी ) ने भाजपा सरकार पर गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी के नाम पर प्रदेश की जनता के साथ धोखा बताया है. जिसके विरोध मे यूकेडी के कार्यकर्ता मंगलवार को काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने जा रहे हैं. साथ ही गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं.

यूकेडी ने बताया जनता के साथ धोखा.

यूकेडी के जिलाध्यक्ष विजय बौड़ाई ने बताया कि भाजपा सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का निर्णय पूरी तरह से उत्तराखंड की जनमानस के खिलाफ लिया गया फैसला है. क्योंकि छोटा प्रदेश होने के नाते यहां आर्थिक स्थितियों और संसाधन इतने अच्छे नहीं हैं. ऐसे में दो-दो राजधानियों का बोझ यहां की जनता पर पड़ेगा. जिसे यूकेडी कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण बननी चाहिए थी, क्योंकि यहां की जनता गैरसैंण को ही स्थाई राजधानी देखना चाहती है. लेकिन भाजपा सरकार ने प्रदेश को शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन राजधानियों में बांट दिया है. यह सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है.

पढ़ें: कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार को घेरा, कहा- कर्ज लेकर घी पीने की आदत छोड़ें


बता दें कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग साठ के दशक में पहली बार उठी थी. इस मांग को उठाने वाले पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली थे. यही कारण था कि उत्तराखंड क्रांति दल ने उस दौर में गैरसैंण को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर चंद्रनगर रखा था.

देहरादून: गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने के भाजपा सरकार के फैसले पर राज्यपाल ने मुहर लगा दी है. इससे नाराज उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी ) ने भाजपा सरकार पर गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी के नाम पर प्रदेश की जनता के साथ धोखा बताया है. जिसके विरोध मे यूकेडी के कार्यकर्ता मंगलवार को काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन करने जा रहे हैं. साथ ही गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग कर रहे हैं.

यूकेडी ने बताया जनता के साथ धोखा.

यूकेडी के जिलाध्यक्ष विजय बौड़ाई ने बताया कि भाजपा सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने का निर्णय पूरी तरह से उत्तराखंड की जनमानस के खिलाफ लिया गया फैसला है. क्योंकि छोटा प्रदेश होने के नाते यहां आर्थिक स्थितियों और संसाधन इतने अच्छे नहीं हैं. ऐसे में दो-दो राजधानियों का बोझ यहां की जनता पर पड़ेगा. जिसे यूकेडी कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश की स्थाई राजधानी गैरसैंण बननी चाहिए थी, क्योंकि यहां की जनता गैरसैंण को ही स्थाई राजधानी देखना चाहती है. लेकिन भाजपा सरकार ने प्रदेश को शीतकालीन और ग्रीष्मकालीन राजधानियों में बांट दिया है. यह सरकार का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है.

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बता दें कि गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग साठ के दशक में पहली बार उठी थी. इस मांग को उठाने वाले पेशावर कांड के महानायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली थे. यही कारण था कि उत्तराखंड क्रांति दल ने उस दौर में गैरसैंण को वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के नाम पर चंद्रनगर रखा था.

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