देहरादून: डेस्टिनेशन उत्तराराखंड, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का मुख्य कार्यक्रम 8 और 9 दिसंबर को संपन्न हो गया. इस समिट के बाद अब सरकार एमओयू को धरातल पर उतरने के लिए रणनीतियां तैयार कर रही है. जिसके तहत सरकार ने उद्योग विभाग के तहत यूके स्पाइस यूनिट का गठन करने के साथ ही समिट मित्र बनाये हैं. जिससे तमाम सेक्टरों में हुए एमओयू को धरातल पर उतारा जा सके.
दरअसल, यूके स्पाइस यूनिट निवेशकों से लगातार संपर्क करेगी. साथ ही निवेशकों की समस्याओं को दूर कर सकेंगे. जिससे निवेशकों को निवेश करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. राज्य सरकार का दावा है कि इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 3 लाख 52 हजार करोड़ रुपए का एमओयू साइन हुआ है. जिसके सापेक्ष 44 हजार करोड़ रुपए का निवेश धरातल पर उतर चुका है. सरकार ने इस समिट को लेकर जो लक्ष्य निर्धारित किया था उस लक्ष्य को पूरा कर लिया है. अब सरकार बचे हुए करीब 3 लाख करोड़ रुपए के एमओयू को धरातल पर उतारने की कवायद में जुट गई है.
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उद्योग विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, निवेश को धरातल पर उतरने के लिए उद्योग विभाग में उत्तराखंड सोसाइटी फॉर प्रमोशन ऑफ इंवेस्टर के साथ ही स्टार्टटप एंड इंटरप्रिन्योरशिप यानी यूके स्पाइस यूनिट बनाया गया है. इसके अतरिक्त, 5 करोड़ रुपए से अधिक एमओयू वाले प्रस्तावों को धरातल पर उतरने के लिए समिट मित्रों को तैनात किया गया है. जिससे निवेशकों को प्रदेश में निवेश करने में कोई दिक्कत ना हो. ये समिट मित्र सरकार और निवेशक के बीच सेतु का काम करेंगे.
वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने कहा सरकार की कोशिश है कि जो सभी एमओयू हुए हैं वो धरातल पर उतरें. इसके लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि समिट मित्र के रूप में लोगों को शामिल किया जाएगा. उन्होंने बताया आवास विभाग में 8 हज़ार करोड़ रुपए का एमओयू धरातल पर उतर चुके हैं. जिसमे और अधिक बढ़ोत्तरी होनी है. ऐसे में विभागीय अधिकारियों की और अधिक जिम्मेदारी बढ़ गई है, विभाग में और अधिक निवेश कराएं.