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राजभवन से अध्यादेश को मिली मंजूरी, पूर्व मुख्यमंत्रियों को देनदारी में मिलेगी छूट - राजभवन

राजभवन ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने से संबंधी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवास समेत अन्य सुविधाओं के संबंध में अध्यादेश को राजभवन तक पहुंचने में 15 दिन का समय लगा. जिसे राजभवन ने भी करीब 2 हफ्ते के बाद इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों की सरकारी सेवाएं बहाल हो जाएंगी.

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Published : Sep 6, 2019, 5:34 PM IST

देहरादूनः राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को अध्यादेश के जरिए राहत देने का काम किया है. राजभवन ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने से संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी रेट पर देनदारियों के भुगतान का मौका दिया गया है.

बता दें कि, त्रिवेंद्र सरकार ने बीते 13 अगस्त को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों पर अब तक ली गई सुविधाओं के भारी-भरकम किराये को लगभग खत्म करने का काम किया गया है. हालांकि, अध्यादेश लाने की खबर के बाद प्रदेश में त्रिवेंद्र सरकार के इस निर्णय का विरोध भी किया गया और सोशल मीडिया पर सरकार की जमकर फजीहत भी हुई.

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अध्यादेश को मूर्त रूप देने के लिए राजभवन तक पहुंचने में 15 दिन का समय लगा. जिसे राजभवन ने भी करीब 2 हफ्ते के बाद इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों की सरकारी सेवाएं बहाल हो जाएंगी. राजभवन से विधायी विभाग को अध्यादेश भेजा जा चुका है. इसके बाद अब इसकी प्रिंटिंग करवाई जा रही है.

वहीं, अध्यादेश के राजभवन से मंजूरी के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास पर लगाये गए भारी भरकम किराये को काफी कम कर दिया गया है. इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि बाकी ली गई सुविधाओं में भी सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों को रियायत दे रही है.

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उधर, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को रियायत देने की खबर की पुष्टि की है. सुबोध उनियाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को भविष्य में कोई सुविधाएं नहीं मिलेंगी. सीएम आवास पर लगाए गए किराए में सरकारी मानकों के लिहाज से किराया देने की बात अध्यादेश में रखी गई है. जबकि, पानी और बिजली का पूरा खर्चा पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा वहन किया जाएगा.

देहरादूनः राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को अध्यादेश के जरिए राहत देने का काम किया है. राजभवन ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सुविधाएं देने से संबंधित अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. इसके तहत पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी रेट पर देनदारियों के भुगतान का मौका दिया गया है.

बता दें कि, त्रिवेंद्र सरकार ने बीते 13 अगस्त को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी. इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों पर अब तक ली गई सुविधाओं के भारी-भरकम किराये को लगभग खत्म करने का काम किया गया है. हालांकि, अध्यादेश लाने की खबर के बाद प्रदेश में त्रिवेंद्र सरकार के इस निर्णय का विरोध भी किया गया और सोशल मीडिया पर सरकार की जमकर फजीहत भी हुई.

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अध्यादेश को मूर्त रूप देने के लिए राजभवन तक पहुंचने में 15 दिन का समय लगा. जिसे राजभवन ने भी करीब 2 हफ्ते के बाद इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों की सरकारी सेवाएं बहाल हो जाएंगी. राजभवन से विधायी विभाग को अध्यादेश भेजा जा चुका है. इसके बाद अब इसकी प्रिंटिंग करवाई जा रही है.

वहीं, अध्यादेश के राजभवन से मंजूरी के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास पर लगाये गए भारी भरकम किराये को काफी कम कर दिया गया है. इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि बाकी ली गई सुविधाओं में भी सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों को रियायत दे रही है.

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उधर, कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को रियायत देने की खबर की पुष्टि की है. सुबोध उनियाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को भविष्य में कोई सुविधाएं नहीं मिलेंगी. सीएम आवास पर लगाए गए किराए में सरकारी मानकों के लिहाज से किराया देने की बात अध्यादेश में रखी गई है. जबकि, पानी और बिजली का पूरा खर्चा पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा वहन किया जाएगा.

Intro:इस खबर को करेक्शन करके भेजा जा रहा है...कृपया इसी खबर को लगाएं।।।।


summary- उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अध्यादेश के जरिए राज्य सरकार में राहत देने का काम किया है...राजभवन ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को राहत देने से जुड़े अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।।। बताया जा रहा है कि इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों को देनदारी में सरकारी रेट पर ही देनदारियों का भुगतान करना होगा।




Body:खबर को करेक्शन करके भेजा गया है.....


उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी रेट पर देनदारियों के भुगतान का मौका दिया गया है।। त्रिवेंद्र सरकार ने अध्यादेश के जरिए पूर्व मुख्यमंत्रियों की देनदारी के दबाव को कम कर दिया है।।। आपको बता दें कि त्रिवेंद्र सरकार ने 13 अगस्त को कैबिनेट की बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दी थी... इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों पर अब तक ली गई सुविधाओं के भारी-भरकम किराये को करीब करीब खत्म करने का काम किया गया है। हालाकिं अध्यादेश लाने की खबर के बाद प्रदेश में त्रिवेंद्र सरकार के इस निर्णय का विरोध भी किया गया और सोशल मीडिया पर सरकार की जमकर फजीहत भी हुई ...शायरी कारण था कि अध्यादेश को मूर्त रूप देने के लिए राजभवन तक जाने में 15 दिन का समय लग गया ....खास बात यह है कि अब राजभवन ने भी करीब 2 हफ्ते के बाद इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी है जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्रियों की सरकारी सेवाएं बहाल हो जाएगी।।।। राजभवन से विधायी विभाग को अध्यादेश भेजा जा चुका है और इसके बाद अब इसकी प्रिंटिंग करवाई जा रही है।।। आपको बता दें कि अध्यादेश कि राजभवन से मंजूरी के बाद अब पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास पर लगाये गए भारी भरकम किराये को बेहद कम कर दिया गया है।।। यही नहीं बताया जा रहा है कि बाकी ली गई सुविधाओं में भी सरकार पूर्व मुख्यमंत्रियों को रियायत दे रही है।।। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को रियायत देने की खबर की पुष्टि की है सुबोध उनियाल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को भविष्य में कोई सुविधाएं नहीं मिलेंगी महेश आवास पर लगाए गए किराए में सरकारी मानकों के लिहाज से किराया देने की बात अध्यादेश में रखी गई है जबकि पानी और बिजली का पूरा खर्चा पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा वहन किया जाएगा।।।।


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