देहरादून: उत्तराखंड में बिजली संकट (power crisis in uttarakhand) खड़ा हो गया है. UPCL प्रदेश में बिजली आपूर्ति को पूरा नहीं कर पा रही है. इस सबके बीच उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (Uttarakhand Jal Vidyut Nigam Limited) की ओर से प्रदेश में बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए 5 वर्षीय प्लान तैयार किया गया है. यूजेवीएनएल का कहना है कि इस वर्ष निगम की चार परियोजनाएं बनकर तैयार हो गई हैं, जिनसे बिजली उत्पादन भी शुरू हो गया है. इसलिए आने वाले 5 सालों में प्रदेश में जल विद्युत परियोजनाओं से बिजली का उत्पादन 20 प्रतिशत बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही बिजली उत्पादन से होने वाले राजस्व को भी 60 प्रतिशत तक बढ़ाया जाएगा. यूजेवीएनएल के अधिकारियों का कहना है कि इस पंचवर्षीय योजना के साथ मार्च 2030 के लिए भी योजना तैयार की गई है.
उत्तराखंड जल विद्युत निगम के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने बताया कि यूजेवीएनएल की और से आगामी पांच वर्षीय प्लान बिजली उत्पादन के क्षेत्र में बनाई गई है. वर्तमान में प्रदेश में यूजेवीएनएल की 17 परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिसमें 5100 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा रहा है. जिसे 5 वर्ष के भीतर 6150 मिलियन यूनिट किया जाएगा. क्योंकि इस वर्ष निगम की 4 परियोजनाएं कालीगंगा 1 और 2 सहित सुरीनगाड़, व्यासी जल विद्युत परियोजना शुरू हो गई है. वहीं, वर्तमान में निगम को 925 करोड़ का राजस्व प्राप्त हो रहा है. 5 साल में 1450 करोड़ यानी 60 प्रतिशत वृद्धि करने की योजना बनाई गई है.
यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक संदीप सिंघल ने बताया कि इसके साथ ही 300 मेगावाट की लखवाड़ जल विद्युत परियोजना (Lakhwar Hydroelectric Project) सहित भिलंगना-2 और एक परियोजना पिथौरागढ़ और यमुना घाटी में त्यूणी-प्लासु जल विद्युत परियोजना के लिए भी बिट और टेंडर कॉल कर दिए गए हैं. इसको देखते हुए मार्च 2030 तक के लिए भी योजना तैयार की गई है. इस योजना के तहत 8 साल में प्रदेश में 10 हजार मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. इसके साथ ही 3400 करोड़ का राजस्व अर्जित करने की योजना है, जो कि वर्तमान की स्थिति से तीन गुना अधिक राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य है.