देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार के 4 साल पूरा होने पर प्रदेश की सभी 70 विधानसभा में 'बातें कम, काम ज्यादा' कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. खास बात यह है कि इसके लिए एक आयोजन समिति गठित की गई है, जिसमें स्थानीय विधायक को अध्यक्ष और जिला पंचायत अध्यक्ष या मेयर को उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है.
18 मार्च को त्रिवेंद्र सरकार का 4 साल पूरे होने जा रहा है. ऐसे में यह कार्यक्रम 18 मार्च को आयोजित किया जाएगा. हैरानी की बात ये है कि जिन विधानसभाओं में कांग्रेस के विधायक चुनकर आए हैं, वहां पर कांग्रेसी विधायकों को भी इस कार्यक्रम के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
इस बाबत ईटीवी भारत ने उपनेता प्रतिपक्ष करण माहरा से बात की. माहरा ने साफ कहा कि कांग्रेस विधायक सरकार के इस आयोजन में शामिल नहीं होने जा रहे हैं. यही नहीं, करण माहरा ने कहा कि सरकार विधानसभा वार किए जा रहे इस आयोजन में 15-15 लाख रुपए खर्च करने जा रही है, जो पैसों की बर्बादी है. हालांकि, इससे हटकर सरकार ने सभी 70 विधानसभाओं में विधायकों को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर मेयर, दायित्वधारी, या जिला पंचायत अध्यक्ष को जिम्मेदारी सौंप दी है.
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इसके अलावा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस कार्यक्रम को लेकर अपने ओएसडी और सलाहकारों को भी समन्वय की जिम्मेदारी दी है. इसमें देहरादून में धीरेंद्र पंवार, हरिद्वार में शैलेंद्र त्यागी, पौड़ी से आलोक भट्ट, टिहरी से रमेश भट्ट, रुद्रप्रयाग से केएस पंवार, उत्तरकाशी से आनंद सिंह रावत, चमोली से रविंद्र दत्त पेटवाल, उधम सिंह नगर से अभय रावत नैनीताल से उर्बा दत्त भट्ट, अल्मोड़ा से विनीत बिष्ट, बागेश्वर से विजय बिष्ट, चंपावत से दर्शन सिंह रावत और पिथौरागढ़ से जगदीश चंद्र खुल्बे को समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है.