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उत्तराखंड विस मॉनसून सत्र: चुनाव आते ही याद आये 'बहुगुणा', सदन की कार्यवाही से पहले दी श्रद्धांजलि

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Published : Aug 23, 2021, 2:11 PM IST

Updated : Aug 23, 2021, 3:03 PM IST

उत्तराखंड में साल 2022 में विधानसभा चुनाव हैं. आज से उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो गया. सदन की पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले सीएम धामी और विधानसभा स्पीकर ने हाउस गैलरी में रखे पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

environmentalist sunderlal bahuguna
पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा

देहरादून: कहावत है कि नेता बिना आगे-पीछे का फायदा देखे कोई निर्णय नहीं लेते. उत्तराखंड में साल 2022 में विधानसभा चुनाव हैं. लिहाजा, चुनावी वैतरणी को पार लगाने के लिए राजनीतिक दल एक से एक हथकंडे आजमा रहे हैं. जहां दिल्ली विधानसभा में दिवगंत पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा का शिलापट्ट लगाकर आम आदमी पार्टी उत्तराखंडी जनमानस के दिल में अपनी जगह बनना चाहती है. वहीं, अब बीजेपी की राज्य सरकार को भी चुनाव नजदीक आते ही 'बहुगुणा' याद आ ही गए.

दरअसल, आज से उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो गया. सदन की पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा स्पीकर द्वारा हाउस गैलरी में रखे दिवंगत पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. जिसके राजनीतिक पंडित अपने-अपने मायने निकाल रहे हैं.

ईटीवी भारत के पत्रकार नवीन उनियाल बताते हैं कि पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा के समाज में दिये योगदान को लेकर आम आदमी पार्टी के संजोयक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके दिल्ली विधानसभा में उनका शिलापट्ट लगाया है. साथ ही आम आदमी पार्टी बहुगुणा को भारत रत्न देने की मांग भी की है. इसे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर 'आप' के एक चुनावी स्टंट के तौर पर भी देख सकते हैं और आप का यह मूव उत्तराखंड में काफी चर्चा का विषय भी बना और इस पूरे मामले में चुप्पी साध लेने पर राज्य सरकार की खूब छीछालेदर भी हुई.

पढ़ें: पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा ने पहाड़ को दिया 'जीत का मंत्र', हिमालय के थे रक्षक

पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का समाज में बहुत योगदान है. ऐसे में उन्हें भारत रत्न से नवाजने की जो मांग दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने की है और इसके लिए पीएमओ को पत्र भी लिखा है. इसकी उम्मीद उत्तराखंड सरकार से की जा रही थी. लिहाजा, बीजेपी की राज्य सरकार इस गलती को सुधारना चाहती है. ऐसे में मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले उत्तराखंड विधानसभा सदन के गलियारे में पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा के चित्र पर माल्यार्पण और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

पढें: जल-जंगल-जमीन के लिए जीते थे सुंदरलाल बहुगुणा, पहाड़ों की थी चिंता

बहरहाल, आम आदमी पार्टी एक बार फिर उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही है. लिहाजा, प्रदेश के लोगों को अपनत्व की भावना जाहिर करने के लिए यहां की बड़ी हस्ती का नाम लेकर जनता के साथ कुछ जुड़ाव करने की कोशिश के तौर पर इसे देखा जा सकता है.

बेटे ने किया पोस्ट: इससे पहले कल सुंदर लाल बहुगुणा के बेटे राजीव नयन बहुगुणा ने लिखा था कि- 'उत्तराखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष माननीय प्रेमचंद अग्रवाल की ओर से मुझे सूचित किया गया है कि कल वह उत्तराखण्ड विधानसभा की दीर्घा में मेरे पिता श्री सुंदर लाल बहुगुणा के चित्र की प्राण प्रतिष्ठा करने जा रहे हैं, सहृदय एवं आत्मीय माननीय का आभार.'

'श्रीयुत प्रेमचंद अग्रवाल सदैव सुख दुःख में मेरे परिवार के साथ रहे हैं. अपना राजकीय प्रोटोकॉल त्याग कर वह कई बार मेरी कुटिया पर आकर भी अनुग्रहित कर चुके हैं. मेरे पिता के निधन पर भी वह उनकी अंतिम सांस के चलते अस्पताल में आ गए थे, और कराल कोरोना का भय त्याग कर चिता के भस्मीभूत होने तक विद्यमान रहे.'

'दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह उपक्रम पहले ही कर चुके हैं. देश भर से शुभेच्छा रखने वाले उलाहना देते थे, कि केजरीवाल ने यह पहल की , लेकिन स्वयं बहुगुणा जी के प्रदेश में कोई सुध नहीं लेता. मेरे पास मौन रहने के सिवा कोई विकल्प न था.'

'माननीय प्रेमचंद जी ने अब मुझे प्रत्युत्तर का उपादान दे दिया. मुझे उन्हीं की पार्टी और मातृ संगठन संघ परिवार के सदस्यों ने शिकायत कर कर के फेसबुक पर पोस्ट करने से ब्लॉक करवा रखा है, अन्यथा मैं यही पोस्ट सोशल मीडिया पर डालता. क्या संघ परिवार के अन्य लोग भी प्रेमचंद अग्रवाल की तरह सहिष्णु नहीं बन सकते, कि वैचारिक मतभेद को व्यक्तिशः न लें.'

देहरादून: कहावत है कि नेता बिना आगे-पीछे का फायदा देखे कोई निर्णय नहीं लेते. उत्तराखंड में साल 2022 में विधानसभा चुनाव हैं. लिहाजा, चुनावी वैतरणी को पार लगाने के लिए राजनीतिक दल एक से एक हथकंडे आजमा रहे हैं. जहां दिल्ली विधानसभा में दिवगंत पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा का शिलापट्ट लगाकर आम आदमी पार्टी उत्तराखंडी जनमानस के दिल में अपनी जगह बनना चाहती है. वहीं, अब बीजेपी की राज्य सरकार को भी चुनाव नजदीक आते ही 'बहुगुणा' याद आ ही गए.

दरअसल, आज से उत्तराखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र शुरू हो गया. सदन की पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और विधानसभा स्पीकर द्वारा हाउस गैलरी में रखे दिवंगत पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा के चित्र पर पुष्प चढ़ाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी. जिसके राजनीतिक पंडित अपने-अपने मायने निकाल रहे हैं.

ईटीवी भारत के पत्रकार नवीन उनियाल बताते हैं कि पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा के समाज में दिये योगदान को लेकर आम आदमी पार्टी के संजोयक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उनके दिल्ली विधानसभा में उनका शिलापट्ट लगाया है. साथ ही आम आदमी पार्टी बहुगुणा को भारत रत्न देने की मांग भी की है. इसे आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर 'आप' के एक चुनावी स्टंट के तौर पर भी देख सकते हैं और आप का यह मूव उत्तराखंड में काफी चर्चा का विषय भी बना और इस पूरे मामले में चुप्पी साध लेने पर राज्य सरकार की खूब छीछालेदर भी हुई.

पढ़ें: पद्मविभूषण सुंदरलाल बहुगुणा ने पहाड़ को दिया 'जीत का मंत्र', हिमालय के थे रक्षक

पर्यावरणविद सुंदर लाल बहुगुणा का समाज में बहुत योगदान है. ऐसे में उन्हें भारत रत्न से नवाजने की जो मांग दिल्ली के सीएम केजरीवाल ने की है और इसके लिए पीएमओ को पत्र भी लिखा है. इसकी उम्मीद उत्तराखंड सरकार से की जा रही थी. लिहाजा, बीजेपी की राज्य सरकार इस गलती को सुधारना चाहती है. ऐसे में मॉनसून सत्र शुरू होने से पहले उत्तराखंड विधानसभा सदन के गलियारे में पर्यावरणविद् सुंदर लाल बहुगुणा के चित्र पर माल्यार्पण और उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

पढें: जल-जंगल-जमीन के लिए जीते थे सुंदरलाल बहुगुणा, पहाड़ों की थी चिंता

बहरहाल, आम आदमी पार्टी एक बार फिर उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनाव में उतरने जा रही है. लिहाजा, प्रदेश के लोगों को अपनत्व की भावना जाहिर करने के लिए यहां की बड़ी हस्ती का नाम लेकर जनता के साथ कुछ जुड़ाव करने की कोशिश के तौर पर इसे देखा जा सकता है.

बेटे ने किया पोस्ट: इससे पहले कल सुंदर लाल बहुगुणा के बेटे राजीव नयन बहुगुणा ने लिखा था कि- 'उत्तराखण्ड विधानसभा के अध्यक्ष माननीय प्रेमचंद अग्रवाल की ओर से मुझे सूचित किया गया है कि कल वह उत्तराखण्ड विधानसभा की दीर्घा में मेरे पिता श्री सुंदर लाल बहुगुणा के चित्र की प्राण प्रतिष्ठा करने जा रहे हैं, सहृदय एवं आत्मीय माननीय का आभार.'

'श्रीयुत प्रेमचंद अग्रवाल सदैव सुख दुःख में मेरे परिवार के साथ रहे हैं. अपना राजकीय प्रोटोकॉल त्याग कर वह कई बार मेरी कुटिया पर आकर भी अनुग्रहित कर चुके हैं. मेरे पिता के निधन पर भी वह उनकी अंतिम सांस के चलते अस्पताल में आ गए थे, और कराल कोरोना का भय त्याग कर चिता के भस्मीभूत होने तक विद्यमान रहे.'

'दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल यह उपक्रम पहले ही कर चुके हैं. देश भर से शुभेच्छा रखने वाले उलाहना देते थे, कि केजरीवाल ने यह पहल की , लेकिन स्वयं बहुगुणा जी के प्रदेश में कोई सुध नहीं लेता. मेरे पास मौन रहने के सिवा कोई विकल्प न था.'

'माननीय प्रेमचंद जी ने अब मुझे प्रत्युत्तर का उपादान दे दिया. मुझे उन्हीं की पार्टी और मातृ संगठन संघ परिवार के सदस्यों ने शिकायत कर कर के फेसबुक पर पोस्ट करने से ब्लॉक करवा रखा है, अन्यथा मैं यही पोस्ट सोशल मीडिया पर डालता. क्या संघ परिवार के अन्य लोग भी प्रेमचंद अग्रवाल की तरह सहिष्णु नहीं बन सकते, कि वैचारिक मतभेद को व्यक्तिशः न लें.'

Last Updated : Aug 23, 2021, 3:03 PM IST
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