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देहरादून में डिलीवरी बॉय की मौत के बाद जागा परिवहन विभाग, 45 Delivery Boys को दी गई ट्रेनिंग

Delivery Boy Road Safety Training in Dehradun हाल ही देहरादून के प्रेम नगर क्षेत्र में एक फूड डिलीवरी बॉय सड़क हादसे में जान चली गई थी. इस हादसे के बाद परिवहन विभाग नींद से जागा है. यही वजह है कि अब विभाग डिलीवरी बॉय को ट्रेनिंग दे रही है. साथ ही रैश ड्राइविंग करने वालों पर कार्रवाई करने की हिदायत भी जा रही है. Delivery Boy Died in Dehradun

Delivery Boy Training
डिलीवरी बॉय को ट्रेनिंग
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 26, 2023, 10:33 PM IST

देहरादूनः ऑनलाइन फूड सप्लाई कंपनियों के डिलीवरी बॉय टारगेट पूरा करने और जल्दी पहुंचाने के चक्कर में सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं. देहरादून में एक फूड डिलीवरी बॉय की मौत की घटना के बाद परिवहन विभाग एक्शन मोड में आ गया है. साथ ही संबंधित कंपनियों को अल्टीमेटम भी दिया है. इसके अलावा आरटीओ प्रवर्तन ने कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए हैं. वहीं, आज आरटीओ विभाग ने 45 डिलीवरी बॉय को एक दिवसीय ट्रेनिंग देकर यातायात से संबंधित जानकारी दी.

फूड डिलीवरी बॉय की सड़क हादसे में गई थी जानः गौर हो कि बीती 6 अक्टूबर में प्रेम नगर के पास जोमैटो कंपनी के फूड डिलीवरी बॉय की बाइक हादसे में मौत हो गई थी. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आरटीओ शैलेश तिवारी ने जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकीट ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. वहीं, आज आरटीओ शैलेश तिवारी ने डिलीवरी बाॅय को ट्रेनिंग दी. ट्रेनिंग में डिलीवरी बाॅय को सुरक्षित वाहन चलाने और सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारियां दी गई.

आरटीओ शैलेश तिवारी ने कहा कि डिलीवरी बॉय के पास गाड़ी के सभी दस्तावेज और वैध लाइसेंस होना चाहिए. साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर डिलीवरी बॉय अनिवार्य रूप से हेलमेट पहने और हेलमेट पर पीछे से रिफ्लेक्टर भी लगा हो. इसके अलावा डिलीवरी बाॅय रात में रिफ्लेक्टर जैकेट या शर्ट पहनें. ताकि, रात में अन्य वाहन चालक उनको आसानी से देख सकें.
ये भी पढे़ंः ऑनलाइन फूड सप्लाई कंपनियों को RTO की चेतावनी, डिलीवरी बॉय ने तेज भगाई बाइक तो उन पर होगी कार्रवाई

उन्होंने कहा कि डिलीवरी बॉय को फूड डिलीवरी जल्दी करने के लिए तेज गति से गाड़ी चलाने के लिए बाध्य न किया जाए. डिलीवरी बॉय गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बिल्कुल बात न करें. अगर बहुत आवश्यक है तो ब्लूटूथ या ईयरफोन से बात कर सकते हैं. आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने बताया कि शहर में कई फूड कंपनी काम कर रही है और काफी लोग इसमें लगे हुए हैं, जो बाइक से रेस्टोरेंट और होटल से फूड पहुंचाने का काम लोगों के घरों तक कर रहे हैं.

वर्तमान में करीब 2000 लोग फूड डिलीवरी का काम कर रहे हैं. कई बार इनकी शिकायत मिलती है कि रैश ड्राइविंग और ओवर स्पीड में वाहन चलाते हैं. कई बार इन्हें तय समय के तहत सामान पहुंचाना पड़ता है. जिस कारण रैश ड्राइविंग करते हैं, जो हादसे का कारण बनता है. जिसे लेकर आज डिलीवरी बॉय को ट्रेनिंग देकर यातायात से संबंधित जानकारी दी गई है. अगर कंपनियों ने डिलीवरी बॉय को तेज गाड़ी चलाने के लिए प्रेशर किया और कोई बड़ा हादसा हुआ तो ऐसी स्थिति में कंपनियों एवं फूड डिलीवरी बॉय के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
ये भी पढे़ंः देहरादून के युवाओं को 'जिगोलो' बनाने की साजिश! पुलिस की नाक के नीचे Playboy Job Poster चस्पा कर गए शातिर

देहरादूनः ऑनलाइन फूड सप्लाई कंपनियों के डिलीवरी बॉय टारगेट पूरा करने और जल्दी पहुंचाने के चक्कर में सड़क हादसे का शिकार हो रहे हैं. देहरादून में एक फूड डिलीवरी बॉय की मौत की घटना के बाद परिवहन विभाग एक्शन मोड में आ गया है. साथ ही संबंधित कंपनियों को अल्टीमेटम भी दिया है. इसके अलावा आरटीओ प्रवर्तन ने कंपनियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर दिशा निर्देश दिए हैं. वहीं, आज आरटीओ विभाग ने 45 डिलीवरी बॉय को एक दिवसीय ट्रेनिंग देकर यातायात से संबंधित जानकारी दी.

फूड डिलीवरी बॉय की सड़क हादसे में गई थी जानः गौर हो कि बीती 6 अक्टूबर में प्रेम नगर के पास जोमैटो कंपनी के फूड डिलीवरी बॉय की बाइक हादसे में मौत हो गई थी. इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आरटीओ शैलेश तिवारी ने जोमैटो, स्विगी, ब्लिंकीट ऑनलाइन फूड डिलीवरी कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की थी. वहीं, आज आरटीओ शैलेश तिवारी ने डिलीवरी बाॅय को ट्रेनिंग दी. ट्रेनिंग में डिलीवरी बाॅय को सुरक्षित वाहन चलाने और सड़क सुरक्षा से संबंधित जानकारियां दी गई.

आरटीओ शैलेश तिवारी ने कहा कि डिलीवरी बॉय के पास गाड़ी के सभी दस्तावेज और वैध लाइसेंस होना चाहिए. साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर डिलीवरी बॉय अनिवार्य रूप से हेलमेट पहने और हेलमेट पर पीछे से रिफ्लेक्टर भी लगा हो. इसके अलावा डिलीवरी बाॅय रात में रिफ्लेक्टर जैकेट या शर्ट पहनें. ताकि, रात में अन्य वाहन चालक उनको आसानी से देख सकें.
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उन्होंने कहा कि डिलीवरी बॉय को फूड डिलीवरी जल्दी करने के लिए तेज गति से गाड़ी चलाने के लिए बाध्य न किया जाए. डिलीवरी बॉय गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बिल्कुल बात न करें. अगर बहुत आवश्यक है तो ब्लूटूथ या ईयरफोन से बात कर सकते हैं. आरटीओ प्रवर्तन शैलेश तिवारी ने बताया कि शहर में कई फूड कंपनी काम कर रही है और काफी लोग इसमें लगे हुए हैं, जो बाइक से रेस्टोरेंट और होटल से फूड पहुंचाने का काम लोगों के घरों तक कर रहे हैं.

वर्तमान में करीब 2000 लोग फूड डिलीवरी का काम कर रहे हैं. कई बार इनकी शिकायत मिलती है कि रैश ड्राइविंग और ओवर स्पीड में वाहन चलाते हैं. कई बार इन्हें तय समय के तहत सामान पहुंचाना पड़ता है. जिस कारण रैश ड्राइविंग करते हैं, जो हादसे का कारण बनता है. जिसे लेकर आज डिलीवरी बॉय को ट्रेनिंग देकर यातायात से संबंधित जानकारी दी गई है. अगर कंपनियों ने डिलीवरी बॉय को तेज गाड़ी चलाने के लिए प्रेशर किया और कोई बड़ा हादसा हुआ तो ऐसी स्थिति में कंपनियों एवं फूड डिलीवरी बॉय के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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