देहरादून: उत्तराखंड का आयुष विभाग तबादलों की खबर से सुर्खियों में बना हुआ है. बताया जा रहा है कि निदेशालय स्तर पर तबादलों में बड़ा खेल किया गया है. मामला सामने आने पर आयुष मंत्री हरक सिंह रावत ने जांच बैठाने की बात कही है.
गौर हो कि तबादला एक्ट आने के बाद भी विभागों में हो रहे तबादलों में घालमेल की शिकायतें बंद नहीं हो रही हैं. ताजा मामला आयुष विभाग का है जहां निदेशक स्तर पर तबादलों में बड़ी गड़बड़ी होने के संकेत मिले हैं. मामले में आयुष मंत्री ने गंभीरता दिखाते हुए तबादला सूची पर जांच के आदेश कर दिए हैं. उत्तराखंड आयुष विभाग में इन दिनों फार्मसिस्ट और कार्मिकों के हुए तबादले सवालों के घेरे में हैं. बताया जा रहा है कि आयुष विभाग के निदेशक ने रातों रात कई फार्मसिस्ट और कार्मिकों के तबादलों की सूची आनन-फानन में जारी कर दी.
साथ ही उन पर आरोप लग रहे हैं कि तबादला एक्ट का पालन न करते हुए कई फार्मेसिस्ट और कार्मिकों को एक्ट के विरुद्ध तबादलों में फायदा पहुंचाया गया है. बताया जा रहा है कि आयुष विभाग के निदेशक अरुण त्रिपाठी ने तबादला सत्र शून्य करने को लेकर फाइल अनुमोदन के लिए आगे बढ़ाई तो दूसरी तरफ रातों-रात कई कर्मियों के तबादलों की सूची जारी कर दी गई. विभागीय मंत्री की जानकारी में लाए बिना किए गए इन तबादलों में बड़ा खेल किए जाने की आशंका जताई जा रही है.
यहां तक कि तबादलों में लेनदेन होने के भी आरोप भी लग रहे हैं. मामला सामने आने के बाद विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत ने तबादलों की जांच बिठाने के आदेश देते हुए सभी बिंदुओं पर जांच किए जाने की बात कही है. आयुष मंत्री हरक सिंह रावत की मानें तो तबादला एक्ट के उल्लंघन, लेन-देन किए जाने की शिकायतों, और शून्य सत्र किए जाने की फाइल आगे बढ़ाकर-रातों रात तबादला सूची जारी किए जाने जैसे बिंदुओं पर जांच की जाएगी. बता दें कि बुधवार देर रात करीब 28 फार्म से समेत दूसरे कई कर्मियों की सूची सामने आई थी.
जिसके बाद से ही विभाग में हड़कंप मच गया था. वहीं तबादलों में लेनदेन की शिकायतों को आयुष विभाग के निदेशक अरुण त्रिपाठी ने गलत बताया है और सभी तबादलों को तबादला एक्ट के आधार पर ही किए जाने की बात कही. वहीं निदेशक अरुण त्रिपाठी आयुष मंत्री हरक सिंह रावत को यह कहते हुए गलत ठहराते नजर आए कि तबादलों की यह सूची का मामला आयुष मंत्री हरक सिंह रावत के संज्ञान में पहले से ही थी.