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ट्रेड यूनियनों का श्रमिक विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन, जलाई प्रतियां

सीटू, एटक, इंटक के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर केंद्र और राज्य सरकार के श्रमिक विरोधी कानूनों के खिलाफ श्रम संहिताओं की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया.

श्रमिक विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन
श्रमिक विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन
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Published : Apr 1, 2021, 4:59 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति के बैनर तले आज विभिन्न ट्रेड यूनियनों से जुड़े पदाधिकारियों ने लेबर कोड लागू किए जाने का विरोध किया. प्रदर्शनकारियों ने गांधी पार्क में जमकर नारेबाजी की और एश्ले हॉल चौक तक जुलूस निकालकर श्रम संहिताओं की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया.

प्रदर्शन में शामिल विभिन्न ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार श्रम कानून के स्थान पर श्रम संहिताएं लागू करने की तैयारी कर रही है. जिस कारण श्रम कानूनों को समाप्त कर, श्रमिकों के कानूनी अधिकारों को समाप्त किया जा रहा है. जिससे मजदूरों को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है.

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वक्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार के खिलाफ मजदूरों के विरोध के कारण आज ये संहितायें लागू नहीं हो पाई है. इसलिए यह मजदूरों की फौरी तौर पर विजय है. बता दें कि आज सीटू, एटक, इंटक के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर केंद्र और राज्य सरकार के श्रमिक विरोधी कानूनों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने श्रमिक विरोधी कानूनों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की. इसके साथ प्रदर्शनकारियों ने श्रम संहिताओं का विरोध करते हुए प्रतियां फूंकी और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

देहरादून: उत्तराखंड संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति के बैनर तले आज विभिन्न ट्रेड यूनियनों से जुड़े पदाधिकारियों ने लेबर कोड लागू किए जाने का विरोध किया. प्रदर्शनकारियों ने गांधी पार्क में जमकर नारेबाजी की और एश्ले हॉल चौक तक जुलूस निकालकर श्रम संहिताओं की प्रतियां जलाकर अपना विरोध दर्ज कराया.

प्रदर्शन में शामिल विभिन्न ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारियों का कहना है कि केंद्र सरकार श्रम कानून के स्थान पर श्रम संहिताएं लागू करने की तैयारी कर रही है. जिस कारण श्रम कानूनों को समाप्त कर, श्रमिकों के कानूनी अधिकारों को समाप्त किया जा रहा है. जिससे मजदूरों को गुलामी की ओर धकेला जा रहा है.

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वक्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार के खिलाफ मजदूरों के विरोध के कारण आज ये संहितायें लागू नहीं हो पाई है. इसलिए यह मजदूरों की फौरी तौर पर विजय है. बता दें कि आज सीटू, एटक, इंटक के कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकालकर केंद्र और राज्य सरकार के श्रमिक विरोधी कानूनों के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की.

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने श्रमिक विरोधी कानूनों को तत्काल वापस लिए जाने की मांग की. इसके साथ प्रदर्शनकारियों ने श्रम संहिताओं का विरोध करते हुए प्रतियां फूंकी और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

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