देहरादूनः विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा (Uttarakhand Chardham Yatra 2022) अब समाप्ति की ओर है. ऐसे में सरकार पर अब शीतकालीन पर्यटन (Winter Tourism in Uttarakhand) को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है उत्तराखंड को बेस्ट डेस्टिनेशन के रूप में अवार्ड से नवाजा गया है. अब उत्तराखंड में विंटर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है.
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज (Tourism Minister Satpal Maharaj) ने उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2022 में अब तक 40 लाख से ज्यादा यात्री आ चुके हैं. आने वाले समय में यात्रियों की संख्या भी बढ़ेगी. इस बार चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने से कोरोनाकाल में जो क्षति हुई है, उसकी भरपाई हुई है. शीतकाल में चारों धामों के कपाट बंद हो जाते हैं. लिहाजा, विंटर टूरिज्म को डेवलप करने की दिशा में भी काम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि मां गंगा की डोली उत्तरकाशी जिले के मुखबा गांव में तो यमुना मां की डोली खरसाली में विराजमान होती है. उसी तरह बाबा केदार उखीमठ और भगवान बदरी विशाल पांडुकेश्वर (जोशीमठ) आ जाते हैं. जहां शीतकाल प्रवास के दौरान उनकी पूजा अर्चना होती है. इन स्थानों को विंटर टूरिज्म के रूप में विकसित किया जाएगा. इसके अलावा शीतकाल में सरकार स्कीइंग (Skiing in Uttarakhand) के अलावा हिमाच्छादित चोटियों और सुंदर घाटियों का चित्रण करेगी, ताकि फिल्म उद्योग से जुड़े लोग आकर्षित हो सकें.
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स्पीकर ऋतु खंडूड़ी ने सतपाल महाराज से मुलाकात कीः उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी (Speaker Ritu Khanduri Met Satpal Maharaj) ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज से उनके शासकीय आवास पर शिष्टाचार भेंट की. इस दौरान प्रदेश के विकास से संबंधित विभिन्न समसामयिक विषयों पर विस्तार से चर्चा की.
स्पीकर खंडूड़ी ने हिमालय दर्शन हेली सेवा (Himalaya Darshan Helicopter Service) के लिए महाराज का आभार जताया. उन्होंने कहा कि कोटद्वार में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. लैंसडाउन वन प्रभाग जंगल सफारी व पशु पक्षी प्रेमी के लिए उपयुक्त स्थल है. ऐसे में भरत की जन्मस्थली कण्वाश्रम समेत अन्य जगहों को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है.
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