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एडवेंचर की चाह रखने वालों के लिए खुशखबरी, किफायती और सुविधाजनक होगी ट्रेकिंग

उत्तराखंड पर्यटन विभाग और वन विभाग ने उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को रियायत देने का मन बनाया है. जिसमें उन्होंने पर्यटकों के लिए इस क्षेत्र को और अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए फैसला लिया है.

Uttarakhand Tourism Department News
किफायती और सुविधाजनक होगी ट्रेकिंग.
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Published : Jan 24, 2020, 8:54 AM IST

देहरादून: उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को एक नए आयाम दिलाने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग और वन विभाग लगातार कोशिश कर रहा है. प्रदेश में ट्रैकिंग सहित तमाम साहसिक पर्यटन से जुड़े विषयों पर संयुक्त चर्चा के बाद दोनों विभागों ने पर्यटकों को रियायत देने का मन बनाया है. जिसके बाद उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन पहले से ज्यादा किफायती और सुगम होने के आसार दिख रहे हैं.

किफायती और सुविधाजनक होगी ट्रेकिंग.

प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वविख्यात उत्तराखंड राज्य में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटन पर्यटक आते हैं. जिसमें खास तौर पर धार्मिक और साहसिक पर्यटन राज्य की अर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए काफी अहम भूमिका है. ऐसे में तेजी से लोकप्रिय हो रहे साहसिक पर्यटन को लेकर उत्तराखंड वन विभाग और पर्यटन विभाग ने मिलकर इस क्षेत्र को और अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए फैसला लिया है.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड में अलग-अलग ट्रैकिंग रूट पर ट्रैक करने वाले पर्वतारोहियों की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए फीस कम करने पर की सैद्धांतिक स्वीकृति वन विभाग से मिल चुकी है. इसके अलावा नंदा देवी पार्क के धारी पास से आगे पर्यटकों के जाने की अनुमति के लिए भी वन विभाग द्वारा प्रस्ताव मांगा गया है. इसके अलावा सघन वनक्षेत्र में पर्यटन विभाग द्वारा तमाम जानकारियों के साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे. जिन पर जरूरी जानकारी के साथ-साथ सुरक्षा मानक भी लिखे होंगे.

ये भी पढे़ं: राजपथ पर कदम से कदम मिलाएंगी गढ़वाल विवि. की NCC कैडेट,PM रैली में भी दिखेगा देवभूमि का जलवा

वहीं वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि मुख्य रूप से जुलाई माह के बाद ट्रैकिंग का सीजन शुरू होता है. जिसके चलते पर्यटन विभाग द्वारा दिए गए तमाम प्रस्तावों पर वन विभाग द्वारा मंजूर कर दिए जाएंगे. साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा दिए गए सभी ट्रैकों पर वन विभाग सभी तैयारी पूरी कर लेगा. साथ ही पर्यटन विभाग के अनुरोध पर वन विभाग द्वारा साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में हर संभव प्रयास किया जाएंगे. ऋषिकेश में मौजूद ऐतिहासिक धरोहर चौरासी कुटिया को वन विभाग पूरी तरह से अपने संसाधनों से विकसित करेगा और पर्यटन विभाग उसका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार करेगा.

देहरादून: उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को एक नए आयाम दिलाने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग और वन विभाग लगातार कोशिश कर रहा है. प्रदेश में ट्रैकिंग सहित तमाम साहसिक पर्यटन से जुड़े विषयों पर संयुक्त चर्चा के बाद दोनों विभागों ने पर्यटकों को रियायत देने का मन बनाया है. जिसके बाद उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन पहले से ज्यादा किफायती और सुगम होने के आसार दिख रहे हैं.

किफायती और सुविधाजनक होगी ट्रेकिंग.

प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वविख्यात उत्तराखंड राज्य में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटन पर्यटक आते हैं. जिसमें खास तौर पर धार्मिक और साहसिक पर्यटन राज्य की अर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए काफी अहम भूमिका है. ऐसे में तेजी से लोकप्रिय हो रहे साहसिक पर्यटन को लेकर उत्तराखंड वन विभाग और पर्यटन विभाग ने मिलकर इस क्षेत्र को और अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए फैसला लिया है.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड में अलग-अलग ट्रैकिंग रूट पर ट्रैक करने वाले पर्वतारोहियों की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए फीस कम करने पर की सैद्धांतिक स्वीकृति वन विभाग से मिल चुकी है. इसके अलावा नंदा देवी पार्क के धारी पास से आगे पर्यटकों के जाने की अनुमति के लिए भी वन विभाग द्वारा प्रस्ताव मांगा गया है. इसके अलावा सघन वनक्षेत्र में पर्यटन विभाग द्वारा तमाम जानकारियों के साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे. जिन पर जरूरी जानकारी के साथ-साथ सुरक्षा मानक भी लिखे होंगे.

ये भी पढे़ं: राजपथ पर कदम से कदम मिलाएंगी गढ़वाल विवि. की NCC कैडेट,PM रैली में भी दिखेगा देवभूमि का जलवा

वहीं वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि मुख्य रूप से जुलाई माह के बाद ट्रैकिंग का सीजन शुरू होता है. जिसके चलते पर्यटन विभाग द्वारा दिए गए तमाम प्रस्तावों पर वन विभाग द्वारा मंजूर कर दिए जाएंगे. साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा दिए गए सभी ट्रैकों पर वन विभाग सभी तैयारी पूरी कर लेगा. साथ ही पर्यटन विभाग के अनुरोध पर वन विभाग द्वारा साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में हर संभव प्रयास किया जाएंगे. ऋषिकेश में मौजूद ऐतिहासिक धरोहर चौरासी कुटिया को वन विभाग पूरी तरह से अपने संसाधनों से विकसित करेगा और पर्यटन विभाग उसका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार-प्रसार करेगा.

Intro:एंकर-- उत्तराखंड में एडवेंचर टूरिज्म को एक नए आयाम पर ले जाने के लिए उत्तराखंड पर्यटन विभाग और वन विभाग ने मिलकर प्रदेश में ट्रेकिंग सहित तमाम साहसिक पर्यटन जुड़े विषयों पर संयुक्त चर्चा के बाद पर्यटकों को रियायत देने का मन बनाया है जिसके बाद उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन पहले से और ज्यादा किफायती और सुगम हो जाएगा।


Body:वीओ- अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विश्वविख्यात उत्तराखंड राज्य में हर साल लाखों की संख्या में पर्यटन पर्यटक आते हैं।जिसमें खास तौर पर धार्मिक पर्यटन और साहसिक पर्यटन की राज्य की अर्थीकि महत्वपूर्ण भूमिका है। आज के दौर में तेजी से लोकप्रिय हो रहे साहसिक पर्यटन को लेकर उत्तराखंड वन विभाग और पर्यटन विभाग ने मिलकर इस क्षेत्र को और अधिक सुगम और सुविधाजनक बनाने के लिए फैसला लिया है।


पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि उत्तराखंड में अलग-अलग ट्रैकिंग रूट पर ट्रैक करने वाले ट्रैक्टर्स या पर्वतारोहियों की गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पीक फीस कम करने पर की सैधांतिक स्वीकृति वन विभाग से मिल चुकी है। इसके अलावा नंदा देवी पार्क के धारी पास से आगे पर्यटकों के जाने की अनुमति के लिए भी वन विभाग द्वारा प्रस्ताव मांगा गया है। इसके अलावा सघन वनक्षेत्र में पर्यटन विभाग द्वारा तमाम जानकारियों के साइन बोर्ड भी लगाए जाएंगे जिन पर आस पास की जरूरी जानकारी और सुरक्षा मानक लिखे होंगे।

बाइट- सतपाल महाराज, पर्यटन मंन्त्री

तो दूसरी तरफ वन मंत्री ने कहा कि प्रमुखता जुलाई माह के बाद ट्रैकिंग का सीजन शुरू होता है और पर्यटन विभाग द्वारा जुलाई से पहले पहले तमाम प्रस्तावों पर अप्रूवल पूरे कर दिए जाएंगे, साथ ही पर्यटन विभाग द्वारा दिए गए सभी ट्रैकों पर वन विभाग सभी तैयारी पूरी कर लेगा। उन्होंने बताया कि पर्यटन विभाग के अनुरोध पर वन विभाग द्वारा विदेशी पर्यटकों से लिया जाने वाला शुल्क पर भी साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में हर संभव प्रयास किया जाएगा। ऋषिकेश में मौजूद ऐतिहासिक धरोहर चौरासी कुटिया को वन विभाग पूरी तरह से अपने संसाधनों से विकसित करेगा और पर्यटन विभाग उसका राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचार प्रसार करेगा।

बाइट- हरक सिंह रावत, वन मंन्त्री


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