देहरादून: उत्तराखंड पर्यटन विभाग में इस वित्तीय वर्ष में उत्तराखंड में होने जा रहे कई एडवेंचर के इवेंट को लेकर के प्लानिंग की है, जिनको लेकर हाल ही में हुई बोर्ड बैठक में जानकारी दी गई. तो वहीं, पर्यटन विकास परिषद उत्तराखंड में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने कोशिश कर रहा है. इसको लेकर अधिकारियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड को पर्यटन मानचित्र पर लाने के निर्देश दिए गए हैं.
इस साल होने हैं ये बड़े इवेंट: पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर (Tourism Secretary Dilip Jawalkar) ने बताया कि इस साल उत्तराखंड में पैराग्लाइडिंग (paragliding), माउंटेन टेरेन बाइकिंग (mountain terrain biking), एडवेंचर समिट (adventure summit), स्कीइंग चैंपियनशिप (skiing championship) और टिहरी झील महोत्सव जैसे कई बड़े आयोजनों का प्रस्ताव पास किया गया है. उन्होंने बताया कि एडवेंचर सेक्टर में ज्यादा से ज्यादा उत्तराखंड के यूथ का इंवॉल्मेंट हो इसके लिए पर्यटन विकास परिषद लगातार उत्तराखंड में एडवेंचर को लेकर के स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम चला रहा है.
पर्यटन सचिव ने बताया कि प्रदेश में कैरावन टूरिज्म (Caravan Tourism), चाय बागान टूरिज्म (Tea Garden Tourism) और होमस्टे टूरिज्म गाइड (Homestay Tourism Guide) जैसे शॉर्ट टर्म प्रशिक्षण दिए जाने की भी प्लानिंग की जा रही है. इसके अलावा ऋषिकेश में गंगा के आर्ट फेस्टिवल, टिहरी में कैनोइंग फेस्टिवल, बौर जलाशय में क्याकिंग चैंपियनशिप, छोटा कैलाश माउंटेनियरिंग अभियान और पिंडारी में ट्रैक ऑफ द ईयर के अलावा हाई एंड लो एल्टीट्यूड ट्रैकिंग (High And Low Altitude Tracking) की ट्रेनिंग भी दी जा रही है.
औली मास्टर प्लान तैयार: उत्तराखंड में विंटर गेम का एपिसेंटर माने जाने वाली औली टाउनशिप के लिए भी इस बार अलग से प्रयास किए जा रहे हैं. पर्यटन विकास परिषद की ओर से औली में पर्यटन एक्टिविटीज संचालित किए जाने के लिए डेढ़ करोड़ का मास्टर प्लान का प्रस्ताव बनाया है. हर बार मौसम की अनिश्चितताओं के बीच औली में होने वाले विंटर गेम प्रभावित होते हैं. कभी नेचुरल तरीके से बर्फ ना गिरने की चुनौती सामने आती है तो कभी हैवी स्नोफॉल भी परेशानी का सबब बनता है. ऐसे में इस मास्टर प्लान के तहत इस तरह की व्यवस्था की जाएंगी, ताकि हर परिस्थितियों में औली विंटर गेम्स के लिए अनुकूल रहे.
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अगले साल तक बिछेगा रोपवे का जाल: इन सबके अलावा पर्यटन विभाग का पूरा फोकस उन जगहों पर है, जहां पर इंसानी पहुंच विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते थोड़ा मुश्किल है. वहां पर रोपवे से एप्रोच की जा रही है. अगला पूरा साल पर्यटन विकास परिषद अपने रोपवे के विकास पर केंद्रित रहने वाला है. उन्होंने बताया कि एनएचएआई के साथ हुए एग्रीमेंट के तहत पंचकोटी से बौराड़ी, बल्ला की बेंच से खलिया टॉप, ऋषिकेश से नीलकंठ, रानी बाग से हनुमानगढ़ मंदिर के बीच रोपवे के लिए सर्वेक्षण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने प्रदेश में एडवेंचर गतिविधि से जुड़े कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि केदारनाथ और हेमकुंड के लिए रोपवे पर कार्य शुरू कर दिया गया है. देहरादून मसूरी में जॉर्ज एवरेस्ट सड़क को डबल लेन बनाने का प्रस्ताव किया गया है. कण्वाश्रम के निर्माण का प्रस्ताव है.
बता दें, उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद की 22वीं बोर्ड बैठक में प्रदेश में पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में हुई बैठक में पर्यटन को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए. इसके साथ ही पर्यटन विकास परिषद के ढांचे में कुल 94 अतिरिक्त पदों के सृजन का प्रस्ताव भी शासन को भेजने का निर्णय लिया गया. पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पर्यटन विकास परिषद की गतिविधियों को संचालित करने के लिए कुल ₹55 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है.