ऋषिकेशः देवभूमि में ध्यान योग और पूजा पाठ अब तक आपने यही सब सुना होगा लेकिन अब ये ट्रेंड बदल रहा है. सिर्फ देवभूमि ही क्यों यहां आने वाले लोगों का मिजाज भी बदल रहा है. यही कारण है कि कभी ध्यान और योग के लिए जानी जाने वाली देवभूमि में अब पाश्चात्य और यूरोपियन संस्कृति हावी होने लगी है. दुनिया के नक्शे पर न्यूजीलैंड के बाद देवभूमि दूसरी ऐसी जगह बन गई है, जहां खतरनाक और रोमांचकारी पर्यटन से रूबरू होने के लिए लोग देश-विदेश से यहां आ रहे हैं. अब यहां योग और ध्यान के अलावा भी कुछ ऐसा होने लगा है, जिसका मजा लेने के लिए लोग देश-विदेश जाते थे.
ऋषिकेश साहसिक पर्यटन का केन्द्र बनता जा रहा है. रोमांच की तलाश में पर्यटक अब ऋषिकेश का रुख करने लगे हैं. पर्यटकों के लिए यहां राफ्टिंग कैम्पिंग के साथ-साथ अब बंजी जम्पिंग और जिप लाइन फ्लाइंग फॉक्स जैसे साहसिक खेल भी उपलब्ध हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.
यही कारण है कि छुट्टियां पड़ते ही पर्यटक उत्तराखंड का रुख कर साहसिक खेलों का जमकर मजा ले रहे हैं. तीर्थनगरी ऋषिकेश में अब साहसिक पर्यटन तेजी से बढ़ने लगा है. इन खेलों का लुत्फ उठाने के लिए भारी संख्या में सैलानी यहां पहुंचते हैं.
ऋषिकेश का शिवपुरी, कौडियाला, ब्यासी क्षेत्र साहसिक पर्यटकों की पहली पसंद बनता जा रहा है. इससे पहले यहां साहसिक खेल के नाम पर केवल राफ्टिंग का रोमांच ही था लेकिन अब यहां बंजी जम्पिंग और जिप लाइन फ्लाइंग फॉक्स जैसे साहसिक खेल भी उपलब्ध हैं.
जिसका आनंद लेने के लिए देश-विदेश से बड़ी मात्रा में सैलानी आ रहे हैं और जमकर इसका मजा ले रहे हैं. सैलानी यहां पहुंचकर कैम्पिंग, राफ्टिंग और बंजी जम्पिंग जिप लाइन फ्लाइंग फॉक्स जैसे खेलों का भी मजा लेते हैं.
ऋषिकेश में साहसिक खेलों को संचालित करने वाले आयोजकों का कहना है कि पहले जहां इन साहसिक खेलों का आनंद सिर्फ विदेशों में लिया जा रहा था अब ये उत्तराखंड में भी उपलब्ध हैं. लोग इनका जमकर लुत्फ भी उठा रहे हैं.
लोगों का कहना है कि ऋषिकेश में पहले लोग धार्मिक अनुष्ठान, पूजा-पाठ और चारधाम यात्रा के लिए आया करते थे जिस कारण ऋषिकेश को तीर्थनगरी के रूप में जाना जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में ऋषिकेश ने पर्यटन के क्षेत्र में विश्व पटल पर अपना एक अलग ही स्थान बनाया है.