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इको सेंसेटिव जोन में वन्यजीवों के साथ हो रहा खिलवाड़, हाथी कॉरिडोर में बनाया जा रहा टोल बैरियर

डोईवाला के लच्छीवाला में हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में बनाए जा रहे टोल टैक्स बैरियर से स्थानीय लोग काफी नाराज हैं. ग्रामीणों का कहना है कि विभाग अपने फायदे के लिए इको सेंसेटिव जोन के नाम पर ग्रामीणों के अधिकारों का हनन कर रहा है.

हाथी कोरिडोर क्षेत्र में बनाया जा रहा टोल टैक्स बैरियर.
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Published : Sep 5, 2019, 11:18 PM IST

डोईवाला: लच्छीवाला में हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में टोल टैक्स बैरियर बनाया जा रहा है. टोल टैक्स बैरियर बनाए जाने को लेकर स्थानीय ग्रामीण काफी नाराज हैं. ग्रामीणों का कहना है कि टोल टैक्स बैरियर के लग जाने से हाथियों को आवागमन में परेशानी होगी. साथ ही रास्ते बंद होने से हाथी गांव की ओर रुख कर सकते हैं. वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग व सरकार अपने फायदे के लिए दोहरी नीति पर काम कर रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग राजाजी रिजर्व टाइगर पार्क के आसपास के 10 किलोमीटर क्षेत्र को इको सेंसेटिव जोन बनाने की बात कह रहा है. लेकिन लच्छीवाला जंगल में टोल टैक्स बैरियर लगाकर हाथियों के कॉरिडोर को प्रभावित किया जा रहा है. प्रकृति प्रेमियों का कहना है कि इस जंगल में टोल टैक्स बैरियर लगने से रंग बिरंगी लाइट लगेगी और हाथियों के पुराने रास्ते बंद हो जाएंगे.

हाथी कोरिडोर क्षेत्र में बनाया जा रहा टोल टैक्स बैरियर.

पढ़ें: नैनी-सैनी हवाई पट्टी से जल्द होगा बड़े विमानों का संचालन, सर्वे करने कनाडा से आई स्पेशल टीम

लच्छीवाला वन रेंज के अधिकारी घनानंद उनियाल ने कहा कि वन विभाग ने टोल टैक्स बैरियर लगाए जाने का विरोध किया था. कंपनी को एक साल पहले ही अवगत करा दिया गया था कि यह क्षेत्र हाथी कॉरिडोर है. लेकिन कंपनी को टोल टैक्स बैरियर लगाने के लिए दूसरी जगह नहीं मिल पाई, जिस वजह से इस जगह पर टोल टैक्स बैरियर लगाया जा रहा है.

डोईवाला: लच्छीवाला में हाथी कॉरिडोर क्षेत्र में टोल टैक्स बैरियर बनाया जा रहा है. टोल टैक्स बैरियर बनाए जाने को लेकर स्थानीय ग्रामीण काफी नाराज हैं. ग्रामीणों का कहना है कि टोल टैक्स बैरियर के लग जाने से हाथियों को आवागमन में परेशानी होगी. साथ ही रास्ते बंद होने से हाथी गांव की ओर रुख कर सकते हैं. वहीं, ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि विभाग व सरकार अपने फायदे के लिए दोहरी नीति पर काम कर रही है.

ग्रामीणों का कहना है कि वन विभाग राजाजी रिजर्व टाइगर पार्क के आसपास के 10 किलोमीटर क्षेत्र को इको सेंसेटिव जोन बनाने की बात कह रहा है. लेकिन लच्छीवाला जंगल में टोल टैक्स बैरियर लगाकर हाथियों के कॉरिडोर को प्रभावित किया जा रहा है. प्रकृति प्रेमियों का कहना है कि इस जंगल में टोल टैक्स बैरियर लगने से रंग बिरंगी लाइट लगेगी और हाथियों के पुराने रास्ते बंद हो जाएंगे.

हाथी कोरिडोर क्षेत्र में बनाया जा रहा टोल टैक्स बैरियर.

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लच्छीवाला वन रेंज के अधिकारी घनानंद उनियाल ने कहा कि वन विभाग ने टोल टैक्स बैरियर लगाए जाने का विरोध किया था. कंपनी को एक साल पहले ही अवगत करा दिया गया था कि यह क्षेत्र हाथी कॉरिडोर है. लेकिन कंपनी को टोल टैक्स बैरियर लगाने के लिए दूसरी जगह नहीं मिल पाई, जिस वजह से इस जगह पर टोल टैक्स बैरियर लगाया जा रहा है.

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डोईवाला
डोईवाला के लच्छीवाला में हाथी कोरिडोर क्षेत्र में बनाया जा रहा टोल टैक्स बैरियर प्रकृति प्रेमी नाराज कहा वन विभाग अपने फायदे के लिए तोड़ रहा नियम और पार्क क्षेत्र में इको सेंसेटिव जोन के नाम पर ग्रामीणों के अधिकारों का किया जा रहा हनन ।

वन विभाग के दोहरे नियम से प्रकृति प्रेमी हैरान है डोईवाला के लछीवाला के जंगल में हाईवे पर टोल टैक्स बैरियर लगाए जाने की तैयारी है लेकिन यह क्षेत्र हाथी कॉरिडोर क्षेत्र है जहां पर हाथी विचरण करते हैं और रोड क्रॉस करके दूसरी तरफ जंगल में जाते हैं ग्रामीणों का आरोप है कि टोल टैक्स बैरियर के लग जाने से हाथियों के विचरण में परेशानी होगी और रास्ते बंद होने के चलते हाथी गांव की ओर रुक कर सकते हैं और ग्रामीण इस कॉरिडोर के बनने से बेहद नाराज हैं और ग्रामीण टोल टैक्स बैरियर के बनने से हाथियों के विचरण पर दखलंदाजी की बात कह रहे हैं ।


Body:ग्रामीणों का कहना है कि एक तरफ वन विभाग राजाजी रिजर्व टाइगर पार्क के आसपास के 10 किलोमीटर क्षेत्र को इको सेंसेटिव जोन बनाने की बात कह रहा है वही लछीवाला जंगल में टोल टैक्स बैरियर लगाकर हाथियों के कोरिडोर छेत्र को प्रभावित कर रहा है प्रकृति प्रेमियों का कहना है कि इस जंगल में टोल टैक्स बैरियर लगने से रंग बिरंगी लाइट लगेगी और हाथियों के पुराने रास्ते बंद हो जाएंगे जिससे हाथियों के स्वभाव में भी परिवर्तन आएगा और वे आक्रामक हो जाएंगे और विभाग व सरकार अपने फायदे के लिए दोहरी नीति पर काम कर रही है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है ।


Conclusion:लच्छीवाला वन रेंज के अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि वन विभाग ने टोल टैक्स बैरियर लगाए जाने का ऑब्जेक्शन उठाया था और कंपनी को एक साल पहले ही अवगत करा दिया गया था कि यह क्षेत्र हाथी कॉरिडोर क्षेत्र है लेकिन कंपनी को टोल टैक्स बैरियर लगाने के लिए दूसरी जगह नहीं मिल पाई जिस वजह से इस जगह पर टोल टैक्स बैरियर लगाया जा रहा है और कंपनी द्वारा अवगत कराया गया था कि टोल टैक्स बैरियर वाली जगह पर हाथियों की रोकथाम के लिए इलेक्ट्रिक फेंसिंग और सुरक्षा दीवार लगाई जाएगी ।

बाइट रणजोध सिंह स्थानीय ग्रामीण व प्रकृति प्रेमी
बाइट घनानंद उनियाल वन रेंजअधिकारी लच्छीवाला
पीटीसी
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