देहरादूनः सोशल मीडिया साइट्स में विज्ञापनों के जरिएअ ऑनलाइन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफा का लालच देकर लोगों को ठगने वाले जालसाज को उत्तराखंड एसटीएफ की टीम ने पंजाब से गिरफ्तार किया. आरोपी के आईडीएफसी बैंक के खाते में दिसंबर 2023 से जनवरी 2024 तक करीब 40 लाख की धनराशि का लेनदेन सामने आया है. आरोपी साइबर धोखाधड़ी के लिए दूसरे व्यक्तियों के बैंक खातों का भी इस्तेमाल करता था.
ये है मामला: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर निवासी पीड़ित ने साइबर स्टेशन पुलिस को फरवरी 2024 में मुकदमा दर्ज कराया. बताया कि दिसंबर 2023 में फेसबुक में एक ऑनलाइन ट्रेडिंग बिजनेस का विज्ञापन देखा. जिसके लिंक पर क्लिक करने पर उसे एक अज्ञात व्हाट्सअप ग्रुप से जोड़ा गया. चैटिंग करने के बाद पीड़ित को एक अन्य लिंक के माध्यम से INDRA CUSTOMER CARE-F25 (इंद्रा कस्टमर केयर-F25) नाम के व्हाट्सअप ग्रुप से जोड़ा गया. जिसमें ठग द्वारा खुद को INDRA कंपनी का प्रतिनिधि बताया गया था.
पीड़ित ने आगे बताया कि, ठग ने ट्रेडिंग में रुपए इन्वेस्ट करने के लिए व्हाट्सअप के माध्यम से अलग-अलग बैंक खाते उपलब्ध कराए जिसमें उसने करीब 52 लाख रुपए ट्रांसफर किए. पीड़ित ने बताया, साइबर ठगों ने पीड़ित को ऑनलाइन शेयर मार्केटिंग में अधिक मुनाफे का लालच दिया. इसमें निवेश करने पर पीड़ित को शार्ट टर्म में अधिक मुनाफे का भरोसा देकर भी ठगी की गई.
पंजाब से किया गिरफ्तार: एसटीएफ टीम द्वारा प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी में आया कि साइबर अपराधियों ने पीड़ित से अन्य व्यक्तियों के बैक अकाउंट्स (कमीशन बेस्ड खाते) का प्रयोग कर धोखाधड़ी की. एसटीएफ की टीम ने उन बैंक अकाउंट्स होल्डर्स की जांच की और नवंबर माह में मुदस्सिर मिर्जा, दीपक अग्रवाल और गौरव गुप्ता को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया. जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी रखी. वहीं टीम ने 1 दिसंबर को पंजाब पुलिस की मदद लेकर मॉडल ग्राम थाना सिटी नम्बर -2 मलेरकोटला पंजाब से आरोपी रतना को हिरासत में लिया.
विदेशों में बैठे साइबर ठगों को देता था जानकारी: वहीं आरोपी से पुलिस पूछताछ में जानकारी मिली कि आरोपी रतना ने साइबर अपराधियों के साथ मिलकर अहमदाबाद गुजरात जाकर एमएम टूर एंड ट्रैवल के नाम से एक फर्जी फर्म बनाकर रजिस्टर्ड कराया और फर्म के नाम पर आईडीएफसी बैंक अहमदाबाद में खाता खोलकर खाते में पीड़ित से 1 लाख 35 हजार रुपए प्राप्त किए थे. साथ ही साइबर पुलिस की जांच पड़ताल में आरोपी के मोबाइल में कई ईमेल अकाउंट, बैंक खाते, फर्जी फर्म/कंपनियों के नाम, फोटो और दस्तावेज बरामद हुए. इसके अलावा विदेशी मोबाइल नंबरों के साथ व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर उनके साथ चैटिंग और साइबर अपराधियों से संपर्क होने की जानकारी भी मिली है.
कई राज्यों में 14 शिकायतें दर्ज: एसटीएफ एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि आरोपी ने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर चालू बैंक खाते खोले हैं. जिनका एक्सेस उनके द्वारा खुद किया जा रहा था. आरोपी, बैंक खातों में लिंक मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी को इटंरनेट बैंकिट के लिए प्रयोग करता था. मोबाइल में एसएमएस फॉरवर्ड एप्लीकेशन के माध्यम से लाभार्थी खातों में प्राप्त होने वाली धनराशि और इंटरनेट बैंकिग आदि से संबंधित सभी ओटीपी को विदेशों में बैठे साइबर अपराधियों को भेजा जाता है.
साइबर पुलिस देश भर में अलग-अलग राज्यों से प्राप्त शिकायतों के संबंध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है. साथ ही इन बैंक खातों केबैंक स्टेटमेंट में करोड़ों रुपए के लेनदेन किया जाना पाया गया है. जांच में यह भी सामने आया है कि इन बैंक खातों के खिलाफ देश के कई राज्यों में कुल 14 साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं.
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