ETV Bharat / state

चैत्र नवरात्रि का आज पहला दिन, पहले दिन होती है देवी शैलपुत्री की पूजा, जानें पूजा की विधि

नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है. मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में स्थिरता और शक्ति मिलती है.

नवरात्रि के पहले दिन होती है देवी शैलपुत्री की पूजा
author img

By

Published : Apr 6, 2019, 3:38 AM IST

Updated : Apr 6, 2019, 9:31 AM IST

देहरादून: चैत्र नवरात्रि का आज पहला दिन है. नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है. मान्यता है कि देवी के इस स्वरूप का नाम शैलपुत्री इस लिए पड़ा क्योंकि इनका जन्म राजा हिमालय के यहां हुआ था. महिलाओं के लिए मां शैलपुत्री की पूजा शुभ माना जाती है. मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में स्थिरता और शक्ति मिलती है.

मां शैलपुत्री की पूजा

  • नवरात्रि के पहले दिन देवी के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है.
  • सबसे पहले जिस स्थान पर आपको पूजा करनी है, पहले उस स्थान को साफ करें.
  • साफ किए गये स्थान पर लकड़ी के पाटे पर माता के शैलपुत्री स्वरूप को स्थापित करें.

पढ़ें- इस बार गोमुख की राह नहीं आसान, हिमस्खलन खड़ी कर सकता है मुश्किलें

कलश स्थापना पूजा की विधि

  • माता शैलपुत्री की तस्वीर के पास कलश स्थापना के लिए एक लकड़ी के पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं.
  • उसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए पाटे पर हाथ में कुछ चावल लेकर रख दें.
  • अब जिस कलश की स्थापना करनी है, उस कलश में शुद्ध जल भरें, उसमें आम के पत्ते लगाएं, फिर पानी वाला नारियल उस कलश पर रख दें.
  • अब कलश पर रोली से स्वास्तिक का निशान बनाएं और कलश को स्थापित कर दें.
  • कलश के ऊपर रखे नारियल पर कलावा और चुनरी बांधें.
  • अब कलश के एक हिस्से में मिट्टी फैलाएं और उस मिट्टी में जौं डालें.
  • कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री को कुमकुम लगाएं.
  • चुनरी उढ़ाएं और घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें.
  • अज्ञारी में सुपारी, घी, लौंग, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं.
  • इसके बाद व्रत का संकल्प लें और अंत में मां शैलपुत्री की विधि पूर्वक कथा पढ़ें

माता शैलपुत्री का मंत्र
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्राद्र्वकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ा शूलधरां यशस्विनीम्॥

देहरादून: चैत्र नवरात्रि का आज पहला दिन है. नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा होती है. मान्यता है कि देवी के इस स्वरूप का नाम शैलपुत्री इस लिए पड़ा क्योंकि इनका जन्म राजा हिमालय के यहां हुआ था. महिलाओं के लिए मां शैलपुत्री की पूजा शुभ माना जाती है. मां शैलपुत्री की पूजा करने से जीवन में स्थिरता और शक्ति मिलती है.

मां शैलपुत्री की पूजा

  • नवरात्रि के पहले दिन देवी के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है.
  • सबसे पहले जिस स्थान पर आपको पूजा करनी है, पहले उस स्थान को साफ करें.
  • साफ किए गये स्थान पर लकड़ी के पाटे पर माता के शैलपुत्री स्वरूप को स्थापित करें.

पढ़ें- इस बार गोमुख की राह नहीं आसान, हिमस्खलन खड़ी कर सकता है मुश्किलें

कलश स्थापना पूजा की विधि

  • माता शैलपुत्री की तस्वीर के पास कलश स्थापना के लिए एक लकड़ी के पाटे पर लाल कपड़ा बिछाएं.
  • उसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करते हुए पाटे पर हाथ में कुछ चावल लेकर रख दें.
  • अब जिस कलश की स्थापना करनी है, उस कलश में शुद्ध जल भरें, उसमें आम के पत्ते लगाएं, फिर पानी वाला नारियल उस कलश पर रख दें.
  • अब कलश पर रोली से स्वास्तिक का निशान बनाएं और कलश को स्थापित कर दें.
  • कलश के ऊपर रखे नारियल पर कलावा और चुनरी बांधें.
  • अब कलश के एक हिस्से में मिट्टी फैलाएं और उस मिट्टी में जौं डालें.
  • कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री को कुमकुम लगाएं.
  • चुनरी उढ़ाएं और घी का दीपक प्रज्ज्वलित करें.
  • अज्ञारी में सुपारी, घी, लौंग, मिष्ठान आदि का भोग लगाएं.
  • इसके बाद व्रत का संकल्प लें और अंत में मां शैलपुत्री की विधि पूर्वक कथा पढ़ें

माता शैलपुत्री का मंत्र
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्राद्र्वकृतशेखराम्।
वृषारूढ़ा शूलधरां यशस्विनीम्॥

Intro:Body:

कैसे करें मां शैलपुत्री की पूजा


Conclusion:
Last Updated : Apr 6, 2019, 9:31 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.