देहरादून: देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की आज 136वीं जयंती है. इस मौके पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति भारत रत्न स्वर्गीय डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर प्रदेश मुख्यालय में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए. साथ ही उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया.
इस अवसर पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सादा जीवन उच्च विचार के प्रतीक मानें जाने वाले स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने छात्र जीवन से ही अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए कई कीर्तिमान स्थापित किए थे. प्रीतम सिंह ने डॉ. प्रसाद को शिक्षकों का आदर्श बताया और उनके अध्यापन की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अपने जीवन की शुरूआत एक अध्यापक के रूप में करते हुए 33 वर्षों तक अध्यापन का काम किया और स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बनने तक सफर जारी रहा.
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प्रीतम सिंह ने कहा कि डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अपनी अंतिम सांस तक सच्चे गांधीवादी के रूप में उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास किया. उन्होंने संविधान निर्माण सभा के अध्यक्ष के रूप में जिस संयम अनुशासन और ज्ञान से भारतीय संविधान निर्माण को सहज बनाया वह अपने आप में बेमिसाल है. अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि जिस समय देश संकट के दौर से गुजर रहा था, उस दौरान डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य और कृषि मंत्री के रूप में अपनी अहम भूमिका निभाई. सभी को उनके बताए हुए मार्ग पर चलकर एक शक्तिशाली भारत के निर्माण के उनके सपनों को साकार करने के लिए प्रयास करने होंगे, यही उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी.