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सरकार की बड़ी पहल, आपदा से बचने के लिए सेटेलाइट के जरिए शिखरों और तालाबों की होगी स्टडी - Tourism Minister Satpal Maharaj

केदार आपदा की पुनरावृत्ति न हो इसे लेकर सरकार राज्य ने सभी शिखरों और तालाबों का उपग्रह के माध्यम से अध्ययन करने की योजना बनाई है. जिसके तहत वाडिया इंस्टीट्यूट और यूसेक सेटेलाइट के जरिए पूरे क्षेत्र के शिखरों और तालाबों पर अनुसंधान करेगी.

आपदा की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए, सरकार राज्य के सभी शिखरों और तालाबों का उपग्रह के माध्यम से अध्ययन करेगी.
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Published : Sep 10, 2019, 10:51 PM IST

देहरादून: साल 2013 में केदारनाथ घाटी में आयी भीषण आपदा से सबक लेते हुए राज्य सरकार आपदा की पुनरावृत्ति न हो को लेकर बड़ी पहल करने जा रही है. जिसके तहत प्रदेश के सभी शिखरों और तालाबों की सेटेलाइट के जरिए स्टडी की जाएगी.

आपदा की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए, सरकार राज्य के सभी शिखरों और तालाबों का उपग्रह के माध्यम से अध्ययन करेगी.

बता दें कि साल 2013 में केदारनाथ घाटी में आयी भीषण आपदा के 6 साल पुरे हो गए हैं. इस त्रासदी से केदार घाटी समेत आस-पास के तमाम क्षेत्र प्रभावित हुए थे. जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि 18 सितंबर को सरकार कॉन्फ्रेंस मिटिंग करने जा रही है. जिसके बाद वाडिया इंस्टीट्यूट और यूसेक सेटेलाइट के जरिए पूरे क्षेत्र के शिखरों और तालाबों पर अनुसंधान करेगी.

वहीं चारधाम यात्रा को लेकर विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में चारधाम यात्रा के बारे में चर्चा तक नहीं की जा रही है और आज यात्रा है ही कहां? साथ ही उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम का रास्ता समाप्त है. केदारनाथ धाम का रास्ता भी रुद्रप्रयाग से आगे खतरनाक बना हुआ है. यही नहीं सभी धाम की यात्रा रुकी हुई है. लेकिन किसी को भी यात्रा के बारे में चिंता नहीं है. ना ही चारधाम यात्रा के बारे में कोई पूछ रहा है और ना ही कोई बता रहा है.

साथ ही बताया कि पूरे प्रदेश के अंदर इस समय स्थिति बहुत असामान्य है. चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाइफ लाइन है. इसके साथ ही बाहर से आने वाले यात्रियों में दहशत का माहौल ना बने और यात्री यहां आना ना बंद कर दे ऐसे में चारधाम यात्रा प्रभावित हो जाएगी. इसलिए कांग्रेस पार्टी चारधाम यात्रा के बारे में ज्यादा नहीं बोलती है.

ये भी पढ़े: चीन की तर्ज पर भारत की नदियों का हो संरक्षण, ITBP के डीआईजी ने बताई 'ड्रैगन' की प्लानिंग

वहीं चारधाम की व्यवस्थाओं पर कांग्रेस के सवाल पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि चारधाम की सड़कें बननी चाहिए और मजबूत होनी चाहिए. जहां-जहां लैंडस्लाइड की घटना हो रही है, वहां जेसीबी की व्यवस्था हो ताकि तत्काल प्रभाव से मार्गों को खोला जा सके. साथ ही पहाड़ों पर स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल सकें. जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही सिंचाई विभाग को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की हिदायत दी गयी है.

देहरादून: साल 2013 में केदारनाथ घाटी में आयी भीषण आपदा से सबक लेते हुए राज्य सरकार आपदा की पुनरावृत्ति न हो को लेकर बड़ी पहल करने जा रही है. जिसके तहत प्रदेश के सभी शिखरों और तालाबों की सेटेलाइट के जरिए स्टडी की जाएगी.

आपदा की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए, सरकार राज्य के सभी शिखरों और तालाबों का उपग्रह के माध्यम से अध्ययन करेगी.

बता दें कि साल 2013 में केदारनाथ घाटी में आयी भीषण आपदा के 6 साल पुरे हो गए हैं. इस त्रासदी से केदार घाटी समेत आस-पास के तमाम क्षेत्र प्रभावित हुए थे. जिसमें हजारों लोगों की जान चली गई थी.

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि 18 सितंबर को सरकार कॉन्फ्रेंस मिटिंग करने जा रही है. जिसके बाद वाडिया इंस्टीट्यूट और यूसेक सेटेलाइट के जरिए पूरे क्षेत्र के शिखरों और तालाबों पर अनुसंधान करेगी.

वहीं चारधाम यात्रा को लेकर विपक्ष ने कई सवाल खड़े किए हैं. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वर्तमान समय में चारधाम यात्रा के बारे में चर्चा तक नहीं की जा रही है और आज यात्रा है ही कहां? साथ ही उन्होंने कहा कि बदरीनाथ धाम का रास्ता समाप्त है. केदारनाथ धाम का रास्ता भी रुद्रप्रयाग से आगे खतरनाक बना हुआ है. यही नहीं सभी धाम की यात्रा रुकी हुई है. लेकिन किसी को भी यात्रा के बारे में चिंता नहीं है. ना ही चारधाम यात्रा के बारे में कोई पूछ रहा है और ना ही कोई बता रहा है.

साथ ही बताया कि पूरे प्रदेश के अंदर इस समय स्थिति बहुत असामान्य है. चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाइफ लाइन है. इसके साथ ही बाहर से आने वाले यात्रियों में दहशत का माहौल ना बने और यात्री यहां आना ना बंद कर दे ऐसे में चारधाम यात्रा प्रभावित हो जाएगी. इसलिए कांग्रेस पार्टी चारधाम यात्रा के बारे में ज्यादा नहीं बोलती है.

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वहीं चारधाम की व्यवस्थाओं पर कांग्रेस के सवाल पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि चारधाम की सड़कें बननी चाहिए और मजबूत होनी चाहिए. जहां-जहां लैंडस्लाइड की घटना हो रही है, वहां जेसीबी की व्यवस्था हो ताकि तत्काल प्रभाव से मार्गों को खोला जा सके. साथ ही पहाड़ों पर स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल सकें. जिसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. साथ ही सिंचाई विभाग को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की हिदायत दी गयी है.

Intro:साल 2013 में केदारनाथ घाटी में आयी भीषण आपदा से सबक लेते हुए राज्य सरकार, 6 साल बाद एक बड़ी पहल करने जा रही है जिसके तहत प्रदेश में आपदा की पुनरावृत्ति न हो इसको लेकर प्रदेश के सभी शिखरों और तालाबो का सेटेलाइट के जरिए स्टडी की जाएगी। गौरतलब है कि साल 2013 में आयी त्रासदी से केदार घाटी समेत तमाम क्षेत्र प्रभावित हो गए थे। यही नही इस आपदा से हजारों लोगों की जाने भी चली गयी थी। 


Body:वहीं पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि 18 सितंबर को बहुत बड़ी कॉन्फ्रेंस करने जा रहे हैं जिसमें वाडिया इंस्टीट्यूट और यूसेक को लेकर सेटेलाइट के जरिए पूरा अनुसंधान किया जाएगा, कि जहा-जहा शिखर, तालाब है उन सबका स्टडी हो, ताकि 2013 की त्रासदी का पुनरावृत्ति न हो सके, इसको भी सुनिश्चित किया जाएगा। 

बाइट - सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री


जहा एक ओर राज्य सरकार, आपदा की पुनरावृत्ति ना हो इसको लेकर एक बड़ी पहल करने जा रही है तो वही दूसरी ओर चारधाम की यात्रा को लेकर विपक्ष के कई सवाल खड़े कर दिए है। कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने राज्य सरकार पर सवाल खड़ा करते हुए बताया कि वर्तमान समय में चारधाम यात्रा के बारे में चर्चा तक नहीं किया जा रहा है और आज यात्रा है ही कहां? क्योंकि बद्रीनाथ धाम का रास्ता समाप्त है। केदारनाथ धाम का रास्ता रुद्रप्रयाग से आगे खतरनाक बना हुआ है। यही नही हर धाम की यात्रा रुकी हुई है। लेकिन किसी को भी यात्रा के बारे में चिंता नही है। और चारधाम यात्रा के बारे न कोई पूछ रहा है और ना ही कोई बता रहा है। 


साथ ही बताया कि पूरे प्रदेश के अंदर इस समय स्थिति बहुत असामान्य है। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी चारधाम यात्रा के बारे में ज्यादा नही बोलती है कि कहीं इससे चारधाम यात्रा प्रभावित ना हो जाए। क्योकि चारधाम यात्रा उत्तराखंड की लाइफ लाइन है, इसके साथ ही बाहर से आने वाले यात्रियों में दहशत का माहौल पैदा ना हो जाए, जिससे यात्री यहां आना ना बंद कर दे। 

बाइट - सूर्यकांत धस्माना, प्रदेश उपाध्यक्ष, कांग्रेस


तो वही चारधाम की व्यवस्थाओं के सवाल पर पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि चारधाम की सड़कें बननी चाहिए और मजबूत होनी चाहिए। जहां-जहां लैंडस्लाइड की घटना हो रही है वहां जेसीबी की व्यवस्था हो ताकि तत्काल प्रभाव से मार्गों को खोला जा सके। और पहाड़ों पर स्वास्थ्य सुविधाएं भी मिल सकें। साथ ही बताया कि बरसात की वजह से काफी कुछ नुकसान हो गया है, इसको ठीक किया जाएगा। हालांकि वर्तमान समय में चारधाम यात्रा चल रही है। और सिचाई विभाग को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की हिदायत दी गयी है। 

बाइट - सतपाल महाराज, पर्यटन मंत्री


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