नई दिल्ली: उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत के बागी तेवर से कांग्रेस में हड़कंप मच गया है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी को बैठे बिठाए कांग्रेस पर निशाना साधने का एक मुद्दा मिल गया है. हरदा के बहाने बीजेपी सीधे-सीधे कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठा रही है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत की संवाददाता अनामिका रत्ना ने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से खास बातचीत की.
उत्तराखंड कांग्रेस के अंदर हरीश रावत के ट्वीट ने खलबली मचा दी है, जिसमें रावत ने यहां तक कह दिया है कि उन्हें ऐसा महसूस होता है कि जैसे उनके हाथ पैर बांधकर रख दिए गए हो. ऐसे में हरदा ने उत्तराखंड कांग्रेस नेताओं के साथ-साथ अपनी ही पार्टी के नेतृत्व पर भी सवाल खड़ा कर दिया है. इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा यह बयान कहीं ना कहीं दर्शाता है कि हरीश रावत पार्टी हाईकमान से नाराज हैं और आहत भी हैं.
ये भी पढ़ें: हरीश रावत के ट्वीट से सियासी हलचल तेज, BJP-AAP बोली-'डूबते जहाज' पर हरदा ने लगाई मुहर
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में आंतरिक प्रजातंत्र नहीं है. कांग्रेस में अपने ही नेताओं की सुनी नहीं जाती है, वो भी ऐसे समय में जब हरीश रावत उत्तराखंड में कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में से एक है. हरीश रावत खुद अपनी ही पार्टी के नेताओं से नाराज हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस उत्तराखंड में सरकार बनाने का दावा ठोंक रही है. ऐसे में हरीश रावत के बयान ने कांग्रेस की अंदरूनी घमासान को सतह पर ला दिया है.
तीरथ सिंह रावत ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ और फाउंडर नेताओं में से एक हैं. ऐसे में यदि वह बयान दे रहे हैं कि पार्टी के अंदर ही कुछ मगरमच्छ है, जो उनके पीछे पड़े हैं तो यह अपने आप में काफी गंभीर है. यानी कि पर्दे के पीछे कुछ अच्छा नहीं है और कुछ ना कुछ खिचड़ी पक रही है. तीरथ सिंह रावत ने कहा कि कहीं न कहीं वह पार्टी के अपने ही नेताओं और शीर्ष नेताओं के खिलाफ सवाल खड़े कर रहे हैं और ऐसे में कांग्रेस चुनाव जीतने का दम भर रही है. जब उनके नेता ही असंतुष्ट हैं तो इसका अंदाजा लगाया जा सकता है कि कांग्रेस का चुनाव में क्या होगा ?
ये भी पढ़ें: तो ये है हरीश रावत के बागी तेवरों की वजह! कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव पर BJP के हाथों 'खेलने' का आरोप
तीरथ रावत ने कहा कांग्रेस में पूरी तरह से बिखराव नजर आ रहा है. कांग्रेस पंजाब और उत्तराखंड दोनों ही जगह टूट चुकी है. जहां तक पंजाब की बात है तो हरीश रावत के जाने के बाद ही वहां बिखराव नजर आया था और उसके बाद ही वहां पर मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को हटाया गया था. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि उत्तराखंड हो या पंजाब कांग्रेस को पूरी तरह से जनता नकार चुकी है और यही वजह है कि उनकी पार्टी के नेताओं में असंतोष भी बढ़ता जा रहा है.
-
सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
2/3
">सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
2/3सत्ता ने वहां कई मगरमच्छ छोड़ रखे हैं। जिनके आदेश पर तैरना है, उनके नुमाइंदे मेरे हाथ-पांव बांध रहे हैं। मन में बहुत बार विचार आ रहा है कि #हरीश_रावत अब बहुत हो गया, बहुत तैर लिये, अब विश्राम का समय है!
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) December 22, 2021
2/3
जब ईटीवी भारत संवाददाता ने पूछा कि क्या कांग्रेस के बागी नेता हरीश रावत भाजपा के संपर्क में है ? जिसके जवाब में उन्होंने कहा इस सवाल का जवाब वह अभी नहीं दे सकते और इस बारे में वह फिलहाल कुछ नहीं कह सकते. आने वाले समय में पता चल पाएगा.
ये भी पढ़ें: कांग्रेस में मगरमच्छ कौन? किसने बांधे हरीश रावत के हाथ-पैर? कहा- बहुत हो गया, अब विश्राम का समय
उत्तराखंड चुनाव में क्या नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा जाएगा या पुष्कर धामी ही चेहरा होंगे के सवाल पर तीरथ सिंह रावत ने कोई भी टिप्पणी नहीं की, केवल कहा कि जो विकास हुआ है, उसके नाम पर चुनाव लड़ा जाएगा. जिस तरह से नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड में विकास किया गया है. चार धाम तक ट्रेन ले जाने की व्यवस्था की जा रही है. पहाड़ों पर लोगों के घरों में पानी और शौचालय पहुंच रहा है. ऐसा विकास कभी नहीं हुआ था. उत्तराखंड की जनता बहुमुखी विकास को लेकर खुश है. इसलिए वह भारतीय जनता पार्टी का ही साथ देगी