देहरादून: राजधानी देहरादून के मालदेवता इलाके में शनिवार तड़के बादल फटने बाद नदी नाले उफान पर आ गए थे. बादल फटने के बाद पहाड़ से आए पानी के सैलाब ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. पांच जिंदगियां तो सोते हुए मलबे में ही दफन हो गईं और कई घरों में मलबा घुस गया, जिससे कई लोग घायल हो गए हैं. ऐसे हालात में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) का हेलीकॉप्टर (government helicopter) आपदा में घायल हुए तीन लोगों के लिए देवदूत बना और उनका रेस्क्यू कर (Three people rescued) अस्पताल तक पहुंचाया.
उत्तराखंड में मॉनसून के दौरान आपदा आना कोई बड़ी बात नहीं है. हर साल मॉनसून से पहले आपदा की मुश्किलों से निपटने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जैसे ही बादल फटने जैसी कोई बड़ी घटना होती है, पूरा सरकारी सिस्टम धराशायी हो जाता है. ऐसे ही शनिवार को मालदेवता में बादल फटने के बाद देखने को मिला.
मालदेवता इलाके में बादल फटने के बाद अफरा-तफरी का माहौल था. सैलाब में सड़कों के बह जाने के कारण घायलों का रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा था. ऐसे हालत में सीएम पुष्कर सिंह धामी का सरकारी हेलीकॉप्टर ही काम आया.
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रेस्क्यू टीम के पास आपदा पीड़ितों को निकालने का कोई रास्ता नहीं बचा तो हेलीकॉप्टर के पायलट कैप्टन शोती ने मोर्चा संभाला और खराब मौसम के बावजूद घायलों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया और उन्हें हॉस्पिटल तक पहुंचाया. बात दें कि राज्य सरकार का हेलीकॉप्टर EC35 वैसे तो मुख्यमंत्री के लिए ही आरक्षित रहता है, लेकिन जब-जब इस तरह की मुश्किलें आई हैं. इस नीले रंग के उड़नखटोला ने बिना देर किए लोगों को आपदाग्रस्त क्षेत्रों से निकाला है.
हेलीकॉप्टर के पायलट कैप्टन शोती ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर गांव की छोटी सी पखडंडी पर हेलीकॉप्टर उतारा. इस सड़क पर हेलीकॉप्टर को लैड कराना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन तीन लोगों की जान बचाने के लिए कैप्टन शोती ने बाहदुरी दिखाई और वहां से फंसे तीन घायलों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया.
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बता दें कि 2013 की उत्तराखंड आपदा में भी कैप्टन शोती ने इस तरह से बहादुरी का परिचय देते हुए रेस्क्यू ऑपरेशनों में हिस्सा लिया और सैकड़ों लोगों जान बचाई थी. राज्य सरकार ये हेलीकॉप्टर डबल इंजन का है. पायलट शोती 2004 से उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों को हेलीकॉप्टर उड़ा रहे हैं.