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जब जब आई आपदा, तब तब देवदूत बना CM का हेलीकॉप्टर, निभाई अहम भूमिका

देहरादून में शनिवार तड़के आई आपदा में एक बार फिर सीएम पुष्कर सिंह धामी का हेलीकॉप्टर पीड़ितों के लिए देवदूत बना है. हेलीकॉप्टर के पायलट कैप्टन शोती के साहस से तीन लोगों की जिंदगी बच पाई.

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Published : Aug 20, 2022, 7:56 PM IST

Updated : Aug 20, 2022, 8:56 PM IST

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देहरादून: राजधानी देहरादून के मालदेवता इलाके में शनिवार तड़के बादल फटने बाद नदी नाले उफान पर आ गए थे. बादल फटने के बाद पहाड़ से आए पानी के सैलाब ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. पांच जिंदगियां तो सोते हुए मलबे में ही दफन हो गईं और कई घरों में मलबा घुस गया, जिससे कई लोग घायल हो गए हैं. ऐसे हालात में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) का हेलीकॉप्टर (government helicopter) आपदा में घायल हुए तीन लोगों के लिए देवदूत बना और उनका रेस्क्यू कर (Three people rescued) अस्पताल तक पहुंचाया.

उत्तराखंड में मॉनसून के दौरान आपदा आना कोई बड़ी बात नहीं है. हर साल मॉनसून से पहले आपदा की मुश्किलों से निपटने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जैसे ही बादल फटने जैसी कोई बड़ी घटना होती है, पूरा सरकारी सिस्टम धराशायी हो जाता है. ऐसे ही शनिवार को मालदेवता में बादल फटने के बाद देखने को मिला.

CM हेलीकॉप्टर ने निभाई अहम भूमिका.

मालदेवता इलाके में बादल फटने के बाद अफरा-तफरी का माहौल था. सैलाब में सड़कों के बह जाने के कारण घायलों का रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा था. ऐसे हालत में सीएम पुष्कर सिंह धामी का सरकारी हेलीकॉप्टर ही काम आया.
पढ़ें- देहरादून में भारी बारिश ने बरपाया कहर, ऐसी हैं बारिश से तबाही की तस्वीरें, देखें Ground Zero रिपोर्ट

रेस्क्यू टीम के पास आपदा पीड़ितों को निकालने का कोई रास्ता नहीं बचा तो हेलीकॉप्टर के पायलट कैप्टन शोती ने मोर्चा संभाला और खराब मौसम के बावजूद घायलों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया और उन्हें हॉस्पिटल तक पहुंचाया. बात दें कि राज्य सरकार का हेलीकॉप्टर EC35 वैसे तो मुख्यमंत्री के लिए ही आरक्षित रहता है, लेकिन जब-जब इस तरह की मुश्किलें आई हैं. इस नीले रंग के उड़नखटोला ने बिना देर किए लोगों को आपदाग्रस्त क्षेत्रों से निकाला है.

हेलीकॉप्टर के पायलट कैप्टन शोती ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर गांव की छोटी सी पखडंडी पर हेलीकॉप्टर उतारा. इस सड़क पर हेलीकॉप्टर को लैड कराना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन तीन लोगों की जान बचाने के लिए कैप्टन शोती ने बाहदुरी दिखाई और वहां से फंसे तीन घायलों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया.

पढ़ें- 2013 में आई आपदा की यादें हुई ताजा, उत्तराखंड में नदी में समा गया दो मंजिला मकान

बता दें कि 2013 की उत्तराखंड आपदा में भी कैप्टन शोती ने इस तरह से बहादुरी का परिचय देते हुए रेस्क्यू ऑपरेशनों में हिस्सा लिया और सैकड़ों लोगों जान बचाई थी. राज्य सरकार ये हेलीकॉप्टर डबल इंजन का है. पायलट शोती 2004 से उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों को हेलीकॉप्टर उड़ा रहे हैं.

देहरादून: राजधानी देहरादून के मालदेवता इलाके में शनिवार तड़के बादल फटने बाद नदी नाले उफान पर आ गए थे. बादल फटने के बाद पहाड़ से आए पानी के सैलाब ने सब कुछ बर्बाद कर दिया. पांच जिंदगियां तो सोते हुए मलबे में ही दफन हो गईं और कई घरों में मलबा घुस गया, जिससे कई लोग घायल हो गए हैं. ऐसे हालात में सीएम पुष्कर सिंह धामी (CM Pushkar Singh Dhami) का हेलीकॉप्टर (government helicopter) आपदा में घायल हुए तीन लोगों के लिए देवदूत बना और उनका रेस्क्यू कर (Three people rescued) अस्पताल तक पहुंचाया.

उत्तराखंड में मॉनसून के दौरान आपदा आना कोई बड़ी बात नहीं है. हर साल मॉनसून से पहले आपदा की मुश्किलों से निपटने के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन जैसे ही बादल फटने जैसी कोई बड़ी घटना होती है, पूरा सरकारी सिस्टम धराशायी हो जाता है. ऐसे ही शनिवार को मालदेवता में बादल फटने के बाद देखने को मिला.

CM हेलीकॉप्टर ने निभाई अहम भूमिका.

मालदेवता इलाके में बादल फटने के बाद अफरा-तफरी का माहौल था. सैलाब में सड़कों के बह जाने के कारण घायलों का रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा था. ऐसे हालत में सीएम पुष्कर सिंह धामी का सरकारी हेलीकॉप्टर ही काम आया.
पढ़ें- देहरादून में भारी बारिश ने बरपाया कहर, ऐसी हैं बारिश से तबाही की तस्वीरें, देखें Ground Zero रिपोर्ट

रेस्क्यू टीम के पास आपदा पीड़ितों को निकालने का कोई रास्ता नहीं बचा तो हेलीकॉप्टर के पायलट कैप्टन शोती ने मोर्चा संभाला और खराब मौसम के बावजूद घायलों को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया और उन्हें हॉस्पिटल तक पहुंचाया. बात दें कि राज्य सरकार का हेलीकॉप्टर EC35 वैसे तो मुख्यमंत्री के लिए ही आरक्षित रहता है, लेकिन जब-जब इस तरह की मुश्किलें आई हैं. इस नीले रंग के उड़नखटोला ने बिना देर किए लोगों को आपदाग्रस्त क्षेत्रों से निकाला है.

हेलीकॉप्टर के पायलट कैप्टन शोती ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर गांव की छोटी सी पखडंडी पर हेलीकॉप्टर उतारा. इस सड़क पर हेलीकॉप्टर को लैड कराना कोई आसान काम नहीं था, लेकिन तीन लोगों की जान बचाने के लिए कैप्टन शोती ने बाहदुरी दिखाई और वहां से फंसे तीन घायलों का हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया.

पढ़ें- 2013 में आई आपदा की यादें हुई ताजा, उत्तराखंड में नदी में समा गया दो मंजिला मकान

बता दें कि 2013 की उत्तराखंड आपदा में भी कैप्टन शोती ने इस तरह से बहादुरी का परिचय देते हुए रेस्क्यू ऑपरेशनों में हिस्सा लिया और सैकड़ों लोगों जान बचाई थी. राज्य सरकार ये हेलीकॉप्टर डबल इंजन का है. पायलट शोती 2004 से उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों को हेलीकॉप्टर उड़ा रहे हैं.

Last Updated : Aug 20, 2022, 8:56 PM IST
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