देहरादून: उत्तराखंड में नशा मुक्ति केंद्रों पर लगाम लगाए जाने को लेकर मानसिक स्वास्थ्य नियमावली बनाई गई है. ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य नियमावली के प्रावधानों का पालन कराने के लिए मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण ने सख्ती करना शुरू कर दिया है. दरअसल शुक्रवार को मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष आर राजेश कुमार ने पदाधिकारियों के साथ बैठक की. इसी बीच मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों और नशा मुक्ति केंद्रों को रजिस्ट्रेशन के लिए तीन माह का अल्टीमेटम दिए जाने का निर्णय लिया गया है.
पंजीकरण ना करने पर नशा मुक्ति केंद्रों पर होगी कार्रवाई: अगले 3 महीने के भीतर प्रदेश के सभी सरकारी एवं गैर सरकारी मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों के साथ-साथ नशा मुक्ति केंद्रों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण में रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है. वहीं, मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष आर राजेश कुमार ने बताया कि अगर मानसिक स्वास्थ्य संस्थान और नशा मुक्ति केंद्र पंजीकरण नहीं करते हैं, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
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एनजीओ के सदस्यों को दिया जाएगा प्रशिक्षण: उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 7 मानसिक स्वास्थ्य पुनविलोकन बोर्डों के सरकारी और गैर सरकारी सदस्यों, मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में काम करने वाले एनजीओ के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. गौर रहे कि मानसिक स्वास्थ्य देखरेख (राज्य मानसिक स्वस्थ्य प्राधिकरण, उत्तराखंड) विनियमावली 2023, उत्तराखंड मानसिक स्वास्थ्य देखरेख (मानसिक रूगणता से ग्रसित व्यक्तियों के अधिकार), 2023, मानसिक स्वास्थ्य स्थापना, नशा मुक्ति केन्द्रों की स्थापना और संचालन के लिए न्यूनतम मानक का गजट उत्तराखंड शासन ने प्रकाशित भी कर दिया है.
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