देहरादून: राजधानी में ऑनलाइन ठगी और धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को झारखंड से गिरफ्तार किया है. इस मामले में दून पुलिस ने महिला की शिकायत के आधार पर जांच पड़ताल शुरू की थी. पीड़ित महिला के खाते से आरोपियों ने चार लाख 45 हजार रुपए धोखाधड़ी करके निकाल लिए गए. महिला की तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच शुरू कर दी थी. तीनों आरोपियों का न्यायालय देवधर के सामने पेश कर ट्रांजिट रिमांड पर देहरादून लाया गया. पुलिस को आरोपियों के पास से नौ मोबाइल, 27 सिमकार्ड, 20 नए सिमकार्ड और 53 हजार की नकदी बरामद की है.
डीआईजी देहरादून अरुण मोहन जोशी के अनुसार, 19 फरवरी को शक्ति विहार की रहने वाली टीना गुप्ता ने थाना रायपुर में शिकायत दर्ज कराई थी कि 18 फरवरी को अज्ञात व्यक्ति ने उसे कॉल किया और पेटीएम की केवाईसी करवाने के एवज पर ओटीपी मांगा और खाते से चार लाख 45 हजार रुपए निकाल लिए. पीड़िता की तहरीर के आधार पर थाना रायपुर में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू की.
वहीं ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए डीआईजी ने गिरफ्तारी के लिए तत्काल टीम गठित की. जांच के दौरान कुछ नंबरों के सर्विलांस से पुलिस को आरोपियों की लोकेशन झारखंड मिली. हालांकि कुछ नंबरों की आईडी पश्चिम बंगाल की पाई गई. इस दौरान सर्विलांस टीम को कुछ अन्य नंबरों की भी जानकारी मिली. जिनकी आईडी लखनऊ और दिल्ली की थी.
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जिस पर डीआईजी के आदेश पर पुलिस टीम को तत्काल झारखंड, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और लखनऊ के लिए रवाना किया गया था. पुलिस ने आईडी से मिले पते पर दबिश की तो ज्यादातर पत्र फर्जी पाए गए. वहीं, झारखंड की टीम ने स्थानीय मुखबिर की मदद से तनवीर आलम, नबूवत अंसारी और शरीद को गिरफ्तार किया.
डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि आरोपियों की दबिश के लिए 11 लोगों की टीम को झारखंड रवाना किया गया था. इसी दौरान पुलिस टीम को कई अहम जानकारियां मिली. पता लगा कि इस तरह की ठगी एक स्थान से नहीं बल्कि जगह बदल-बदल कर की जा रही है.