ऋषिकेशः उत्तराखंड के मसालों और सब्जियों को देश-विदेश में पहचान दिलाने के लिए आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव (international spices and vegetables festival) का समापन हो गया है. महोत्सव में देश-विदेश के कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को बेहतर सब्जी उगाने की जानकारी देकर जागरूक किया. खास बात ये रही कि टिहरी की अदरक (Tehri Ginger) और उत्तराखंड की हल्दी (Turmeric of Uttarakhand) का स्वाद और गुणवत्ता ने लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया.
मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद इंटर कॉलेज मैदान में लगे अंतरराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव के अंतिम दिन देश के साथ विदेशों के कृषि विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया. इस मौके पर उन तमाम सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को बेहतर खेती की जानकारी दी गई, जो छोटे-छोटे खेतों में फसल उगा कर अपनी आजीविका को चलाने का प्रयास कर रहे हैं.
ये भी पढ़ेंः अंतरराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में कृषि मंत्री बोले- किसानों को मिल रहा बेहतर प्लेटफार्म
विशेषज्ञों से जानकारी लेने के बाद सामाजिक संस्थाओं ने उम्मीद जताई है कि मिली टिप्स पर काम करके उनकी आय में बढ़ोत्तरी होगी. वहीं, बागवानी और खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर भी बेहतर टिप्स मिलने पर खुशी की चमक देखी गई. किसानों ने बताया कि यदि मिली टिप्स पर काम करके बेहतर रिजल्ट मिलता है तो यह उत्तराखंड के लिए लाभदायक होगा. बशर्ते किसानों को सरकार अपनी योजनाओं का लाभ समय-समय पर देती रहे.
ये भी पढ़ेंः अंतरराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में चंपावत के अदरक के जायके की धूम, विदेशी भी हुए मुरीद
हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर एचएस बवेजा ने बताया कि महोत्सव के दौरान दर्जनों सामाजिक संस्थाओं ने अपने स्टॉल लगाए. जिन्होंने कृषि करने के गुण एक-दूसरे के साथ साझा किए. स्वावलंबी बनने के लिए किए जा रहे कार्यों की जानकारी भी एक दूसरे को दी. इस दौरान देश और विदेश के विशेषज्ञों ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि टिहरी की अदरक (Ginger) और उत्तराखंड की हल्दी (turmeric) का स्वाद और गुणवत्ता पूरे देश में सबसे ज्यादा बेहतर है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंडः पहाड़ों में वरदान साबित हो रही अदरक की खेती, मुनाफे में किसान
उन्होंने बताया कि यदि नई तकनीक के आधार पर काम किया जाए तो दोनों मसालों की गुणवत्ता में और सुधार लाया जा सकता है. जिससे हल्दी और अदरक की डिमांड देश के साथ विदेशों में बढ़ेगी. जिसका लाभ किसानों को उनकी आय में वृद्धि करके मिलेगा.