ETV Bharat / state

मसूरी में 75% आबादी पर गहराया पेयजल संकट, जलस्रोत पर डाला जा रहा मलबा

author img

By

Published : Jul 9, 2021, 7:10 AM IST

Updated : Jul 9, 2021, 8:17 AM IST

मसूरी में प्रतिदिन 2.50 एमएलडी पानी देने वाले जिंसी पेयजल स्रोत को निर्माणाधीन कैम्पटी-थत्यूड़ सड़क मार्ग के निर्माण से खतरा पैदा हो गया है.

threat to water source
जल स्रोत को खतरा

मसूरी: शहर में प्रतिदिन 2.50 एमएलडी पानी देने वाले जिंसी पेयजल स्रोत को निर्माणाधीन कैम्पटी-थत्यूड़ सड़क मार्ग के निर्माण से खतरा पैदा हो गया है. बता दें कि, जिंसी पेयजल स्रोत मसूरी के करीब 25 प्रतिशत पेयजन आपूर्ति को पूरा करता है. जिंसी पेयजल स्रोत होने वाले नुकसान को लेकर मसूरी-गढ़वाल जल संस्थान के अधिकारी भी चिंतित दिखाई दे रहे है. इसके लिए उसने सड़क निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) थत्यूड़ डिविजन को पत्र भेजकर अपनी चिंता व्यक्त की है.

जलस्रोत पर डाला जा रहा मलबा.

मसूरी का उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड से सटा हुआ है. क्षेत्र के लोगों की मांग पर कैम्पटी से जिंसी होते हुए नए मोटर मार्ग का निर्माण करवाया लोक निर्माण विभाग द्वारा करवाया जा रहा है. जिसको लेकर पहाड़ को काटने का काम किया जा रहा है. पहाड़ के कटिंग से निकला मलबा, पत्थर आदि सड़क किनारे जंगल और खाइयों में फेंका जा रहा है. जिससे जिंसी सड़क के नीचे जल स्रोत से खतरा पैदा हो गया है.

पढ़ें: औचक निरीक्षण में 'भटके' स्वास्थ्य मंत्री, खस्ताहाल कैंटीन का रास्ता भूले

गढ़वाल जल संस्थान मसूरी अधिशासी अभियंता केसी पैन्यूली का कहना है कि मलबे को अगर जल स्रोत के समीप गदेरे में मलबा को फेंका जा रहा है, जिससे जिंसी जल स्रोत क्षतिग्रस्त होकर सूखने का खतरा हो गया है. उन्होंने कहा कि जल स्रोत को नुकसान से बचाने के लिए लोक निर्माण विभाग थत्यूड़ के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजकर जलसंस्थान व लोनिवि थत्यूड़ द्वारा जल स्रोत का संयुक्त निरीक्षण करने और अगर संभव हो तो सड़क अलाइनमेंट बदलने का आग्रह किया है. जिससे जल स्रोत को बचाया जा सके.

ग्रामीण मोहन रमोला और भगवती प्रसाद ने कहा कि सड़क के निर्माण से ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं हो रहा है, क्योंकि गांव को सड़कों से नहीं जोड़ा जा रहा है. सड़क निर्माण को लेकर जिस तरीके से पहाड़ों को काटा जा रहा है और उसका मलबा जंगलों और नालों में डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि लगातार पहाड़ कटने से जिंसी जल स्रोत पूरी तरीके से ध्वस्त हो गया है. आने वाले समय में यह जल स्रोत पूरी तरीके से खत्म हो जाएगा. जिसके बाद मसूरी के साथ जिंसी और आसपास के गांव को भी पेयजल की भारी समस्या से जूझना पड़ेगा.

पढ़ें: मुकद्दर का सिकंदर: धामी बोले- डिप्टी CM के लिए की थी भागदौड़, बन गया सीएम

लोक निर्माण विभाग थत्यूड़ डिविजन के अधिशाषी अभियंता रजनीश कुमार सैनी का कहना है कि जिंसी जल स्रोत के समीप एक गदेरा है जिसके ऊपर लोनिवि द्वारा पुलिया निर्माण का आश्वासन दिया गया है. मलबा व पत्थरों को गदेरे में नहीं फेंका जाएगा और जल स्रोत को नुकसान से बचाने के हरसंभव प्रयास किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि जल संस्थान अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण करने का आश्वासन दिया है.

उनका यह भी कहना है कि सड़क निर्माण के लिए वन विभाग द्वारा एनओसी जारी किये जाने के बाद सड़क निर्माण के लिए सर्वे किया गया और अलाइनमेंट में अब परिवर्तन संभव नहीं है.

मसूरी: शहर में प्रतिदिन 2.50 एमएलडी पानी देने वाले जिंसी पेयजल स्रोत को निर्माणाधीन कैम्पटी-थत्यूड़ सड़क मार्ग के निर्माण से खतरा पैदा हो गया है. बता दें कि, जिंसी पेयजल स्रोत मसूरी के करीब 25 प्रतिशत पेयजन आपूर्ति को पूरा करता है. जिंसी पेयजल स्रोत होने वाले नुकसान को लेकर मसूरी-गढ़वाल जल संस्थान के अधिकारी भी चिंतित दिखाई दे रहे है. इसके लिए उसने सड़क निर्माण एजेंसी लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) थत्यूड़ डिविजन को पत्र भेजकर अपनी चिंता व्यक्त की है.

जलस्रोत पर डाला जा रहा मलबा.

मसूरी का उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र टिहरी जिले के जौनपुर विकासखंड से सटा हुआ है. क्षेत्र के लोगों की मांग पर कैम्पटी से जिंसी होते हुए नए मोटर मार्ग का निर्माण करवाया लोक निर्माण विभाग द्वारा करवाया जा रहा है. जिसको लेकर पहाड़ को काटने का काम किया जा रहा है. पहाड़ के कटिंग से निकला मलबा, पत्थर आदि सड़क किनारे जंगल और खाइयों में फेंका जा रहा है. जिससे जिंसी सड़क के नीचे जल स्रोत से खतरा पैदा हो गया है.

पढ़ें: औचक निरीक्षण में 'भटके' स्वास्थ्य मंत्री, खस्ताहाल कैंटीन का रास्ता भूले

गढ़वाल जल संस्थान मसूरी अधिशासी अभियंता केसी पैन्यूली का कहना है कि मलबे को अगर जल स्रोत के समीप गदेरे में मलबा को फेंका जा रहा है, जिससे जिंसी जल स्रोत क्षतिग्रस्त होकर सूखने का खतरा हो गया है. उन्होंने कहा कि जल स्रोत को नुकसान से बचाने के लिए लोक निर्माण विभाग थत्यूड़ के अधिशासी अभियंता को पत्र भेजकर जलसंस्थान व लोनिवि थत्यूड़ द्वारा जल स्रोत का संयुक्त निरीक्षण करने और अगर संभव हो तो सड़क अलाइनमेंट बदलने का आग्रह किया है. जिससे जल स्रोत को बचाया जा सके.

ग्रामीण मोहन रमोला और भगवती प्रसाद ने कहा कि सड़क के निर्माण से ग्रामीणों को कोई फायदा नहीं हो रहा है, क्योंकि गांव को सड़कों से नहीं जोड़ा जा रहा है. सड़क निर्माण को लेकर जिस तरीके से पहाड़ों को काटा जा रहा है और उसका मलबा जंगलों और नालों में डाला जा रहा है. उन्होंने कहा कि लगातार पहाड़ कटने से जिंसी जल स्रोत पूरी तरीके से ध्वस्त हो गया है. आने वाले समय में यह जल स्रोत पूरी तरीके से खत्म हो जाएगा. जिसके बाद मसूरी के साथ जिंसी और आसपास के गांव को भी पेयजल की भारी समस्या से जूझना पड़ेगा.

पढ़ें: मुकद्दर का सिकंदर: धामी बोले- डिप्टी CM के लिए की थी भागदौड़, बन गया सीएम

लोक निर्माण विभाग थत्यूड़ डिविजन के अधिशाषी अभियंता रजनीश कुमार सैनी का कहना है कि जिंसी जल स्रोत के समीप एक गदेरा है जिसके ऊपर लोनिवि द्वारा पुलिया निर्माण का आश्वासन दिया गया है. मलबा व पत्थरों को गदेरे में नहीं फेंका जाएगा और जल स्रोत को नुकसान से बचाने के हरसंभव प्रयास किये जाएंगे. उन्होंने कहा कि जल संस्थान अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण करने का आश्वासन दिया है.

उनका यह भी कहना है कि सड़क निर्माण के लिए वन विभाग द्वारा एनओसी जारी किये जाने के बाद सड़क निर्माण के लिए सर्वे किया गया और अलाइनमेंट में अब परिवर्तन संभव नहीं है.

Last Updated : Jul 9, 2021, 8:17 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.