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उत्तराखंड: रेलवे स्टेशनों के बोर्ड पर उर्दू की जगह अब संस्कृत में नाम - railway station names will be written in saskrit

आने वाले दिनों में उत्तराखंड में सभी रेलवे स्टेशन का नाम हिन्दी, अंग्रेजी के अलावा संस्कृत भाषा में लिखे नजर आएंगे. गौरतलब है कि पहले हिन्दी, अंग्रेजी और उर्दू भाषा में स्टेशनों का नाम लिखा रहता था, लेकिन अब बोर्ड पर से उर्दू हटाकर संस्कृत भाषा को शामिल किया जाएगा.

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रेलवे स्टेशन
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Published : Jan 19, 2020, 3:02 PM IST

देहरादून: रेलवे बोर्ड ने उत्तराखंड में आने वाले सभी स्टेशनों के नाम हिंदी,अंग्रेजी के अलावा संस्कृत में लिखने का फैसला किया है. उत्तराखंड की संस्कृत दूसरी राजकीय भाषा है. इसलिए अब प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिखे जाएंगे. वहीं, रेलवे स्टेशनों के नाम पहले उर्दू भाषा में भी लिखे होते थे. लेकिन अब उस नाम वाले बोर्ड को हटा दिया जाएगा.

रेलवे स्टेशन के नेम बोर्ड से हटेगी उर्दू.

गौरतलब है कि साल 2010 में उत्तराखंड संस्कृत भाषा को अपनी दूसरी राजकीय भाषा बनाने वाला देश का पहला राज्य बना था. रेलवे मैनुअल के मुताबिक, किसी भी राज्य के रेलवे स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और उस राज्य की दूसरी राजकीय भाषा में लिखे होने चाहिए. इसलिए उत्तराखंड के सभी स्टेशनों के नाम अब आप हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिखे दिखेंगे.

बता दें कि प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशनों के नाम उर्दू से संस्कृत में बदलने के लिए रेलवे की ओर से राज्य के उन जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. जहां-जहां पर रेलवे स्टेशन पड़ते हैं. इस पत्र के माध्यम से जिला अधिकारी कार्यालय से उनके जिले में पड़ने वाले सभी स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में पूछे गए हैं.

देहरादून: रेलवे बोर्ड ने उत्तराखंड में आने वाले सभी स्टेशनों के नाम हिंदी,अंग्रेजी के अलावा संस्कृत में लिखने का फैसला किया है. उत्तराखंड की संस्कृत दूसरी राजकीय भाषा है. इसलिए अब प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिखे जाएंगे. वहीं, रेलवे स्टेशनों के नाम पहले उर्दू भाषा में भी लिखे होते थे. लेकिन अब उस नाम वाले बोर्ड को हटा दिया जाएगा.

रेलवे स्टेशन के नेम बोर्ड से हटेगी उर्दू.

गौरतलब है कि साल 2010 में उत्तराखंड संस्कृत भाषा को अपनी दूसरी राजकीय भाषा बनाने वाला देश का पहला राज्य बना था. रेलवे मैनुअल के मुताबिक, किसी भी राज्य के रेलवे स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और उस राज्य की दूसरी राजकीय भाषा में लिखे होने चाहिए. इसलिए उत्तराखंड के सभी स्टेशनों के नाम अब आप हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिखे दिखेंगे.

बता दें कि प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशनों के नाम उर्दू से संस्कृत में बदलने के लिए रेलवे की ओर से राज्य के उन जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है. जहां-जहां पर रेलवे स्टेशन पड़ते हैं. इस पत्र के माध्यम से जिला अधिकारी कार्यालय से उनके जिले में पड़ने वाले सभी स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में पूछे गए हैं.

Intro:देहरादून- रेलवे बोर्ड ने उत्तराखंड में आने वाले सभी स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिखने का फैसला किया है । उत्तराखंड की संस्कृत दूसरी राजकीय भाषा है । इसलिए अब प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी, और उर्दू के बजाय हिंदी, अंग्रेजी और संस्कृत में लिखे जाएंगे ।

गौरतलब है कि साल 2010 में उत्तराखंड संस्कृत भाषा को अपनी दूसरी राजकीय भाषा बनाने वाला देश का पहला राज्य बना था। ऐसे में क्योंकि रेलवे मैनुअल के मुताबिक किसी भी राज्य के रेलवे स्टेशनों के नाम हिंदी, अंग्रेजी और उस राज्य की दूसरी राजकीय भाषा में लिखे होने चाहिए । इसलिए उत्तराखंड के सभी स्टेशनों के नाम अब आप हिंदी, अंग्रेजी, और संस्कृत में लिखे हुए देखेंगे ।






Body:बता दे कि प्रदेश के सभी रेलवे स्टेशनों के नाम उर्दू से संस्कृत में बदलने के लिए रेलवे की ओर से राज्य के उन जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है जहां रेलवे स्टेशन पड़ते हैं । इस पत्र के माध्यम से जिला अधिकारी कार्यालय से उनके जिले में पड़ने वाले सभी स्टेशनों की हिंदी अंग्रेजी और संस्कृत में सही स्पेलिंग पूछी गई है ।




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