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गायब हुए अधिकारी, नेता और समाजसेवी, सड़कों पर फिर लौटीं 'प्रहरी'

ईटीवी भारत ने जब कुमाऊं यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा डबल M.A. कर चुकी हंसी प्रहरी की सच्चाई समाज और सरकार के सामने रखी तो लगा कि अब हंसी प्रहरी और उनके बेटे को न्याय, छत और दो वक्त की रोटी तो नसीब हो ही जाएगी, लेकिन मंत्री, नेता, अधिकारी और समाजसेवियों के दावे बस 'चार दिन की चांदनी...साबित हुए. पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ चुकीं हंसी प्रहरी आज भी हाड़ कंपाने वाली ठंड में सड़कों पर सोने को मजबूर हैं.

Haridwar Hansi Prahari
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Published : Nov 2, 2020, 10:11 PM IST

Updated : Nov 3, 2020, 1:32 PM IST

देहरादून: आपको याद है हरिद्वार की सड़कों पर घूम रही हंसी प्रहरी की कहानी. भला कैसे याद नहीं होगी वो फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाली महिला. अरे वही, जो अपने बच्चे को लेकर हरिद्वार की सड़कों पर घूम रही थी. तब तो हंसी को सभी जान गये होंगे जब सूबे की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य देहरादून से चलकर हरिद्वार उनसे मिलने पहुंची थीं. आपको तब जरूर उसके बारे में पता लग गया होगा जब लोगों ने उनके साथ सेल्फी खिंचवाते हुए, कुछ कपड़े देते हुए या छोटी-मोटी सहायता देते हुए भी फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर डाले थे. इन सब बातों से आपके पूरी कहानी याद आ गई होगी कि कैसे कुमाऊं यूनिवर्सिटी की एक पूर्व मेधावी छात्रा हंसी प्रहरी अल्मोड़ा से हरिद्वार की सड़कों पर पहुंच गई.

पढ़ें- कुमाऊं विवि की जानी-मानी छात्रा मांग रही भीख, पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ लड़ चुकी हैं चुनाव

15 दिन पहले तक आपको यह लगा होगा कि अब तो सरकार ने हंसी की सुध ले ली है, तो हंसी की जिंदगी अब संभल ही जाएगी. हरिद्वार के जिलाधिकारी ने अपने अधिकारियों को भेजा तो एसडीएम भी गाड़ी दौड़ाते हुए उनके पास पहुंच गए.

hansi prahari.
हंसी को मदद देने एसडीेएम भी पहुंचे थे.

कुछ लोगों ने तो उनसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ करते हुए वीडियो तक बनाया. कुछ नए स्थानीय नेताओं ने सरकार में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक का आभार तक व्यक्त करवा दिया.

Haridwar Hansi Prahari
आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने हंसी प्रहरी की सहायता करने के खूब दावे किए.
Hansi Prahari
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने भी हंसी की सहायता के लिये लोग भेजे थे.

पढ़ें- हंसी की मदद करेगी सरकार, परिवार से मिलाने का उठाया बीड़ा, इलाज का खर्च भी उठाएगी

इतना सब कुछ होने के बाद क्या आप यकीन करेंगे कि हंसी आज भी उसी हालत में हैं लेकिन सोशल मीडिया पर सहायता बांट रहे समाजसेवी अब गायब हो गए हैं. वो अधिकारी भी गायब हैं जो यह दम भर रहे थे कि हंसी बस 2 से 3 दिनों में अपने खुद के घर में होंगी. जो दम भर रहे थे कि पहले हंसी ने जो झेला वो झेला लेकिन अब सब कुछ ठीक हो जाएगा. वो हंसी के आसपास लगा मेला अब खत्म हो चुका है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड में हंसी आज भी सड़कों पर सो रही हैं. अगर यूं ही सरकार समाज सोता रहा तो कल भी हंसी सड़कों पर यूं ही हंसी सोती रहेंगी.

Haridwar Hansi Prahari
देहरादून से हंसी प्रहरी से मिलने आईं थीं मंत्री रेखा आर्य.

पढ़ें- उत्तराखंड की हंसी की मदद करेगा हंस फाउंडेशन, सांसद टम्टा ने दिलाया भरोसा

हंसी के भाई ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मंत्री रेखा आर्य को यह पत्र लिखकर कहा था कि उसकी पहले शारीरिक और स्वास्थ्य की जांच करवाई जाए, ताकि वह सोचने और समझने की समझ रख सकें कि उन्हें क्या करना है? लोगों ने इन 15 दिनों में उसके साथ वादे जो किए हैं, वो वादे ठीक वैसे ही निकले जैसे वादे कभी उसके अपनों ने किए थे. हंसी ने न केवल छात्र जीवन के बाद यातनाएं झेलीं, बल्कि आज भी वो ही जीवन जी रही हैं. कोई आखिरकार यह क्यों समझने की कोशिश नहीं कर रहा है हंसी जिस हालत में है उस हालत से निकालने में उसे कोई और नहीं बल्कि समाज और सरकार ही प्रयास कर सकती है.

Hansi Prahari
हंसी से हरिद्वार मेयर ने भी मुलाकात की थी.

पढ़ें- हंसी 'दीदी' से मिलने पहुंची मंत्री रेखा आर्य, महिला कल्याण विभाग में नौकरी का प्रस्ताव

फोटो में दिख रहे है ये लोग वही हैं, जिन्होंने उस दौरान हंसी के आसपास घूम-घूमकर यह दिखाने की कोशिश की थी कि वही सबसे बड़े समाजसेवी हैं. यकीन मानिए, इनमें से किसी व्यक्ति ने उस दिन के बाद हंसी का हाल जानने की भी कोशिश नहीं की. हो सकता है समाजसेवी समय न निकाल पाए हों, लेकिन सत्ता पर बैठी सरकार का क्या? जो वादे तो करके गई, लेकिन उन वादों को पूरा करने के लिए सरकार ने एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया.

Haridwar Hansi Prahari
हंसी प्रहरी के साथ फोटो खिंचवाते नजर आए लोग.

पढ़ें- खबर का असर: अपनों से मिलीं हंसी, भाई आनंद ने की मुलाकात

सरकार आज भी इस बात की प्रतीक्षा कर रही है मानसिक रूप से पीड़ा झेल चुकी हंसी सरकार को जवाब देगी लेकिन कोई भी यह जानने की कोशिश नहीं कर रहा है कि आखिरकार अगर उसे जवाब देना ही होता, तो वह अबतक उन लोगों को जवाब देकर सलाखों के पीछे भिजवा चुकी होती, जिसकी वजह से उसकी यह हालत हुई है. अब सरकार और जिम्मेदार लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी.

देहरादून: आपको याद है हरिद्वार की सड़कों पर घूम रही हंसी प्रहरी की कहानी. भला कैसे याद नहीं होगी वो फर्राटेदार इंग्लिश बोलने वाली महिला. अरे वही, जो अपने बच्चे को लेकर हरिद्वार की सड़कों पर घूम रही थी. तब तो हंसी को सभी जान गये होंगे जब सूबे की महिला एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य देहरादून से चलकर हरिद्वार उनसे मिलने पहुंची थीं. आपको तब जरूर उसके बारे में पता लग गया होगा जब लोगों ने उनके साथ सेल्फी खिंचवाते हुए, कुछ कपड़े देते हुए या छोटी-मोटी सहायता देते हुए भी फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर डाले थे. इन सब बातों से आपके पूरी कहानी याद आ गई होगी कि कैसे कुमाऊं यूनिवर्सिटी की एक पूर्व मेधावी छात्रा हंसी प्रहरी अल्मोड़ा से हरिद्वार की सड़कों पर पहुंच गई.

पढ़ें- कुमाऊं विवि की जानी-मानी छात्रा मांग रही भीख, पूर्व केंद्रीय मंत्री के खिलाफ लड़ चुकी हैं चुनाव

15 दिन पहले तक आपको यह लगा होगा कि अब तो सरकार ने हंसी की सुध ले ली है, तो हंसी की जिंदगी अब संभल ही जाएगी. हरिद्वार के जिलाधिकारी ने अपने अधिकारियों को भेजा तो एसडीएम भी गाड़ी दौड़ाते हुए उनके पास पहुंच गए.

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हंसी को मदद देने एसडीेएम भी पहुंचे थे.

कुछ लोगों ने तो उनसे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तारीफ करते हुए वीडियो तक बनाया. कुछ नए स्थानीय नेताओं ने सरकार में कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक का आभार तक व्यक्त करवा दिया.

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आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने हंसी प्रहरी की सहायता करने के खूब दावे किए.
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कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने भी हंसी की सहायता के लिये लोग भेजे थे.

पढ़ें- हंसी की मदद करेगी सरकार, परिवार से मिलाने का उठाया बीड़ा, इलाज का खर्च भी उठाएगी

इतना सब कुछ होने के बाद क्या आप यकीन करेंगे कि हंसी आज भी उसी हालत में हैं लेकिन सोशल मीडिया पर सहायता बांट रहे समाजसेवी अब गायब हो गए हैं. वो अधिकारी भी गायब हैं जो यह दम भर रहे थे कि हंसी बस 2 से 3 दिनों में अपने खुद के घर में होंगी. जो दम भर रहे थे कि पहले हंसी ने जो झेला वो झेला लेकिन अब सब कुछ ठीक हो जाएगा. वो हंसी के आसपास लगा मेला अब खत्म हो चुका है. हाड़ कंपा देने वाली ठंड में हंसी आज भी सड़कों पर सो रही हैं. अगर यूं ही सरकार समाज सोता रहा तो कल भी हंसी सड़कों पर यूं ही हंसी सोती रहेंगी.

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देहरादून से हंसी प्रहरी से मिलने आईं थीं मंत्री रेखा आर्य.

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हंसी के भाई ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और मंत्री रेखा आर्य को यह पत्र लिखकर कहा था कि उसकी पहले शारीरिक और स्वास्थ्य की जांच करवाई जाए, ताकि वह सोचने और समझने की समझ रख सकें कि उन्हें क्या करना है? लोगों ने इन 15 दिनों में उसके साथ वादे जो किए हैं, वो वादे ठीक वैसे ही निकले जैसे वादे कभी उसके अपनों ने किए थे. हंसी ने न केवल छात्र जीवन के बाद यातनाएं झेलीं, बल्कि आज भी वो ही जीवन जी रही हैं. कोई आखिरकार यह क्यों समझने की कोशिश नहीं कर रहा है हंसी जिस हालत में है उस हालत से निकालने में उसे कोई और नहीं बल्कि समाज और सरकार ही प्रयास कर सकती है.

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हंसी से हरिद्वार मेयर ने भी मुलाकात की थी.

पढ़ें- हंसी 'दीदी' से मिलने पहुंची मंत्री रेखा आर्य, महिला कल्याण विभाग में नौकरी का प्रस्ताव

फोटो में दिख रहे है ये लोग वही हैं, जिन्होंने उस दौरान हंसी के आसपास घूम-घूमकर यह दिखाने की कोशिश की थी कि वही सबसे बड़े समाजसेवी हैं. यकीन मानिए, इनमें से किसी व्यक्ति ने उस दिन के बाद हंसी का हाल जानने की भी कोशिश नहीं की. हो सकता है समाजसेवी समय न निकाल पाए हों, लेकिन सत्ता पर बैठी सरकार का क्या? जो वादे तो करके गई, लेकिन उन वादों को पूरा करने के लिए सरकार ने एक कदम भी आगे नहीं बढ़ाया.

Haridwar Hansi Prahari
हंसी प्रहरी के साथ फोटो खिंचवाते नजर आए लोग.

पढ़ें- खबर का असर: अपनों से मिलीं हंसी, भाई आनंद ने की मुलाकात

सरकार आज भी इस बात की प्रतीक्षा कर रही है मानसिक रूप से पीड़ा झेल चुकी हंसी सरकार को जवाब देगी लेकिन कोई भी यह जानने की कोशिश नहीं कर रहा है कि आखिरकार अगर उसे जवाब देना ही होता, तो वह अबतक उन लोगों को जवाब देकर सलाखों के पीछे भिजवा चुकी होती, जिसकी वजह से उसकी यह हालत हुई है. अब सरकार और जिम्मेदार लोगों को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी.

Last Updated : Nov 3, 2020, 1:32 PM IST
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