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जन संघर्ष मोर्चा की मांग- उत्तराखंड को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करे केंद्र सरकार

जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने उत्तराखंड को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है. उन्होंने सरकार पर विकास नहीं करने का आरोप लगाया.

त्रिवेंद्र सरकार से नाराज जन संघर्ष मोर्चा
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Published : Nov 11, 2019, 11:19 PM IST

विकासनगरः जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने उत्तराखंड को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है. उनका कहना है कि जब न्यायालय से ही सब कुछ होना है तो फिर उत्तराखंड को केंद्र शासित राज्य क्यों नहीं बना दिया जाए.

रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वैसे तो पूर्ववर्ती सरकारों के समय से ही कर्मचारियों व आम जनों का शोषण होता आया है. वहीं, त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल की बात की जाए तो प्रदेश के कर्मचारियों और आमजन को इन ढाई सालों के कार्यकाल में सरकार से न्याय पाने की उम्मीद में सिर्फ ठोकरें और कोरे आश्वासन ही मिले हैं.

त्रिवेंद्र सरकार से नाराज जन संघर्ष मोर्चा

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वहीं, नेगी ने कहा की सब कुछ न्यायालय के माध्यम से ही हो रहा है. छोटे-मोटे कार्य भी न्यायालय के दिशा-निर्देश में होने हैं, तो सरकार की क्या जरूरत है. क्यों सैकड़ों करोड़ों रुपये सरकार चलाने में खर्च किए जा रहे हैं.

विकासनगरः जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष और जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने उत्तराखंड को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की मांग की है. उनका कहना है कि जब न्यायालय से ही सब कुछ होना है तो फिर उत्तराखंड को केंद्र शासित राज्य क्यों नहीं बना दिया जाए.

रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वैसे तो पूर्ववर्ती सरकारों के समय से ही कर्मचारियों व आम जनों का शोषण होता आया है. वहीं, त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल की बात की जाए तो प्रदेश के कर्मचारियों और आमजन को इन ढाई सालों के कार्यकाल में सरकार से न्याय पाने की उम्मीद में सिर्फ ठोकरें और कोरे आश्वासन ही मिले हैं.

त्रिवेंद्र सरकार से नाराज जन संघर्ष मोर्चा

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वहीं, नेगी ने कहा की सब कुछ न्यायालय के माध्यम से ही हो रहा है. छोटे-मोटे कार्य भी न्यायालय के दिशा-निर्देश में होने हैं, तो सरकार की क्या जरूरत है. क्यों सैकड़ों करोड़ों रुपये सरकार चलाने में खर्च किए जा रहे हैं.

Intro:विकासनगर जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने मांग की है कि जब न्यायालय से ही सब कुछ होना है तो फिर केंद्र शासित राज्य क्यों नहीं


Body:रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वैसे तो पूर्ववर्ती सरकारों के समय से ही कर्मचारियों व आम जनों का शोषण होता आया है लेकिन त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल की बात की जाए तो प्रदेश के कर्मचारियों वआमजन को इन ढाई वर्षों से अधिक समय में सरकार से न्याय पाने की उम्मीद में सिर्फ ठोकरे व कोरे आश्वासन ही मिले हैं नतीजा यह हुआ कि कर्मचारियों व आमजन ने सरकार से उम्मीद ना रखकर माननीय उच्च न्यायालय का रुख किया और 19614 मामलों में याचिकाएं( एस एस/ एस बी / एम एस / पी आई एल )के तहत न्यायालय की शरण ली गई


Conclusion:नेगी ने कहा की अगर सबकुछ माननीय न्यायालय के माध्यम से ही होना है तथा छोटे-मोटे कार्य भी माननीय न्यायालय के दिशा निर्देशन में होना है तो सरकार की क्या जरूरत है तथा क्यों सैकड़ों करोड़ों रुपया सरकार चलाने में खर्च किया जा रहा है इसके अतिरिक्त कई अन्य कारण है जिन्हें जनता बखूबी जानती है ऐसे में राज्य में सरकार का क्या औचित्य रह जाता है क्यों ना केंद्र शासित राज्य की ओर कदम बढ़ाया जाए

बाइट _रघुनाथ सिंह नेगी _अध्यक्ष जन संघर्ष मोर्चा उत्तराखंड _. एवं पूर्व उपाध्यक्ष गढ़वाल मंडल विकास निगम.
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