देहरादून: सुद्धोवाला जेल में कोरोना दस्तक दे चुका है. यहां कोरोना से 98 मामले सामने आ चुके हैं. जेल में कोरोना के इतने मामले सामने आने के बाद जेल प्रशासन और कैदी डरे हुए हैं. वहीं कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सेलाकुई स्थित माया कॉलेज को अस्थाई जेल में तब्दील किया गया है, जहां कोरोना संक्रमित कैदियों का इलाज किया जाएगा.
इसके अलावा महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज सुद्धोवाला जेल को भी अस्थाई जेल में बदला गया है. यहां नए कैदियों के रखने के व्यवस्था की गई है. नए कैदियों को पहले 15 दिन के लिए महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज में रखा जाएगा, उसके बाद उन्हें सुद्धोवाला जेल में भेजा जाएगा.
उत्तराखंड में जिस तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है, उससे सरकार और शासन की चिंता बढ़ती जा रही है. इस समय सबसे बड़ी चुनौती सुद्धोवाला जेल प्रशासन के सामने थी. क्योंकि, सुद्धोवाला जेल में वर्तमान में करीब 1000 कैदी है, जो क्षमता से करीब दो गुणा ज्यादा है. जिसमें से करीब 300 मरीजों की सैंपल लिया गया था. 300 में से 98 की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. अभी 700 से अधिक कैदियों का सैंपल लेना बाकी है.
क्षमता से ज्यादा कैदी होने के कारण यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालान करना भी मुश्किल है. इसी को ध्यान में रखते हुए माया कॉलेज सेलाकुई और महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज सुद्धोवाला को अस्थाई जेल में तब्दील किया गया है. ताकि, जेल में कोरोना की चेन की तोड़ा जा सकें.
माया कॉलेज सेलाकुई में कैदियों के इलाज के लिए 18 कमरें तैयार किए गए है. यहां स्वास्थ्य विभाग की एक सैंपल टीम हमेशा तैनात रहेगी, जो कोरोना संक्रमित कैदियों का इलाज करेगी. राज्य में यह पहला अस्थाई तौर से बनाया गया आइसोलेशन कोविड-19 केयर सेंटर होगा. इसके साथ कैदियों को संक्रमण के हिसाब से अलग-अलग कैटेगरी में बाटा गया है.
इसके साथ ही सुद्धोवाला जेल के 98 कोरोना संक्रमित कैदियों को दून हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. दून हॉस्पिटल की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है. वहीं, कुख्यात अपराधियों के लिए सुद्धोवाला में ही आइसोलेशन वार्ड तैयार किया जा रहा है.