ऋषिकेशः एम्स ऋषिकेश में जनरल ओपीडी खुलने के बाद भी टेलीमेडिसिन सेवा जारी रहेगी. बीते 19 अप्रैल को आम मरीजों को फोन पर डॉक्टरी परामर्श उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई थी. तब से इस सुविधा के तहत फोन और व्हाट्सएप कॉल पर विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टर लगातार मरीजों को आवश्यक मेडिकल परामर्श दे रहे हैं. अब यह सेवा आगे भी जारी रहेगी. वहीं, विश्व सिकल सेल एनीमिया दिवस पर ऑनलाइन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
बता दें कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ऋषिकेश की जनरल ओपीडी फिर से शुरू होने में अभी कुछ और समय लगेगा, लेकिन ऐसी स्थिति में एक ही स्थान पर कई लोगों की भीड़ होने से कोविड संक्रमण को फिर से बढ़ावा मिल सकता है. इस समस्या को देखते हुए एम्स की टेलीमेडिसिन सेवाओं को निर्बाध रूप से जारी रखने का निर्णय लिया गया है.
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एम्स ऋषिकेश में टेलीमेडिसिन ओपीडी सेवा के नोडल ऑफिसर डॉ. योगेश बहुरूपी ने बताया कि सामान्य स्थिति के मरीजों को केवल डॉक्टरी परामर्श के लिए अस्पताल आने की आवश्यकता नहीं है. कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए उन्हें भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचना चाहिए. यदि वह टेलीमेडिसिन सेवा का उपयोग करेंगे तो उन्हें संक्रमण का खतरा भी नहीं होगा और फोन या व्हाट्सएप के माध्यम से डॉक्टरी परामर्श भी मिल जाएगा.
एम्स के टेलीमेडिसिन ओपीडी नंबर
- जनरल मेडिसिन- 7217014335
- पल्मोनरी मेडिसिन- 7302893024
- एकीकृत ब्रेस्ट केयर सेंटर- 8791335452
- बर्न एवं प्लास्टिक सर्जरी- 8791237706
- रेडियोथेरेपी- 7417970228
- मेडिकल ऑन्कोलॉजी- 8865989205
- क्लीनिकल हेमोटॉलोजी- 8865989235
- यूरोलॉजी- 8126542780
- मनोचिकित्सा-- 9084976174
- स्त्री रोग- 7060005851
- दन्त रोग- 9619181125
- सीटीवीएस विभाग- 7417051576
विश्व सिकल सेल एनीमिया जागरूकता दिवस पर कार्यक्रम
हर साल 19 जून को विश्व सिकल सेल एनीमिया जागरूकता दिवस के रूप में मनाया जाता है. कोविड के चलते एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में ऑनलाइन जनजागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. इस बीमारी को लेकर जागरुक करने के उद्देश्य से गूगल मीट के माध्यम से लोग जुड़ सकते हैं. जिसमें कोई भी अपनी समस्याओं को रख सकता है. एम्स के बालरोग विभाग में सिकल सेल एनीमिया बीमारी का इलाज और सभी तरह के परीक्षण संबंधी सुविधाएं उपलब्ध हैं.
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सिकल सेल एनीमिया का कारण
यह एक आनुवंशिक रोग है, जिसमें सामान्य गोल और लचीली रक्त कोशिकाएं कठोर व हंसिया के आकार की हो जाती है. इसके कारण वह रक्त कोशिकाओं और ऑक्सीजन को शरीर के चारों ओर स्वतंत्ररूप से घूमने से रोकती है.
सिकल सेल एनीमिया के लक्षण
खून की कमी, थकान, छाती, पेट और हड्डियों में दर्द, हाथों और पैरों की सूजन, बच्चों का विकास देर से होना, बार-बार संक्रमण का होना.
ऐसे लगा सकते हैं सिकल सेल एनीमिया का पता
सिकल सेल एनीमिया का आमतौर पर नवजात स्क्रीनिंग कार्यक्रमों के माध्यम से या हीमोग्लोबिन इलेक्ट्रोफोरेसिस परीक्षण के माध्यम से पता लगाया जाता है.
खतरे के लक्षण
सिकल सेल एनीमिया से ग्रसित व्यक्ति को निम्न में से कोई भी समस्या हो सकती है, ऐसा हो तो उसे जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इस बीमारी के लक्षण में बुखार, हाथ या पैर में सूजन, पेट, छाती, हड्डियों व जोड़ों में तेज दर्द आदि शामिल हैं.
विशेषज्ञ डॉक्टरों की मानें तो चिकित्सा विज्ञान में उन्नति के कारण वर्तमान में यह बीमारी लाइलाज नहीं है. अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण से लेकर आनुवंशिक परीक्षण तक सभी सुविधाएं देश में उपलब्ध हैं. लिहाजा मरीजों को इस बीमारी के प्रति जागरूक होने की आवश्यकता है. जिससे समय रहते इसका निस्तारण किया जा सके.
गूगल मीट के लिए जरिए हो सकते हैं शामिल
यदि आप भी इस जनजागरूकता कार्यक्रम में प्रतिभाग करना चाहते हैं तो https://meet.google.com/igm-ajgh-srs?hs=224 लिंक पर क्लिक कर आप गूगल मीट से जुड़ सकते हैं. इस बाबत अधिक जानकारी के लिए आप मोबाइल नंबर- 9756311539 पर संपर्क कर सकते हैं.