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टिहरीः भुगतान न होने से बोट संचालन ठप, रोजमर्रा की वस्तुओं के लिए तरसते रहे लोग - दो विभागों की आपसी खींचतान

टिहरी डैम के झील बनने के बाद से पास के गांवों के लोगों के आवागमन के लिए शुरू की गई फेरी बोट के अचानक बंद होने हजारों ग्रामवासी परेशान हैं. टीएचडीसी और पुर्नवास विभाग की आपसी खींचतान लोगों पर भारी पड़ रही है.

बोट संचालन ठप
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Published : Oct 26, 2019, 12:23 PM IST

Updated : Oct 26, 2019, 2:23 PM IST

ऋषिकेशः टिहरी जिले में टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड) और पुर्नवास विभाग की आपसी खींचतान का खामियाजा टिहरी झील से सटे गांव के लोग भुगतने को मजबूर हैं. पुर्नवास विभाग द्वारा बोट मालिकों का भुगतान न करने पर आक्रोशित बोट मालिकों द्वारा बोट का संचालन बंद कर दिया है. जिससे एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं.

भुगतान न होने से बोट संचालन ठप

टिहरी डैम के झील बनने के बाद से टिहरी झील से सटे गांवों के आवागमन के लिए पुर्नवास विभाग द्वारा बोटों का संचालन किया गया. जिसका सारा खर्चा टीएचडीसी द्वारा वहन किया जाता है. टिहरी झील के कोटी से रोलाकोट, गडोली, नौताड़, डोबरा,छाम,बुल्डोगी सहित एक दर्जन से अधिक गांव के 5 से 7 हजार लोग रोजाना अपने रोजमर्रा के कामों के लिए फेरी बोट से सफर करते हैं. लेकिन शनिवार सुबह ग्रामीणों की मुश्किलें तब बढ़ गईं जब उन्हें पता चला कि आज बोट संचालन ठप है.

ग्रामीण घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन बोट का संचालन शुरू न होने से उन्हें करीब 40 किमी अतिरिक्त सड़क मार्ग से आना पड़ा, वहीं कुछ लोग तो दूध सब्जी के इंतजार में भी घंटों खड़े रहे और मायूस होकर घर लौट गए.

यह भी पढ़ेंः समाज कल्याण विभाग में एक और बड़ा घोटाला, 60 साल से कम उम्र के लोगों को मिल रही वृद्धा पेंशन

वहीं पुर्नवास विभाग के अधिकारी का कहना है कि टीएचडीसी बजट नहीं दे रहा है जिससे पेमेंट नहीं हो पाया है. लेकिन हम अपने मद से आज ही 2 माह का पेमेंट निकालकर दे रहे हैं और बोट संचालन शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं.

वहीं झील से सटे गांवों के लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. ऐसे में शासन- प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए जिससे टिहरी डैम के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देने वाले लोगों के साथ अन्याय न हो.

ऋषिकेशः टिहरी जिले में टीएचडीसी (टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड) और पुर्नवास विभाग की आपसी खींचतान का खामियाजा टिहरी झील से सटे गांव के लोग भुगतने को मजबूर हैं. पुर्नवास विभाग द्वारा बोट मालिकों का भुगतान न करने पर आक्रोशित बोट मालिकों द्वारा बोट का संचालन बंद कर दिया है. जिससे एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं.

भुगतान न होने से बोट संचालन ठप

टिहरी डैम के झील बनने के बाद से टिहरी झील से सटे गांवों के आवागमन के लिए पुर्नवास विभाग द्वारा बोटों का संचालन किया गया. जिसका सारा खर्चा टीएचडीसी द्वारा वहन किया जाता है. टिहरी झील के कोटी से रोलाकोट, गडोली, नौताड़, डोबरा,छाम,बुल्डोगी सहित एक दर्जन से अधिक गांव के 5 से 7 हजार लोग रोजाना अपने रोजमर्रा के कामों के लिए फेरी बोट से सफर करते हैं. लेकिन शनिवार सुबह ग्रामीणों की मुश्किलें तब बढ़ गईं जब उन्हें पता चला कि आज बोट संचालन ठप है.

ग्रामीण घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन बोट का संचालन शुरू न होने से उन्हें करीब 40 किमी अतिरिक्त सड़क मार्ग से आना पड़ा, वहीं कुछ लोग तो दूध सब्जी के इंतजार में भी घंटों खड़े रहे और मायूस होकर घर लौट गए.

यह भी पढ़ेंः समाज कल्याण विभाग में एक और बड़ा घोटाला, 60 साल से कम उम्र के लोगों को मिल रही वृद्धा पेंशन

वहीं पुर्नवास विभाग के अधिकारी का कहना है कि टीएचडीसी बजट नहीं दे रहा है जिससे पेमेंट नहीं हो पाया है. लेकिन हम अपने मद से आज ही 2 माह का पेमेंट निकालकर दे रहे हैं और बोट संचालन शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं.

वहीं झील से सटे गांवों के लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं. ऐसे में शासन- प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए जिससे टिहरी डैम के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देने वाले लोगों के साथ अन्याय न हो.

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ऋषिकेश--टिहरी जिले में टीएचडीसी और पुर्नवास विभाग की आपसी खींचतान का खामियाजा टिहरी झील से सटे गांव के लोग भुगतने को मजबूर हैं,पुर्नवास विभाग द्वारा फेरी बोट मालिकों का भुगतान नहीं देने पर आक्रोशित बोट मालिकों द्वारा बोट का संचालन बंद कर दिया है जिससे एक दर्जन से अधिक गांव के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई है।


Body:वी/ओ-- टिहरी डैम की झील बनने के बाद से टिहरी झील से सटे गांवों के आवागमन के लिए पुर्नवास विभाग द्वारा फेरी बोट का संचालन किया गया जिसका सारा खर्चा टीएचडीसी द्वारा वहन किया जाता है,टिहरी झील के कोटी से रोलाकोट,गडोली,नौताड़, डोबरा,छाम,बुल्डोगी सहित एक दर्जन से अधिक गांव के 5 से 7 हजार लोग रोजाना अपने रोजमर्रा के कामों के लिए फेरी बोट से सफर करते है,लेकिन आज सुबह ग्रामीणों की मुश्किलें तब बढ़ गई जब उन्हें पता चला की आज बोट संचालन ठप है।

बाईट/- कुलदीप पंवार (फेरी बोट मालिक)

 

वी/ओ-- ग्रामीण घंटों इंतजार करते रहे लेकिन बोट का संचालन शुरू नहीं होने से उन्हें करीब 40 किमी अतिरिक्त सड़क मार्ग से आना पड़ा,वहीं कुछ लोग तो दूध सब्जी के इंतजार में भी घंटों खड़े रहे और मायूस होकर घर लौट गए,वहीं पुर्नवास विभाग के अधिकारी का कहना है कि टीएचडीसी बजट नहीं दे रहा है जिससे पेमेंट नहीं हो पाया लेकिन हम अपने मद से आज ही 2 माह का पेमेंट निकालकर दें रहे हैं और बोट संचालन शुरू करने का प्रयास कर रहे हैं।  

बाईट-- केएन रॉय (अधिशासी अभियंता,पुर्नवास विभाग)




Conclusion:वी/ओ--टिहरी डैम की झील के बनने के बाद से झील से सटे गांवों के लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है..ऐसे में शासन प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए जिससे टिहरी डैम के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर देने वाले लोगों के साथ अन्याय न हो।
Last Updated : Oct 26, 2019, 2:23 PM IST

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