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ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर क्या कर रहे शिक्षक, छात्रों ने किया खुलासा - ऑनलाइन क्लासेस में शिक्षक

कोविड-19 की इस महामारी के दौरान शैक्षणिक कार्य को चलाने के लिए ऑनलाइन क्लासेस का रास्ता निकाला गया है. लेकिन ऑनलाइन क्लासेस के नाम पर महज फोटो खींचकर नोट्स भेजने की औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है.

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Published : May 6, 2020, 11:22 PM IST

देहरादून: लॉकडाउन को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन क्लासेस चलाने के निर्देश तो दिए, लेकिन महाविद्यालयों की तरफ से ऑनलाइन क्लास के नाम पर औपचारिकता ही पूरी की जा रही है. महाविद्यालयों में तमाम क्लासेस को ऑनलाइन चलाने के बजाय महाविद्यालयों के शिक्षक कुछ लिंक और नोट की फोटो भेजकर अपने काम से इतिश्री कर रहे हैं.

हालांकि छात्र इस मामले पर सीधा कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, लेकिन नाम न बताने की शर्त पर छात्र कहते हैं कि शिक्षकों द्वारा लिंक और कुछ नोट्स के फोटो ही भेजे जा रहे हैं जो औपचारिकता मात्र है. यह हाल न केवल किसी एक महाविद्यालय का है, बल्कि अधिकतर महाविद्यालयों की स्थिति भी ऐसी बनी हुई है.

वैसे प्रदेश के पहाड़ी जिलों में पहले ही सिग्नल की प्रॉब्लम के चलते ऑनलाइन क्लास होना बेहद मुश्किल है. जबकि मैदानी जिलों में भी शिक्षक ऐसे कारनामों से क्लास देने से बचते हुए नजर आ रहे हैं.

पढ़े: लॉकडाउन में अब फल-सब्जी बेचेंगे बाबा रामदेव, एक कॉल पर पहुंचेंगी घर

साफ है कि सरकार भले ही ऑनलाइन क्लास के नाम पर शैक्षिक कार्य को बेहतर तरीके से चलाने की बात कह रही हो, लेकिन हकीकत में ऑनलाइन क्लास का फायदा अधिकतर छात्रों को मिल ही नहीं रहा.

देहरादून: लॉकडाउन को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग ने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को ऑनलाइन क्लासेस चलाने के निर्देश तो दिए, लेकिन महाविद्यालयों की तरफ से ऑनलाइन क्लास के नाम पर औपचारिकता ही पूरी की जा रही है. महाविद्यालयों में तमाम क्लासेस को ऑनलाइन चलाने के बजाय महाविद्यालयों के शिक्षक कुछ लिंक और नोट की फोटो भेजकर अपने काम से इतिश्री कर रहे हैं.

हालांकि छात्र इस मामले पर सीधा कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, लेकिन नाम न बताने की शर्त पर छात्र कहते हैं कि शिक्षकों द्वारा लिंक और कुछ नोट्स के फोटो ही भेजे जा रहे हैं जो औपचारिकता मात्र है. यह हाल न केवल किसी एक महाविद्यालय का है, बल्कि अधिकतर महाविद्यालयों की स्थिति भी ऐसी बनी हुई है.

वैसे प्रदेश के पहाड़ी जिलों में पहले ही सिग्नल की प्रॉब्लम के चलते ऑनलाइन क्लास होना बेहद मुश्किल है. जबकि मैदानी जिलों में भी शिक्षक ऐसे कारनामों से क्लास देने से बचते हुए नजर आ रहे हैं.

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साफ है कि सरकार भले ही ऑनलाइन क्लास के नाम पर शैक्षिक कार्य को बेहतर तरीके से चलाने की बात कह रही हो, लेकिन हकीकत में ऑनलाइन क्लास का फायदा अधिकतर छात्रों को मिल ही नहीं रहा.

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