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तदर्थ नियुक्ति की मांग को लेकर गरजे टीचर्स, विधानसभा कूच, पूर्व सीएम हरीश रावत का मिला साथ - teachers day 2023

तदर्थ नियुक्ति की मांग को लेकर माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों की संख्या में शिक्षकों ने विधानसभा कूच किया. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी प्रदर्शन में शामिल हुए और शिक्षकों की मांगों को जायज बताया. वहीं, शिक्षकों के प्रदर्शन को देखते हुए उनको बातचीत के लिए विधान भवन में बुलाया गया था, लेकिन वार्ता के बाद भी कोई सहमति नहीं बन पाई है. ऐसे में सत्र के दूसरे दिन भी प्रदर्शन होगा.

teachers ad hoc appointment
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 5, 2023, 5:36 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 11:03 AM IST

तदर्थ नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षकों को प्रदर्शन.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों शिक्षकों ने विधानसभा कूच किया. प्रदेशभर से आए ये शिक्षक तदर्थ नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. हालांकि, कूच के दौरान पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को रिस्पना पुल से पहले बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. आगे बढ़ने से रोके जाने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आक्रोश व्यक्त किया. शिक्षकों के इस प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हुए.

teachers ad hoc appointment
सरकार के फैसले के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन.

शिक्षकों के प्रदर्शन में शामिल हुए हरीश रावत: वहीं, शिक्षकों के विधानसभा कूच में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शामिल होकर शिक्षकों की मांगों को जायज ठहराया है. हरीश रावत का कहना है कि वो अतिथि शिक्षकों के साथ अपनी भावनात्मक एकजुटता प्रदर्शित करने के उद्देश्य से प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि, इन शिक्षकों के ऊपर राज्य के बच्चों का भविष्य निर्भर करता है, लेकिन सरकार ने इनके सामने गंभीर अनिश्चितता खड़ी कर दी है. सरकार को इस अनिश्चितता को दूर करते हुए शिक्षकों की समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए.
पढ़ें- Termination of Ad hoc Employees: 45 दिनों से आंदोलन पर डटे बर्खास्त कर्मी, अब मिला बसपा का समर्थन

अन्य राज्यों की तरह तदर्थ नियुक्ति की मांग: इधर, प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट का कहना है कि, अतिथि शिक्षक बीते 8 वर्षों से प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में तैनात हैं, लेकिन सरकार उनको तदर्थ नियुक्ति नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में 2 सालों से जो वेतन भोगी कम कर रहे थे उन्हें वहां की सरकार ने नियमित कर दिया है, लेकिन उत्तराखंड सरकार अतिथि शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति नहीं दे रही है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया है कि तत्काल एक बैठक करके तदर्थ नियुक्ति का प्रस्ताव पास किया जाए.

हालांकि, अपनी मांगों को लेकर लामबंद हुए अतिथि शिक्षक सड़क पर ही धरने पर बैठे गए थे. इसके बाद शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए विधान भवन में आमंत्रित किया गया था, लेकिन वार्ता में मांगों को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है. ऐसे में शिक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर कल (6 सितंबर) फिर प्रदर्शन किए जाने का ऐलान किया है.
पढ़ें- विधानसभा मॉनसून सत्र 2023: पहले दिन चंदन रामदास को दी गई श्रद्धांजलि, कल तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित

तदर्थ नियुक्ति की मांग को लेकर शिक्षकों को प्रदर्शन.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के पहले दिन माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले सैकड़ों शिक्षकों ने विधानसभा कूच किया. प्रदेशभर से आए ये शिक्षक तदर्थ नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. हालांकि, कूच के दौरान पुलिस बल ने प्रदर्शनकारियों को रिस्पना पुल से पहले बेरिकेडिंग लगाकर रोक दिया. आगे बढ़ने से रोके जाने से नाराज प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आक्रोश व्यक्त किया. शिक्षकों के इस प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हुए.

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सरकार के फैसले के खिलाफ शिक्षकों का प्रदर्शन.

शिक्षकों के प्रदर्शन में शामिल हुए हरीश रावत: वहीं, शिक्षकों के विधानसभा कूच में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शामिल होकर शिक्षकों की मांगों को जायज ठहराया है. हरीश रावत का कहना है कि वो अतिथि शिक्षकों के साथ अपनी भावनात्मक एकजुटता प्रदर्शित करने के उद्देश्य से प्रदर्शन में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि, इन शिक्षकों के ऊपर राज्य के बच्चों का भविष्य निर्भर करता है, लेकिन सरकार ने इनके सामने गंभीर अनिश्चितता खड़ी कर दी है. सरकार को इस अनिश्चितता को दूर करते हुए शिक्षकों की समस्याओं का समाधान निकालना चाहिए.
पढ़ें- Termination of Ad hoc Employees: 45 दिनों से आंदोलन पर डटे बर्खास्त कर्मी, अब मिला बसपा का समर्थन

अन्य राज्यों की तरह तदर्थ नियुक्ति की मांग: इधर, प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे माध्यमिक अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अभिषेक भट्ट का कहना है कि, अतिथि शिक्षक बीते 8 वर्षों से प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में तैनात हैं, लेकिन सरकार उनको तदर्थ नियुक्ति नहीं दे रही है. उन्होंने कहा कि जिस प्रकार पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में 2 सालों से जो वेतन भोगी कम कर रहे थे उन्हें वहां की सरकार ने नियमित कर दिया है, लेकिन उत्तराखंड सरकार अतिथि शिक्षकों को तदर्थ नियुक्ति नहीं दे रही है. उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से आग्रह किया है कि तत्काल एक बैठक करके तदर्थ नियुक्ति का प्रस्ताव पास किया जाए.

हालांकि, अपनी मांगों को लेकर लामबंद हुए अतिथि शिक्षक सड़क पर ही धरने पर बैठे गए थे. इसके बाद शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को वार्ता के लिए विधान भवन में आमंत्रित किया गया था, लेकिन वार्ता में मांगों को लेकर कोई सहमति नहीं बन पाई है. ऐसे में शिक्षक संघ ने अपनी मांगों को लेकर कल (6 सितंबर) फिर प्रदर्शन किए जाने का ऐलान किया है.
पढ़ें- विधानसभा मॉनसून सत्र 2023: पहले दिन चंदन रामदास को दी गई श्रद्धांजलि, कल तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित

Last Updated : Sep 6, 2023, 11:03 AM IST
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