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अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की परफॉर्मेंस खराब, CBSE Board से परहेज कर रहे शिक्षक, अब रखी ये मांग - अटल उत्कृष्ट विद्यालय को सीबीएसई से हटाने की मांग

उत्तराखंड में कभी सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि रहे अटल उत्कृष्ट विद्यालय अब बड़ी चिंता का सबब बन गए हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि ये विद्यालय सरकार ने सीबीएसई बोर्ड के अधीन तो कर लिए, लेकिन इसका रिजल्ट उम्मीद से बेहद खराब रहा. खास बात ये है कि अब इन विद्यालयों के शिक्षकों ने भी सीबीएसई बोर्ड से दूरी बनाने का मन बना लिया है. इसके लिए शिक्षा विभाग के सामने अपनी बात भी रख ली है.

Govt School Uttarakhand
सरकारी स्कूल उत्तराखंड
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Published : Aug 13, 2023, 10:42 PM IST

Updated : Aug 13, 2023, 10:48 PM IST

अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की परफॉर्मेंस खराब

देहरादूनः उत्तराखंड में 150 से ज्यादा अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को शिक्षा विभाग ने सीबीएसई की मान्यता के साथ शुरू तो कर लिया, लेकिन अब इन विद्यालयों में छात्रों के खराब परफॉर्मेंस में शिक्षा विभाग की नींद उड़ा दी है. बड़ी बात ये है कि अब शिक्षक संगठनों ने भी इन विद्यालयों से सीबीएसई बोर्ड हटाए जाने की मांग रख दी है.

Banshidhar Tiwari
उत्तराखंड शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी

दरअसल, उत्तराखंड में पिछली सरकार के दौरान प्रदेशभर में कई अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड के तहत मान्यता तो दिलवा दी गई. इसे सरकार ने बड़ी उपलब्धि भी माना, लेकिन अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में खराब परफॉर्मेंस के बाद अब इस फैसले को लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं. उधर, इस मामले को लेकर तब और भी ज्यादा चर्चा शुरू हो गई, जब शिक्षक संगठनों ने खुद ही इन विद्यालयों से सीबीएसई बोर्ड की मान्यता हटाकर विद्यालयी शिक्षा बोर्ड उत्तराखंड की मान्यता फिर से करने की मांग रख दी.
ये भी पढ़ेंः 'उत्कृष्ट' साबित नहीं हो रहे अटल विद्यालय, बोर्ड परीक्षाओं में आधे छात्र फेल

जाहिर है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में सीबीएसई की परीक्षा के दौरान छात्रों के खराब परफॉर्मेंस के बाद शिक्षक अब इस बोर्ड से परहेज कर रहे हैं. सीबीएसई बोर्ड के पैटर्न में यह शिक्षक ढल नहीं पा रहे हैं. नतीजतन, अब शिक्षा विभाग को शिक्षकों की इस स्थिति को देखकर एक बार फिर सीबीएसई बोर्ड को लेकर फिर से विचार करना पड़ रहा है.
ये भी पढ़ेंः अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की परफॉर्मेंस सुधारना बना चुनौती, शिक्षा विभाग ने शुरू की ये नई पहल

इससे पहले अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में पहले ही बोर्ड परीक्षा के दौरान सीबीएसई में 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम बेहद खराब रहे थे. इसके बाद कुछ नई दिशा निर्देश भी जारी किए गए थे. ताकि, जिन छात्रों के परिणाम खराब रहे हैं, उनको बेहतर तैयारी करवाई जा सके, लेकिन शिक्षा विभाग के इन प्रयासों के बीच शिक्षकों का बोर्ड को बदलवाने कि अपनी बात रखना ही चिंता पैदा कर रहा है.
ये भी पढ़ेंः शिक्षा व्यवस्था का सूरत-ए-हाल! पौड़ी जिले के 14 सरकारी स्कूलों में लटके ताले, सरकार की साख पर सवाल

अटल उत्कृष्ट विद्यालयों की परफॉर्मेंस खराब

देहरादूनः उत्तराखंड में 150 से ज्यादा अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को शिक्षा विभाग ने सीबीएसई की मान्यता के साथ शुरू तो कर लिया, लेकिन अब इन विद्यालयों में छात्रों के खराब परफॉर्मेंस में शिक्षा विभाग की नींद उड़ा दी है. बड़ी बात ये है कि अब शिक्षक संगठनों ने भी इन विद्यालयों से सीबीएसई बोर्ड हटाए जाने की मांग रख दी है.

Banshidhar Tiwari
उत्तराखंड शिक्षा विभाग के महानिदेशक बंशीधर तिवारी

दरअसल, उत्तराखंड में पिछली सरकार के दौरान प्रदेशभर में कई अटल उत्कृष्ट विद्यालयों को सीबीएसई बोर्ड के तहत मान्यता तो दिलवा दी गई. इसे सरकार ने बड़ी उपलब्धि भी माना, लेकिन अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में खराब परफॉर्मेंस के बाद अब इस फैसले को लेकर कई सवाल खड़े होने लगे हैं. उधर, इस मामले को लेकर तब और भी ज्यादा चर्चा शुरू हो गई, जब शिक्षक संगठनों ने खुद ही इन विद्यालयों से सीबीएसई बोर्ड की मान्यता हटाकर विद्यालयी शिक्षा बोर्ड उत्तराखंड की मान्यता फिर से करने की मांग रख दी.
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जाहिर है कि अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में सीबीएसई की परीक्षा के दौरान छात्रों के खराब परफॉर्मेंस के बाद शिक्षक अब इस बोर्ड से परहेज कर रहे हैं. सीबीएसई बोर्ड के पैटर्न में यह शिक्षक ढल नहीं पा रहे हैं. नतीजतन, अब शिक्षा विभाग को शिक्षकों की इस स्थिति को देखकर एक बार फिर सीबीएसई बोर्ड को लेकर फिर से विचार करना पड़ रहा है.
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इससे पहले अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में पहले ही बोर्ड परीक्षा के दौरान सीबीएसई में 10वीं और 12वीं के परीक्षा परिणाम बेहद खराब रहे थे. इसके बाद कुछ नई दिशा निर्देश भी जारी किए गए थे. ताकि, जिन छात्रों के परिणाम खराब रहे हैं, उनको बेहतर तैयारी करवाई जा सके, लेकिन शिक्षा विभाग के इन प्रयासों के बीच शिक्षकों का बोर्ड को बदलवाने कि अपनी बात रखना ही चिंता पैदा कर रहा है.
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Last Updated : Aug 13, 2023, 10:48 PM IST
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