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चाय के फ्लेवर बढ़ाकर मार्केटिंग करेगा टी बोर्ड, बंद फैक्ट्रियां होंगी शुरू - Closed tea factories will start

उत्तराखंड टी बोर्ड अब चाय की वैरायटी बढ़ाने के लिए अलग-अलग फ्लेवर की चाय उगाकर मार्केटिंग पर जोर देगा. कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने राज्य में चाय उत्पादकता और गुणवत्ता की प्रगति की समीक्षा बैठक के दौरान ये बात कही. टी-बोर्ड बंद पड़ी कई फैक्ट्रियों को फिर चालू करेगा.

Uttarakhand Tea Board News
चाय के फ्लेवर बढ़ाकर मार्केटिंग करेगा टी बोर्ड
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Published : Jul 11, 2020, 11:20 AM IST

देहरादून: उत्तराखण्ड में चाय उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोत्तरी और मार्केटिंग के प्रसार पर चर्चा करते हुए कृषि मंत्री ने कुछ अलग करने की बात कही है. कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि चाय की वैरायटी को बढ़ाने के लिए विभिन्न फ्लेवर की चाय उत्पादन और मार्केटिंग की सम्भावनाएं खोजी जा रही हैं.

आपको बता दें कि विगत वर्षों में 1,360 हेक्टेयर क्षेत्र में चाय की खेती की गयी है. पिछले वर्ष 120 हेक्टेयर का प्रसार हुआ एवं इस वर्ष 130 हेक्टेयर के प्रसार की योजना है.

चम्पावत में चलने वाली फैक्ट्री के सन्दर्भ में टी-बोर्ड की तरफ से वसूली की कार्रवाई की गयी है. टी-बोर्ड विधिक सलाह लेकर इस फैक्ट्री को चलायेगा. चमोली जनपद में भी बन्द फैक्ट्री को चलाया जायेगा.

ये भी पढ़ें: रुद्रप्रयाग : जखोली ब्लॉक में स्वरोजगार के लिये पंजीकृत हुए 2,798 युवा


8 जिलों के 24 ब्लॉकों के 1,000 हेक्टेयर क्षेत्र के प्रसार को 5 वर्षों में किया जायेगा. वर्तमान में किसान की भूमि को 30 वर्ष की लीज पर लिया जाता था अब आपसी सहमति के आधार पर इसकी अवधि 20 वर्ष करने का निर्णय लिया गया. टी-बोर्ड को लम्बी अवधि की ऋण उपलब्ध कराने के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा जायेगा.

देहरादून: उत्तराखण्ड में चाय उत्पादन क्षेत्र में बढ़ोत्तरी और मार्केटिंग के प्रसार पर चर्चा करते हुए कृषि मंत्री ने कुछ अलग करने की बात कही है. कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि चाय की वैरायटी को बढ़ाने के लिए विभिन्न फ्लेवर की चाय उत्पादन और मार्केटिंग की सम्भावनाएं खोजी जा रही हैं.

आपको बता दें कि विगत वर्षों में 1,360 हेक्टेयर क्षेत्र में चाय की खेती की गयी है. पिछले वर्ष 120 हेक्टेयर का प्रसार हुआ एवं इस वर्ष 130 हेक्टेयर के प्रसार की योजना है.

चम्पावत में चलने वाली फैक्ट्री के सन्दर्भ में टी-बोर्ड की तरफ से वसूली की कार्रवाई की गयी है. टी-बोर्ड विधिक सलाह लेकर इस फैक्ट्री को चलायेगा. चमोली जनपद में भी बन्द फैक्ट्री को चलाया जायेगा.

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8 जिलों के 24 ब्लॉकों के 1,000 हेक्टेयर क्षेत्र के प्रसार को 5 वर्षों में किया जायेगा. वर्तमान में किसान की भूमि को 30 वर्ष की लीज पर लिया जाता था अब आपसी सहमति के आधार पर इसकी अवधि 20 वर्ष करने का निर्णय लिया गया. टी-बोर्ड को लम्बी अवधि की ऋण उपलब्ध कराने के लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव भेजा जायेगा.

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