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पिरूल की पत्तियों से 150 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य, नीति के तहत 20 प्रस्तावों को मिला अनुमोदन

पिरूल यानी चीड़ की पत्तियों से बिजली तैयार करना सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. ऐसे में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में पिरूल नीति के तहत 25 किलोवाट के 20 प्रस्तावों को अनुमोदन प्रदान किया गया.

पिरूल की पत्तियों से 150 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य
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Published : May 27, 2019, 11:52 PM IST

देहरादूनः पिरूल नीति के तहत प्रस्तावित प्रोजेक्ट को लेकर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य सचिवालय में एक अहम बैठक की गई. इस दौरान बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, ऊर्जा सचिव राधिका झा के साथ ही उरेडा के कई अधिकारी मौजूद रहे.

बता दें कि पिरूल यानी चीड़ की पत्तियों से बिजली तैयार करना सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. ऐसे में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में पिरूल नीति के तहत 25 किलोवाट के 20 प्रस्तावों को अनुमोदन प्रदान किया गया. वहीं हर साल पिरूल की पत्तियों से 150 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया.

यह भी पढ़ेंःजड़ी-बूटी से 'अन्नदाता' के आए सुख भरे दिन, परंपरागत खेती से मोह हो रहा भंग

बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पिरूल नीति के तहत प्रोजेक्ट लगाने के इच्छुक लोगों और संस्थानों को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.

गौरतलब है कि शासन-प्रशासन को उम्मीद है कि पिरूल नीति के तहत लगाए जाने वाले प्रोजेक्ट से स्थानीय ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिलेगी. इसके साथ ही हर साल होने वाली वनाग्नि की घटनाओं पर भी लगाम लग सकेगी.

देहरादूनः पिरूल नीति के तहत प्रस्तावित प्रोजेक्ट को लेकर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य सचिवालय में एक अहम बैठक की गई. इस दौरान बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, ऊर्जा सचिव राधिका झा के साथ ही उरेडा के कई अधिकारी मौजूद रहे.

बता दें कि पिरूल यानी चीड़ की पत्तियों से बिजली तैयार करना सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है. ऐसे में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में पिरूल नीति के तहत 25 किलोवाट के 20 प्रस्तावों को अनुमोदन प्रदान किया गया. वहीं हर साल पिरूल की पत्तियों से 150 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया.

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बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पिरूल नीति के तहत प्रोजेक्ट लगाने के इच्छुक लोगों और संस्थानों को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.

गौरतलब है कि शासन-प्रशासन को उम्मीद है कि पिरूल नीति के तहत लगाए जाने वाले प्रोजेक्ट से स्थानीय ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिलेगी. इसके साथ ही हर साल होने वाली वनाग्नि की घटनाओं पर भी लगाम लग सकेगी.

Intro:Breaking - Desk please upload this news with still picture of मुख्य सचिव एंड सचिवालय। मीटिंग देर शाम खत्म हुई इसलिए विसुअल नही है

देहरादून- पिरूल नीति के तहत प्रस्तावित प्रोजेक्ट्स को लेकर मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य सचिवालय में एक अहम बैठक बुलाई गई। इस दौरान बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ऊर्जा सचिव राधिका झा के साथ ही उरेडा के कई अधिकारी मौजूद रहे ।

बता दें कि पिरूल यानी चीड़ की पत्तियों से बिजली तैयार करना सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है ।ऐसे में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह की अध्यक्षता में आज हुई अहम बैठक में पिरूल नीति के तहत 25 किलोवाट के 20 प्रस्तावों को अनुमोदन प्रदान किया गया। वहीं हर साल पिरूल की पत्तियों से 150 मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया ।




Body:बता दें कि बैठक में मुख्य सचिव ने अधिकारियों को पिरूल नीति के तहत प्रोजेक्ट लगाने के इक्छुक लोगों और संस्थानों को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ।




Conclusion:गौरतलब है कि शासन- प्रशासन को उम्मीद है कि पिरूल नीति के तहत लगाए जाने वाले प्रोजेक्ट से स्थानीय ग्रामीणों विशेषकर महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण में मदद मिलेगी । इसके साथ ही हर साल होने वाली वनाग्नि की घटनाओं पर भी लगाम लग सकेगी
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