देहरादून: ईटीवी भारत की पलायन को लेकर चलाई गई मुहिम (आ अब लौटें...) का असर होने लगा है. ईटीवी भारत की खबर के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपर तलाई गांव को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल किया है. गांव में सड़क बनाने के लिए सरकार ने दो करोड़ 25 लाख की स्वीकृति दे दी है. साथ ही मुख्यमंत्री कार्यालय ने ईटीवी भारत के इस मुहिम की सराहना भी की है.
ईटीवी भारत ने उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों में खाली होते गांवों को लेकर एक मुहिम (आ अब लौटें...) की शुरुआत की थी. इस मुहिम का उद्देश्य गांव की समस्या को सरकार तक पहुंचाना था, ताकि सरकार उन गांवों के बारे में सोचे और वहां विकास कार्य करे. जिससे गांवों से पलायन रुके सके.
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अपनी इस मुहिम के तहत ईटीवी भारत ने देहरादून जिले में ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की विधानसभा क्षेत्र डोईवाला में स्थित अपर तलाई गांव की पीड़ा दिखाई थी. ईटीवी भारत ने बताया कि किस तरह से सड़क न होने की वजह से गांव में पलायन, अशिक्षा और बेरोजगारी जैसे मुद्दों ने जन्म लिया. ईटीवी भारत की इस खबर का संज्ञान लेने के बाद सरकार ने अपर तलाई गांव को प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल किया है.
इतना ही नहीं मुख्यमंत्री के ओएसडी धीरेंद्र पंवार ने ईटीवी भारत की इस मुहिम की सराहना की है. उन्होंने कहा कि ईटीवी भारत जनता के बीच जाकर जो भी समस्याएं सरकार तक पहुंचा रहा है, उन समस्याओं का समाधान करने का सरकार पूरा प्रयास करेगी.
धीरेंद्र पंवार ने बताया कि सीएम की विधानसभा में अपर तलाई गांव ऐसा आखिरी गांव है, जहां सड़क की समस्या कई सालों से बनी हुई थी, जिसे मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में शामिल कर दिया गया है. सड़क निर्माण के लिए 2 करोड़ 25 लाख रुपए तत्काल प्रभाव से स्वीकृत कर दिए गए हैं.
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मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में आने की वजह से अपर तलाई गांव काफी महत्वपूर्ण हो जाता है. यही वजह है कि हमारी इस रिपोर्ट का संज्ञान खुद मुख्यमंत्री कार्यालय ने लिया और इस गांव में 25 साल पुरानी इस समस्या को दूर करने की कोशिश शुरू की.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इस गांव में तकरीबन 25 साल पहले सड़क के रूप में कच्ची सड़क तो काटी गई, लेकिन आजतक यह सड़क पगडंडी से आगे नहीं बढ़ पाई. लेकिन अब एक बार फिर ईटीवी भारत की वजह से गांव वालों में उम्मीद की किरण जगी है.
नोट: 'आ अब लौटें'...ये मुहिम ईटीवी भारत की एक सच्ची कोशिश है. अपने प्रदेश, अपने गांव की मिट्टी को प्यार करने वाले हर शख्स से अपील है कि हमसें जुड़ें और गांवों को फिर से बसाने में हमारी मदद करें.