देहरादून: शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केंद्र से त्रस्त जनता ने सहसपुर थाने में पहुंचकर प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाए. लोगों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, टिहरी सांसद रानी राज्य लक्ष्मी शाह, सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर, देहरादून मेयर सुनील उनियाल गामा, नगर आयुक्त विनय शंकर पांडे सहित कई सरकारी विभागों और रैमकी कंपनी के खिलाफ चार लाख लोगों की हत्या की साजिश के आरोप में संलिप्त होने की तहरीर दी है.
शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केंद्र हटाने की मांग को लेकर लंबे समय से आन्दोलन कर रहे लोगों ने उत्तराखंड सरकार से आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर लिया है. निस्तारण केंद्र से त्रस्त लोगों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समेत कई अधिकारियों के खिलाफ थाने में तहरीर देकर चार लाख लोगों की हत्या की साजिश करने का आरोप लगाया है.
शीशमबाड़ा कूड़ा निस्तारण केंद्र से प्रभावित परिवारों का कहना है कि निजी स्वार्थों और पैसा कमाने के उद्देश्य से सरकार क्षेत्र का पानी, हवा और पर्यावरण प्रदूषित कर लोगों की जान से खिलवाड़ कर रही है. निस्तारण केंद्र के दुष्प्रभावों के चलते क्षेत्र में कैंसर से मौतों का सिलसिला जारी हो गया है. साथ ही हजारों लोग अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आ गए है. जिसकी जिम्मेदार राज्य सरकार है.
प्रभावितों ने आरोप लगाया है कि सरकार और उसके प्रतिनिधि एक साजिश के तहत चार लाख लोगों की हत्या करना चाहते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अगर क्षेत्र में निस्तारण केंद्र के दुष्प्रभाव से किसी की मौत या गंभीर बीमारियां फैलती हैं, तो इसके लिए सरकार जिम्मेदार होगी.
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आंदोलनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं होता है और निस्तारण केंद्र बंद नहीं किया जाता है. तो जनता खुद प्लांट को बंद करेगी. जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी. साथ ही महिलाओं ने निस्तारण केंद्र के बाहर तीन दिन के बाद सामूहिक भूख हड़ताल की चेतावनी भी दी है.