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सावधान! दूध की जगह पी रहे हैं सफेद जहर, हो सकता है कैंसर जैसी घातक बीमारी - देहरादून पुलिस

केमिकल और सिंथेटिक युक्त दूध और उससे बनाए गए पनीर, घी जैसी अन्य सामग्री के सेवन से कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है. नकली दूध पीने से पहले लिवर और किडनी के डैमेज होने की संभावना होती है. जो बाद में जानलेवा साबित होती है. गर्भवती महिलाओं और पेट में पल रहे शिशु के लिए नकली दूध जहर साबित होता है.

synthetic milk
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Published : Sep 4, 2019, 10:24 PM IST

देहरादूनः राजधानी दून में पुलिस ने नकली दूध और पनीर बनाने वाली फैक्ट्री के भंडाफोड़ किया था. यहां से नकली सिंथेटिक केमिकल्स युक्त दूध से बनी खाद्य सामग्री को धड़ल्ले से पूरे प्रदेश में सप्लाई किया जा रहा था. इस खुलासे के बाद लोगों को स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है. वहीं, डॉक्टरों ने बाजार में बिक रहे केमिकल और सिंथेटिक युक्त दूध को सफेद जहर माना है. इसके सेवन से कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

केमिकल और सिंथेटिक युक्त दूध से होती है घातक बीमारियां.

कई लोग रुपयों के लालच में सफेद दूध के काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं. जिससे सीधे लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. केमिकल्स युक्त नकली दूध ना केवल बड़े उम्र के लोग पी रहे हैं. बल्कि, मासूम बच्चे भी अपनी भूख उसी जहर से मिटा रहे हैं. डॉक्टरों ने ऐसे दूध को बेहद नुकसानदायक बताया है.

दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन एसडी जोशी की मानें तो केमिकल और सिंथेटिक युक्त दूध के सेवन से गर्भवती महिलाओं के कोख में पल रहे शिशु की आंख, कान और अन्य अंग खराब हो सकते हैं. इसके अलावा उसके शरीर में जन्म से पहले ही कई तरह की घातक बीमारियां हो सकती हैं. जिससे बच्चे का शारारीक विकास थम सा जाता है.

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डॉक्टर जोशी के मुताबिक, सिंथेटिक दूध और उससे बनाए गए पनीर, घी जैसी अन्य सामग्री के सेवन से कैंसर होता है. नकली दूध पीने से पहले लिवर और किडनी की डैमेज होने की संभावना होती है. जो बाद में जानलेवा साबित होती है. साथ ही शरीर के कई अंग खराब हो जाती है. इसके बाद उन अंगों का इलाज करना काफी महंगा होता है.

नकली खाद्य सामग्री और मिलावट खोरों की शिकायत तत्काल पुलिस को देंः DG (LO)
शहर में बड़े पैमाने पर केमिकल युक्त दूध, पनीर, घी बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद पुलिस अब सख्त हो गई है. पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि खाद्य पदार्थों में इस तरह के जहरीली मिलावट को लेकर कानून में कई प्रावधान हैं. जिनके तहत समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती है.

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उन्होंने कहा कि जनता को इस तरह की मीठा जहर पिलाने वाले लोगों की समाज में कोई जगह नहीं है. किसी की जिंदगी में प्रोटीन के नाम पर जहर परोसना सबसे बड़ा सामाजिक अपराध है. ऐसे में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाना जरूरी है.

वहीं, उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि अपने आस-पास दूध की सामग्री या इस तरह की कोई भी खाद्य सामग्री में मिलावट की जानकारी मिलने पर तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें. जन भागीदारी से ही मिलावटखोर और नकली सामग्री वालों पर लगाम लगाई जा सकती है. साथ ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके.

देहरादूनः राजधानी दून में पुलिस ने नकली दूध और पनीर बनाने वाली फैक्ट्री के भंडाफोड़ किया था. यहां से नकली सिंथेटिक केमिकल्स युक्त दूध से बनी खाद्य सामग्री को धड़ल्ले से पूरे प्रदेश में सप्लाई किया जा रहा था. इस खुलासे के बाद लोगों को स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है. वहीं, डॉक्टरों ने बाजार में बिक रहे केमिकल और सिंथेटिक युक्त दूध को सफेद जहर माना है. इसके सेवन से कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं.

केमिकल और सिंथेटिक युक्त दूध से होती है घातक बीमारियां.

कई लोग रुपयों के लालच में सफेद दूध के काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं. जिससे सीधे लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. केमिकल्स युक्त नकली दूध ना केवल बड़े उम्र के लोग पी रहे हैं. बल्कि, मासूम बच्चे भी अपनी भूख उसी जहर से मिटा रहे हैं. डॉक्टरों ने ऐसे दूध को बेहद नुकसानदायक बताया है.

दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन एसडी जोशी की मानें तो केमिकल और सिंथेटिक युक्त दूध के सेवन से गर्भवती महिलाओं के कोख में पल रहे शिशु की आंख, कान और अन्य अंग खराब हो सकते हैं. इसके अलावा उसके शरीर में जन्म से पहले ही कई तरह की घातक बीमारियां हो सकती हैं. जिससे बच्चे का शारारीक विकास थम सा जाता है.

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डॉक्टर जोशी के मुताबिक, सिंथेटिक दूध और उससे बनाए गए पनीर, घी जैसी अन्य सामग्री के सेवन से कैंसर होता है. नकली दूध पीने से पहले लिवर और किडनी की डैमेज होने की संभावना होती है. जो बाद में जानलेवा साबित होती है. साथ ही शरीर के कई अंग खराब हो जाती है. इसके बाद उन अंगों का इलाज करना काफी महंगा होता है.

नकली खाद्य सामग्री और मिलावट खोरों की शिकायत तत्काल पुलिस को देंः DG (LO)
शहर में बड़े पैमाने पर केमिकल युक्त दूध, पनीर, घी बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद पुलिस अब सख्त हो गई है. पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि खाद्य पदार्थों में इस तरह के जहरीली मिलावट को लेकर कानून में कई प्रावधान हैं. जिनके तहत समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती है.

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उन्होंने कहा कि जनता को इस तरह की मीठा जहर पिलाने वाले लोगों की समाज में कोई जगह नहीं है. किसी की जिंदगी में प्रोटीन के नाम पर जहर परोसना सबसे बड़ा सामाजिक अपराध है. ऐसे में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाना जरूरी है.

वहीं, उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि अपने आस-पास दूध की सामग्री या इस तरह की कोई भी खाद्य सामग्री में मिलावट की जानकारी मिलने पर तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें. जन भागीदारी से ही मिलावटखोर और नकली सामग्री वालों पर लगाम लगाई जा सकती है. साथ ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके.

Intro:summary-कैमिकल सिंथेटिक वाले दूध सेवन से कैंसर का सबसे बड़ा खतरा,नकली दूध सामग्री से किडनी व लीवर सहित अन्य जानलेवा बीमारी का बड़ा ख़तरा:डॉक्टर
केमिकल युक्त सिंथेटिक वाले नकली दूध को जनता को परोसना सबसे बड़ा अपराध:DG, LO

नकली दूध के सेवन पर डॉक्टरों ने रोंगटे खड़े कर देंने वाली दी जानकारी

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुए नकली दूध और पनीर फैक्ट्री बनाने वाली फैक्ट्री के भंडाफोड़ के बाद अब यह चिंता का विषय बन लगा है कि जिस नकली सिंथेटिक केमिकल्स युक्त खाद्य दूध से बनी सामग्री को जिस तरह से धड़ल्ले से उत्तराखंड की राजधानी में सहित पूरे राज्य में सप्लाई किया जा रहा है.. उससे उन लोगों के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ रहा हैं इस बारे में जब हमने विशेषज्ञ चिकित्सकों से राय जाननी चाही तो.. उनका इस संबंध में जो खुलासा था वह किसी के भी रोंगटे खड़े कर देने वाला हैं। डॉक्टरों की माने तो बाजार में बिक रहे केमिकल व सिंथेटिक युक्त दूध नहीं बल्कि पूरी तरह से सफ़ेद जहर समान है। जो किसी भी उम्र के लोगों की जीवन नरक बनाने के लिए काफी हैं। वही कानून के विशेषज्ञों का मानना है कि जनता में इस तरह का मीठा जहर परोसने वाले लोगों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है साथी इनका कृत्य सबसे बड़ा अपराध है जो समाज के हर वर्क की जिंदगी नष्ट कर रहा है।




Body:नकली दूध के सेवन से गर्भवती महिलाओं सहित ग्रोथ से आगे बढ़ने वाले मासूम बच्चों की जिंदगी बन सकती है नर्क: डॉक्टर्स

डॉक्टरों के मुताबिक इंसानी जिन्दंगी को दांव पर लगाकर अंधे होकर किसी भी कीमत पर पैसा कमाने वाले सफेद दूध के काले कारोबार को आगे बढ़ा रहे व्यापारियों को शायद यह नहीं मालूम उनके बनाए गए केमिकल्स युक्त नकली दूध से ना केवल बड़ी उम्र के जनता पी रही है बल्कि वह मासूम बच्चे भी अपनी भूख उसी ज़हर से मिटा रहे हैं जिससे उनकी जान को सबसे बड़ा खतरा हो सकता है इतना ही नहीं इस दूध से मासूमों के शरीर पर हर तरह के ग्रोथ को रोककर इतनी खतरनाक बीमारी के परिणाम होंगे यह शायद उनको दूध पिलाने वाले उनके मां-बाप को भी मालूम नहीं हैं। दून अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन एसडी जोशी की मानें तो केमिकल युक्त सिंथेटिक दूध सेवन के लिए इतना खतरनाक है कि इसका सेवन अगर गर्भवती महिलाएं करती है तो उनके कोख में पलने वाला बच्चा आंख मकान व जरूरी अंगों के खराब होने से पीड़ित हो सकता है इसके अलावा उसके शरीर में जन्म से पहले ही कई तरह की घातक बीमारी भी जन्म ले सकती है जो उसे आगे पनपते नहीं देगी। इतना ही नहीं डॉक्टर जोशी के मुताबिक सिंथेटिक दूध व उस से बनाए गए पनीर व घी आदि सामग्री के सेवन करने से उम्र से आगे में बढ़ने वाले मासूम बच्चों के शरीर के अलग-अलग जरूरी अंगों की ग्रोथ रुक सकती जिसकी वजह से उनका जीवन खतरे में पड़ सकता है।

बाईट- एसडी जोशी, वरिष्ठ फिजिशियन ,दून अस्पताल

नकली दूध सामग्री से बने पदार्थों से मानव शरीर के अंग एक-एक कर खत्म हो जाते हैं: दून चिकित्सक

बाजार में केमिकल युक्त सिंथेटिक दूध के नाम पर जहर मिलने वाली सामग्री से शरीर पर मीठा फास्ट और तरीके से घुलने वाला केमिकल हैं जिसका असर इतनी जल्दी जल्दी अलग अलग बीमारी के रूप में सामने आता है जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है । इस संबंध में जानकारी देते हुए देहरादून के दून अस्पताल वरिष्ठ फिजिशियन एसडी जोशी बताते है कि यह ज़हरीले दूध से बनी सामग्री सेवन करने से सबसे बड़ा खतरा कैंसर का होता है इसके साथ ही इसके सेवन करने से लिवर और किडनी सबसे पहले डैमेज होने की संभावना जो किसी के लिए जानलेवा हैं। डॉ जोशी के मुताबिक नकली खाद्य सामग्री से तरह-तरह के जानलेवा बीमारियां सामने आ रही है जिसमें शरीर के मुख्य अंग खराब होना प्रमुख शिकायतें हैं इसके बाद उन अंगों के इलाज में भारी-भरकम खर्चा किसी भी आम इंसान के बस की बात कम होती जा रही है। ऐसे में जिस तरह से देहरादून में नकली दूध फैक्ट्री से बने पदार्थों का खुलासा हुआ है वह बेहद ही गंभीर विषय है इस मामले में शासन प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है और जनता को सेहत के नाम पर जहर परोसने वालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई लगाकर इस तरह के गोरखधंधे पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।


बाइट- एसडी जोशी, वरिष्ठ फिजिशियन दून अस्पताल


Conclusion:नकली खाद्य सामग्री बनाने वाले लोगों की समाज में कोई जगह नहीं-DG, LO

देहरादून में ईटीवी भारत के बड़े खुलासे के बाद सवाल यह खड़ा हो रहा है कि किस-किस है पर इतने बड़े पैमाने पर सिंथेटिक केमिकल युक्त पदार्थों से बने दूध बाजार में सप्लाई हो रहा है पुलिस के बड़े अधिकारियों की माने तो खाद्य पदार्थों में इस तरह की जहरीली मिलावट के हमारे कानून में बड़े प्रावधान दिए गए हैं जिनके तहत समय-समय पर कार्रवाई भी होती रहती है।
उत्तराखंड में अपराध व कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने वाले पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार की माने तो जनता को इस तरह से मीठा जहर पिलाने वाले लोगों की समाज में कोई जगह नहीं है किसी की भी जिंदगी में प्रोटीन के नाम पर जहर परोस ना सबसे बड़ा सामाजिक अपराध है ऐसे में इस तरह के अपराधियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लानी जरूरी है।


बाइट- अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था उत्तराखंड



डीजी अशोक कुमार का आग्रह जागरूक बनकर -नकली खाद्य सामग्री व मिलावट खोरों की शिकायत तत्काल पुलिस को दे

इतना ही नहीं डीजी अशोक कुमार के मुताबिक देहरादून के थाना पटेलनगर शिमला बाइपास रोड स्थित इस तरह की नकली केमिकल युक्त दूध पनीर घी बनाने फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद अब पुलिस इस मामले में जनहित के दृष्टिगत समय-समय पर कार्रवाई करती रहेगी ताकि जनता को इस तरह का जहर पिलाने वालों पर प्रभावी तरीके से लगाम लगाई जा सके..
इस तरह के मामलों की संवेदनशीलता को देखते DG, LO अशोक कुमार ने जनता से आग्रह करते हुए अपने संदेश में कहा कि अगर कोई भी अपने आस पास में दूध सामग्री या इस तरह की कोई भी खाद्य सामग्री में मिलावट की वाली जानकारी रखता हो तो इसकी तत्काल सूचना देहरादून एसएसपी और पुलिस मुख्यालय को दें क्योंकि जनभागीदारी से ही मिलावट खोर और नकली सामग्री वालों पर लगाम लगाकर सख्त कार्रवाई की जा सकेगी ताकि जनता की जिंदगी बचाई जा सके।

बाइट- अशोक कुमार, महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था उत्तराखंड

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