देहरादूनः राजधानी दून में पुलिस ने नकली दूध और पनीर बनाने वाली फैक्ट्री के भंडाफोड़ किया था. यहां से नकली सिंथेटिक केमिकल्स युक्त दूध से बनी खाद्य सामग्री को धड़ल्ले से पूरे प्रदेश में सप्लाई किया जा रहा था. इस खुलासे के बाद लोगों को स्वास्थ्य की चिंता सताने लगी है. वहीं, डॉक्टरों ने बाजार में बिक रहे केमिकल और सिंथेटिक युक्त दूध को सफेद जहर माना है. इसके सेवन से कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
कई लोग रुपयों के लालच में सफेद दूध के काले कारोबार को अंजाम दे रहे हैं. जिससे सीधे लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. केमिकल्स युक्त नकली दूध ना केवल बड़े उम्र के लोग पी रहे हैं. बल्कि, मासूम बच्चे भी अपनी भूख उसी जहर से मिटा रहे हैं. डॉक्टरों ने ऐसे दूध को बेहद नुकसानदायक बताया है.
दून मेडिकल कॉलेज के वरिष्ठ फिजिशियन एसडी जोशी की मानें तो केमिकल और सिंथेटिक युक्त दूध के सेवन से गर्भवती महिलाओं के कोख में पल रहे शिशु की आंख, कान और अन्य अंग खराब हो सकते हैं. इसके अलावा उसके शरीर में जन्म से पहले ही कई तरह की घातक बीमारियां हो सकती हैं. जिससे बच्चे का शारारीक विकास थम सा जाता है.
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डॉक्टर जोशी के मुताबिक, सिंथेटिक दूध और उससे बनाए गए पनीर, घी जैसी अन्य सामग्री के सेवन से कैंसर होता है. नकली दूध पीने से पहले लिवर और किडनी की डैमेज होने की संभावना होती है. जो बाद में जानलेवा साबित होती है. साथ ही शरीर के कई अंग खराब हो जाती है. इसके बाद उन अंगों का इलाज करना काफी महंगा होता है.
नकली खाद्य सामग्री और मिलावट खोरों की शिकायत तत्काल पुलिस को देंः DG (LO)
शहर में बड़े पैमाने पर केमिकल युक्त दूध, पनीर, घी बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ होने के बाद पुलिस अब सख्त हो गई है. पुलिस महानिदेशक अपराध व कानून व्यवस्था अशोक कुमार का कहना है कि खाद्य पदार्थों में इस तरह के जहरीली मिलावट को लेकर कानून में कई प्रावधान हैं. जिनके तहत समय-समय पर कार्रवाई भी की जाती है.
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उन्होंने कहा कि जनता को इस तरह की मीठा जहर पिलाने वाले लोगों की समाज में कोई जगह नहीं है. किसी की जिंदगी में प्रोटीन के नाम पर जहर परोसना सबसे बड़ा सामाजिक अपराध है. ऐसे में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाना जरूरी है.
वहीं, उन्होंने लोगों से आग्रह करते हुए कहा कि अपने आस-पास दूध की सामग्री या इस तरह की कोई भी खाद्य सामग्री में मिलावट की जानकारी मिलने पर तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दें. जन भागीदारी से ही मिलावटखोर और नकली सामग्री वालों पर लगाम लगाई जा सकती है. साथ ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके.