देहरादूनः उत्तराखंड शिक्षक महासंघ 27 सितंबर अपनी कई मांगों को लेकर सांकेतिक रूप से प्रदर्शन करते हुए बांह पर काली पट्टी बांधकर स्कूलों में काम करेंगे. शिक्षकों का कहना है कि प्रदर्शन के दौरान पठन-पाठन का कार्य बाधित नहीं होगा. शिक्षकों के इस प्रदर्शन और उनकी मांगों पर महानिदेशक शिक्षा ने अपना पक्ष रखा है. उनका कहना है कि शिक्षक संघ द्वारा मांगों को लेकर विभाग के साथ पत्राचार नहीं किया गया है.
उत्तराखंड शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रदेश के तकरीबन 26 हजार शिक्षक आज पूरे प्रदेश में हाथों में काली पट्टी बांधकर अपना काम करेंगे. शिक्षक संघ द्वारा सांकेतिक प्रदर्शन का ऐलान किया गया है. उत्तराखंड शिक्षक महासंघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने बताया कि 4 अगस्त 2023 को शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षक महासंघ के 33 बिंदू रखे गए थे. विभागीय अधिकारियों की मौजूदगी में की गई बैठक में सहमति बनी थी कि आगामी दो माह में सभी मांगों पर सकारात्मक रूप अपनाते हुए विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी. लेकिन अब तक किसी भी तरह की कार्रवाई ना होने के बाद शिक्षक महासंघ अब चरणबद्ध तरीके से प्रदर्शन करने पर मजबूर है.
नहीं होगी बच्चों की पढ़ाई प्रभावित: उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में 27 सितंबर को पूरे प्रदेश में शिक्षक काली पट्टी बांधकर अपना सांकेतिक प्रदर्शन करेंगे. हालांकि, इस दौरान स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य बाधित नहीं होगा. केवल सांकेतिक रूप से शिक्षक काली पट्टी बांधकर शासन और सरकार को उनके द्वारा किए गए वादे को याद दिलाएंगे.
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वहीं, दूसरी तरफ शिक्षक महासंघ के प्रदर्शन को लेकर शासन-प्रशासन की चिंताएं बढ़ी हुई है. महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी का कहना है कि शिक्षक महासंघ की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण मांग पदोन्नति है. इसकी वरिष्ठता स्तर की सूची अलग-अलग स्तरों पर विचाराधीन है. कुछ मामले न्यायालय में भी विचाराधीन है. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा कोर्ट में भी अपील की गई है कि इन मामलों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाए. इस स्थिति को लेकर शिक्षक संगठन के साथ लगातार कोऑर्डिनेशन किया गया है. कोशिश की गई है कि कोई बीच का रास्ता निकाला जाए, जिससे कि शिक्षकों का भी नुकसान ना हो और इस तरह के प्रदर्शन और हड़ताल की आवश्यकता भी ना पड़े.
शिक्षक संघ ने नहीं किया पत्राचार: बंशीधर तिवारी का कहना है कि पिछले महीने अगस्त में शिक्षक संगठनों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की गई थी. जिसमें सहमति बनी थी कि शिक्षक संघ द्वारा अपनी मांगें लिखित रूप में विभाग को दी जाएगी. उनका कहना है कि शिक्षक संगठन द्वारा किसी भी तरह का कोई पत्राचार विभाग के साथ नहीं किया गया है. लेकिन इसके बावजूद भी विभाग लगातार शिक्षकों की मांगों और उनके समाधान को लेकर गंभीर है.