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स्वामी चिदानंद सरस्वती की लोगों से अपील, कहा- गरीबों की करें मदद - Paramarth Niketan

इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिली रेमिटेंस के अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने गरीबों की मदद करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के समय गरीब और मजदूर सबसे ज्यादा परेशान हैं.

Rishikesh
स्वामी चिदानंद सरस्वती
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Published : Jun 16, 2020, 7:01 PM IST

ऋषिकेश: इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिली रेमिटेंस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि आज पूरा विश्व कोरोना संकट से घिरा हुआ है. इस समय गरीब और प्रवासी मजदूर सबसे अधिक परेशान हैं. न उनके पास घर है और न इनकम का कोई जरिया. उन्हें इस दर्द से उबारने के लिए हम सब की एकजुटता जरूरी है.

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि इस वर्ष इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिली रेमिटेंस को अभूतपूर्व परिस्थितियों में मनाया जा रहा है. कोविड-19 ने पूरी दुनिया को बदल दिया है. लाखों प्रवासी श्रमिक अपनी नौकरी खो चुके हैं और कुछ अभी भी खो रहे हैं. कोविड-19 ने कई परिवारों को अचानक गरीबी रेखा से भी नीचे धकेल दिया है. कई परिवार ऐसे भी हैं जिनके पास दो वक्त की रोटी नहीं है. रहने के लिए घर नहीं है. इन परिवारों की मौलिक जरूरतों को पूरा करने हेतु एक समेकित प्रयास की जरूरत है.

पढ़ें- पौड़ी: 2016 में करोड़ों की लागत से बनी पम्पिंग योजना फेल, ग्रामीण हलकान

उन्होंने कहा की कोरोना काल में भारत सहित विश्व के अनेक लोग और कई परिवार कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं. इन बदलती परिस्थितियों में उनकी मदद के लिए आगे आना होगा. नहीं तो इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं. कोविड-19 ने विश्व के विकास की पूरी प्रणाली को बाधित कर दिया है.

भारत सहित दुनिया के देश जहां एक ओर अपने लोगों की जान बचाने के लिए प्रयासरत हैं वहीं, दूसरी ओर चारों ओर मंदी का दौर है. कोरोना संकट से निपटने और वैश्विक मंदी से उबरने हेतु वैश्विक एकजुटता आवश्यक है.

पढ़ें- प्रवासियों को रोजगार के लिए सीएम त्रिवेंद्र ने दिए 110 करोड़ रुपये

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने लोगों से अपील की कि वास्तव में वर्ष 2020 अपने जीवन को सुरक्षित रखने का वर्ष है. उसके साथ ही हमारे आस-पास कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें मदद की जरूरत है. उनकी मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाएं ताकि इस समय किसी को मदद के अभाव में अपनी जान ना गंवानी पड़े. आइए कोरोना संकट की इस घड़ी में अपने देश और देश के नागरिकों को सम्भालने और सुरक्षित रखने हेतु अपने स्तर पर सहयोग प्रदान करें.

ऋषिकेश: इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिली रेमिटेंस के अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि आज पूरा विश्व कोरोना संकट से घिरा हुआ है. इस समय गरीब और प्रवासी मजदूर सबसे अधिक परेशान हैं. न उनके पास घर है और न इनकम का कोई जरिया. उन्हें इस दर्द से उबारने के लिए हम सब की एकजुटता जरूरी है.

स्वामी चिदानंद सरस्वती ने बताया कि इस वर्ष इंटरनेशनल डे ऑफ फैमिली रेमिटेंस को अभूतपूर्व परिस्थितियों में मनाया जा रहा है. कोविड-19 ने पूरी दुनिया को बदल दिया है. लाखों प्रवासी श्रमिक अपनी नौकरी खो चुके हैं और कुछ अभी भी खो रहे हैं. कोविड-19 ने कई परिवारों को अचानक गरीबी रेखा से भी नीचे धकेल दिया है. कई परिवार ऐसे भी हैं जिनके पास दो वक्त की रोटी नहीं है. रहने के लिए घर नहीं है. इन परिवारों की मौलिक जरूरतों को पूरा करने हेतु एक समेकित प्रयास की जरूरत है.

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उन्होंने कहा की कोरोना काल में भारत सहित विश्व के अनेक लोग और कई परिवार कठिन परिस्थितियों से गुजर रहे हैं. इन बदलती परिस्थितियों में उनकी मदद के लिए आगे आना होगा. नहीं तो इसके परिणाम भयावह हो सकते हैं. कोविड-19 ने विश्व के विकास की पूरी प्रणाली को बाधित कर दिया है.

भारत सहित दुनिया के देश जहां एक ओर अपने लोगों की जान बचाने के लिए प्रयासरत हैं वहीं, दूसरी ओर चारों ओर मंदी का दौर है. कोरोना संकट से निपटने और वैश्विक मंदी से उबरने हेतु वैश्विक एकजुटता आवश्यक है.

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स्वामी चिदानंद सरस्वती ने लोगों से अपील की कि वास्तव में वर्ष 2020 अपने जीवन को सुरक्षित रखने का वर्ष है. उसके साथ ही हमारे आस-पास कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें मदद की जरूरत है. उनकी मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाएं ताकि इस समय किसी को मदद के अभाव में अपनी जान ना गंवानी पड़े. आइए कोरोना संकट की इस घड़ी में अपने देश और देश के नागरिकों को सम्भालने और सुरक्षित रखने हेतु अपने स्तर पर सहयोग प्रदान करें.

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