देहरादून: एनएच-74 मुआवजा घोटाले में फंसे निलंबित आईएएस डॉ. पंकज पांडेय सोमवार को सचिवालय पहुंचे, जहां उन्होंने अधिकारियों से मुलाकात की और अपने खिलाफ चल रही जांच की जानकारी ली. इस मामले की जांच आईएएस भूपेंद्र कौर औलख को दी गई है.
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उत्तराखंड के चर्चित एनएच-74 घोटाले मामले की जांच पिछले कई सालों से चल रही है. इस मामले में दो आईएएस अधिकारियों (पंकज कुमार पांडे और चंद्रेश यादव) को सस्पेंड किया गया था. जबकि इस मामले में कई पीसीएस अधिकारी सलाखों के पीछे जा चुका हैं. हालांकि अभी मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
इस मामले में आईएसए चंद्रेश यादव को तो राहत मिल गई थी, लेकिन पंकज कुमार पांडे अभी भी निलबिंत चल रहे हैं. उन्हें फिलहाल कोई राहत मिलती हुई नहीं दिख रही है. इसी सिलसिले में पंकज पांडे सोमवार को सचिवालय पहुंचे और उन्होंने अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी से मुलाकात की.
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इस दौरान दोनों में क्या बातचीत हुई इसकी जानकारी नहीं लग पाई है. लेकिन इतना जरूर है कि पंकज पांडे इस मामले में राहत पाने की कोशिशों में जुटे हैं. यही कारण था कि वे जांच की प्रगति रिपोर्ट जानने के लिए ही सचिवालय आए थे.
खास बात यह है कि शासन की तरफ से जांच के लिए आईएएस भूपेंद्र कौर औलख को नियुक्त किया गया है. लेकिन चुनाव ड्यूटी के चलते अधिकारियों की जांच आगे नहीं बढ़ पा रही थी. चुनाव प्रक्रिया संपन्न होते ही जांच की रफ्तार तेज हो गई है. इसी का नतीजा है कि आरोपी भी अब सचिवालय के चक्कर काट रहे हैं.
ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बात करते हुए निलंबित आईएएस पंकज कुमार पांडे ने बताया कि वह फिलहाल जांच को लेकर स्थिति जानने के लिए सचिवालय आए थे. कोर्ट में फिलहाल ये मामला विचाारधीन है. ऐसे में उम्मीद है कि उन्हें जल्द राहत मिलेगी. हालांकि उन्होंने कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया. इस सिलसिले में जब अपर मुख्य सचिव कार्मिक राधा रतूड़ी से बात की गई तो उन्होंने मामले पर ज्यादा न बोलते हुए सिर्फ जांच चलने की ही बात कही.