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सीएम धामी-योगी की मुलाकात का दिखने लगा आउटपुट, परिसंपत्ति बंटवारे का सर्वे शुरू

पिछले 21 सालों से चल आ रहे यूपी उत्तराखंड परिसंपत्ति विवाद के अब सुलझने के आसार दिख रहे हैं. नवंबर माह में उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की हुई मुलाकात के बाद अब परिसंपत्ति को लेकर सर्वे का काम शुरू हो गया है.

CM Dhami and Yogi meeting
परिसंपत्तियों बंटवारे को लेकर सर्वे शुरु
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Published : Dec 28, 2021, 7:37 PM IST

Updated : Dec 28, 2021, 8:02 PM IST

देहरादून: पिछले 21 सालों से लटके हुए परिसंपत्ति मामले पर हाल ही में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की मुलाकात हुई थी. अब विधानसभा चुनाव से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी और यूपी के सीएम योगी की मुलाकात का आउटपुट दिखने लगा है. मामले में अब परिसंपत्तियों को लेकर सर्वे का काम शुरू हो गया है.

बता दें कि 18 नवंबर को लखनऊ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात हुई थी. इस दौरान दोनों के बीच पिछले 21 सालों से लटके परिसंपत्ति बंटवारे को लेकर चर्चा हुई, जिससे एक नई उम्मीद जगी.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हुई इस मुलाकात के बाद अब विभागीय स्तरों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है. उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद उत्तराखंड में भी परिसंपत्तियों के संयुक्त सर्वेक्षण को लेकर काम शुरू कर दिया गया है.

परिसंपत्तियों बंटवारे को लेकर सर्वे शुरु

ये भी पढ़ें: अल्मोड़ा में लक्ष्य सेन का हुआ भव्य स्वागत, विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर बढ़ाया देश का मान

सचिव सिंचाई एमएल सेमवाल ने बताया कि विभागीय स्तर पर संयुक्त निरीक्षण का काम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही कुछ हफ्तों के भीतर परिसंपत्तियों को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की संपत्तियों का निरीक्षण किया जाएगा. उसके बाद मुख्यमंत्री स्तर पर हुई वार्ता के अनुसार इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी.

दोनों मुख्यमंत्री की इस मुलाकात में सिंचाई विभाग के साथ-साथ परिवहन निगम और अन्य विभाग जिनमें पिछले 21 सालों से परिसंपत्तियों का बंटवारा नहीं हुआ है, उनको लेकर एक राय से फैसला लिया गया. बैठक में परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर अंतिम निर्णय लेते हुए सभी विभागों में निरीक्षण करते हुए इस मामले पर हल निकाला जाए.

हालांकि, विपक्ष ने धामी और योगी की मुलाकात के बाद परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह का सरेंडर बताया था. साथ ही आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की करोड़ों की संपत्ति को उत्तर प्रदेश को मुफ्त में दे दी है. हालांकि भाजपा सरकार ने इसे लंबित परिसंपत्तियों के बंटवारे के मामले पर एक सफल पहल करार दिया.

देहरादून: पिछले 21 सालों से लटके हुए परिसंपत्ति मामले पर हाल ही में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों की मुलाकात हुई थी. अब विधानसभा चुनाव से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी और यूपी के सीएम योगी की मुलाकात का आउटपुट दिखने लगा है. मामले में अब परिसंपत्तियों को लेकर सर्वे का काम शुरू हो गया है.

बता दें कि 18 नवंबर को लखनऊ में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात हुई थी. इस दौरान दोनों के बीच पिछले 21 सालों से लटके परिसंपत्ति बंटवारे को लेकर चर्चा हुई, जिससे एक नई उम्मीद जगी.

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हुई इस मुलाकात के बाद अब विभागीय स्तरों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है. उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी किए गए आदेश के बाद उत्तराखंड में भी परिसंपत्तियों के संयुक्त सर्वेक्षण को लेकर काम शुरू कर दिया गया है.

परिसंपत्तियों बंटवारे को लेकर सर्वे शुरु

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सचिव सिंचाई एमएल सेमवाल ने बताया कि विभागीय स्तर पर संयुक्त निरीक्षण का काम शुरू कर दिया गया है. जल्द ही कुछ हफ्तों के भीतर परिसंपत्तियों को लेकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की संपत्तियों का निरीक्षण किया जाएगा. उसके बाद मुख्यमंत्री स्तर पर हुई वार्ता के अनुसार इस मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी.

दोनों मुख्यमंत्री की इस मुलाकात में सिंचाई विभाग के साथ-साथ परिवहन निगम और अन्य विभाग जिनमें पिछले 21 सालों से परिसंपत्तियों का बंटवारा नहीं हुआ है, उनको लेकर एक राय से फैसला लिया गया. बैठक में परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर अंतिम निर्णय लेते हुए सभी विभागों में निरीक्षण करते हुए इस मामले पर हल निकाला जाए.

हालांकि, विपक्ष ने धामी और योगी की मुलाकात के बाद परिसंपत्तियों के बंटवारे को लेकर इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह का सरेंडर बताया था. साथ ही आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड की करोड़ों की संपत्ति को उत्तर प्रदेश को मुफ्त में दे दी है. हालांकि भाजपा सरकार ने इसे लंबित परिसंपत्तियों के बंटवारे के मामले पर एक सफल पहल करार दिया.

Last Updated : Dec 28, 2021, 8:02 PM IST
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