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4 जनवरी को SC में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ CBI जांच मामले की सुनवाई, संबंधित मामले भी एकसाथ देखेगा कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत से जुड़ी सीबीआई जांच संबंधी याचिका पर सुनवाई हुई. इस मामले की अगली सुनवाई 4 जनवरी 2023 को होगी. इसी के साथ इस मामले से संबंधित बाकी एसएलपी की सुनवाई भी एक साथ होगी.

Supreme Court
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Nov 22, 2022, 10:59 PM IST

Updated : Nov 23, 2022, 5:36 PM IST

देहरादून: आज सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat SLP) की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट के सीबीआई जांच संबंधी मामले में दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई हुई. दरअसल, हाई कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2020 को उमेश कुमार व अन्य मामले में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी 2023 को होगी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड सरकार की ओर से कहा गया कि कोर्ट उनकी अर्जी पर भी सुनवाई करे. ऐसे में कोर्ट ने सभी विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर 4 जनवरी को एक साथ सुनवाई करने को कहा है.

कौन-कौन सी एसएलपी हैं: पहली एसएलपी नैनीताल हाईकोर्ट के सीबीआई जांच संबंधी मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की है. वहीं, उमेश कुमार पर राजद्रोह (Sedition on Umesh Kumar) की एफआईआर रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के विरोध में हरेंद्र सिंह रावत की एक अन्य एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. तीसरी एसएलपी उत्तराखंड सरकार की ओर से लगाई गई थी.

साल 2020 में उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगाई थी, जिसमें हाई कोर्ट ने पत्रकार उमेश कुमार से राजद्रोह का मामला हटाने और त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) से जुड़े एक मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. हालांकि, इस मामले में त्रिवेंद्र सिंह रावत निजी रूप से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगा चुके थे, लेकिन उस दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री होने के चलते उत्तराखंड सरकार ने भी इस पर एसएलपी लगाई थी.
ये भी पढे़ंः उत्तराखंड सरकार राजद्रोह मामले में वापस नहीं लेगी एसएलपी, विवाद के बाद बदला फैसला

वहीं, बीते 18 नवंबर को धामी सरकार की ओर से ये एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) वापस लेने की खबर सामने आई है. लेकिन विवाद बढ़ने के बाद धामी सरकार ने कदम पीछे खींच लिए थे और यू-टर्न लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई एसएलपी को यथावत रखने का फैसला लिया था. बताया जा रहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की नाराजगी के बाद धामी सरकार ने ये फैसला लिया. वहीं, अब मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई की. जिसके बाद अब एसएलपी से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी को होगी.

देहरादून: आज सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat SLP) की ओर से नैनीताल हाईकोर्ट के सीबीआई जांच संबंधी मामले में दायर विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई हुई. दरअसल, हाई कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2020 को उमेश कुमार व अन्य मामले में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इस मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी 2023 को होगी. वहीं, सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड सरकार की ओर से कहा गया कि कोर्ट उनकी अर्जी पर भी सुनवाई करे. ऐसे में कोर्ट ने सभी विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) पर 4 जनवरी को एक साथ सुनवाई करने को कहा है.

कौन-कौन सी एसएलपी हैं: पहली एसएलपी नैनीताल हाईकोर्ट के सीबीआई जांच संबंधी मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की है. वहीं, उमेश कुमार पर राजद्रोह (Sedition on Umesh Kumar) की एफआईआर रद्द करने के हाईकोर्ट के आदेश के विरोध में हरेंद्र सिंह रावत की एक अन्य एसएलपी सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. तीसरी एसएलपी उत्तराखंड सरकार की ओर से लगाई गई थी.

साल 2020 में उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगाई थी, जिसमें हाई कोर्ट ने पत्रकार उमेश कुमार से राजद्रोह का मामला हटाने और त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) से जुड़े एक मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. हालांकि, इस मामले में त्रिवेंद्र सिंह रावत निजी रूप से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लगा चुके थे, लेकिन उस दौरान त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुख्यमंत्री होने के चलते उत्तराखंड सरकार ने भी इस पर एसएलपी लगाई थी.
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वहीं, बीते 18 नवंबर को धामी सरकार की ओर से ये एसएलपी (विशेष अनुमति याचिका) वापस लेने की खबर सामने आई है. लेकिन विवाद बढ़ने के बाद धामी सरकार ने कदम पीछे खींच लिए थे और यू-टर्न लेते हुए सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई एसएलपी को यथावत रखने का फैसला लिया था. बताया जा रहा है कि त्रिवेंद्र सिंह रावत की नाराजगी के बाद धामी सरकार ने ये फैसला लिया. वहीं, अब मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई की. जिसके बाद अब एसएलपी से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 4 जनवरी को होगी.

Last Updated : Nov 23, 2022, 5:36 PM IST
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